

कांग्रेस
विधायक
रावत
बीजेपी
में
शामिल
–
फोटो
:
अमर
उजाला
विस्तार
मध्यप्रदेश
में
लोकसभा
चुनाव
2024
के
बीच
दल
बदल
का
खेल
जारी
है।
लगातार
कांग्रेसी
नेता
बीजेपी
का
दामन
थाम
रहे
हैं
और
कांग्रेस
को
झटका
पर
झटका
दे
रहे
हैं।
कांग्रेस
में
चल
रही
भगदड़
खत्म
नहीं
हो
रही
है।
मंगलवार
को
कांग्रेस
के
पूर्व
राष्ट्रीय
अध्यक्ष
राहुल
गांधी
मध्यप्रदेश
में
चुनावी
सभा
करने
पहुंचे।
वहीं,
श्योपुर
के
विजयपुर
से
कांग्रेस
विधायक
व
पार्टी
के
कद्दावर
नेता
रामनिवास
रावत
ने
पार्टी
छोड़
दी।
रामनिवास
रावत
सीएम
डॉ.
मोहन
यादव
की
मौजूदगी
में
बीजेपी
ज्वाइन
किया।
अनुमान
लगाया
जा
रहा
है
कि
रावत
को
मध्यप्रदेश
सरकार
में
लोकसभा
चुनाव
के
बाद
मंत्री
पद
से
नवाजा
जा
सकता
है।
बता
दें
कि
मुख्यमंत्री
डॉ.
मोहन
यादव
मंगलवार
को
श्योपुर
जिले
के
विजयपुर
पहुंचे
थे। जहां
बीजेपी
प्रदेश
अध्यक्ष
वीडी
शर्मा,
पूर्व
गृह
मंत्री
नरोत्तम
मिश्रा
की
मौजूदगी
में
रामनिवास
रावत
बीजेपी
में
शामिल
हो
गए।
महापौर
भी
भाजपा
में
हुईं
शामिल
एमपी
में
कांग्रेस
को
एक
साथ
दो
झटके
लगे
हैं।
पहले
तो
कांग्रेस
के
सीनियर
विधायक
रामनिवास
रावत
ने
बीजेपी
ज्वाइन
की।
वहीं,
उनके
साथ
मुरैना
की
महापौर
शारदा
सोलंकी
ने
भी
कांग्रेस
का
साथ
छोड़ा
है
और
बीजेपी
का
दामन
थामा
है।
जानकारी
के
लिए
बता
दें
कि
जब
से
रामनिवास
रावत
के
बीजेपी
ज्वाइन
करने
की
खबरें
सामने
आ
रही
थी,
तभी
से
कांग्रेस
उन्हें
मनाने
की
हर
मुमकिन
कोशिश
कर
रही
थी।
यहां
तक
की
राहुल
गांधी
ने
भी
उन्हें
फोन
कर मनाने
की
कोशिश
की
थी।
पूर्व
मुख्यमंत्री
दिग्विजय
सिंह
लगातार
उनसे
चर्चा
में
थे।
इसके
बावजूद
उन्होंने
कांग्रेस
का
दामन
छोड़
भाजपा
में
शामिल
हो
गए।
रामनिवास
रावत
के
पार्टी
छोड़ने
से
चंबल-अंचल
में
कांग्रेस
को
बड़ा
नुकसान
उठाना
पड़
सकता
है।
रामनिवास
रावत
ओबीसी
का
बड़ा
चेहरा
माने
जाते
हैं।
तीसरे
और
चौथे
चरण
में
एमपी
की
चंबल-अंचल
की
सीटों
पर
मतदान
होंगे।
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पूर्व
मंत्री
और
छह
बार
के
विधायक
हैं
रामनिवास
रावत
रामनिवास
रावत
विजयपुर
विधानसभा
सीट
से
कांग्रेस
विधायक
हैं।
साल
2023
के
विधानसभा
चुनाव
में
वे
6वीं
बार
विधायक
चुने
गए
हैं।
इस
बार
उन्होंने
बीजेपी
के
पूर्व
विधायक
बाबूलाल
मेवरा
को
हराया
था।
इसके
अलावा
रामनिवास
रावत
मुरैना
सीट
से
दो बार
लोकसभा
का
चुनाव
भी
लड़
चुके
हैं।
रामनिवास
रावत
कांग्रेस
में
अहम
पदों
पर
भी
रह
चुके
हैं।
वहीं,
दिग्विजय
सरकार
में
मंत्री
भी
थे।
जबकि
कांग्रेस
के
प्रदेश
कार्यकारी
अध्यक्ष
भी
रह
चुके
हैं।
कयास
लगाए
जा
रहे
हैं
कि
उन्हें
मोहन
सरकार
में
मंत्री
बनाया
जा
सकता
है।
इसके
अलावा
शारदा
सोलंकी
मुरैना
से
कांग्रेस
महापौर
चुनी
गईं
थीं।