अक्षय
बम
को
कार
में
ले
जाते
कैलाश
विजयवर्गीय
और
रमेश
मेंदोला।
–
फोटो
:
अमर
उजाला,
इंदौर
विस्तार
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फॉलो
करें
इंदौर
में
लोकसभा
चुनाव
से
पहले
हुए
घटनाक्रम
ने
पूरे
देश
को
चौंकाकर
रख
दिया
है।
कांग्रेस
प्रत्याशी
अक्षय
कांति
बम
ने
अपना
नामांकन
वापस
ले
लिया
और
इसके
बाद
एक
एक
करके
कई
निर्दलीय
प्रत्याशियों
ने
भी
नामांकन
वापस
लिया।
मंत्री
कैलाश
विजयवर्गीय
और
विधायक
रमेश
मेंदोला
ने
इस
पूरी
योजना
की
कमान
संभाली
और
कांग्रेस
प्रत्याशी
का
नामांकन
वापस
निकलवाने
के
लिए
भी
वे
उसके
साथ
कलेक्टर
कार्यालय
तक
गए।
इसके
बाद
कैलाश
विजयवर्गीय
ने
कार
में
अक्षय
बम
को
बैठकर
फोटो
सोशल
मीडिया
पर
पोस्ट
किया
और
पीएम
नरेन्द्र
मोदी
को
टैग
किया।
इन
सबके
बावजूद
कैलाश
विजयवर्गीय
और
रमेश
मेंदोला
सूरत
में
हुआ
दृश्य
दोहराने
में
सफल
नहीं
हो
पाए।
इंदौर
के
चुनाव
निर्विरोध
नहीं
हो
पाए
और
अभी
भी
मैदान
में
14
प्रत्याशी
डटे
हुए
हैं।
अमर
उजाला
से
बातचीत
में
प्रत्याशियों
ने
कहा
कि
भाजपा
के
मंत्री
और
विधायकों
ने
उन्हें
भी
नामांकन
वापस
लेने
के
लिए
कहा
लेकिन
उन्होंने
साफ
इनकार
कर
दिया।
एक
प्रस्तावक
ने
यह
भी
कहा
कि
उसे
झूठ
बोलकर
कलेक्टर
कार्यालय
ले
जाया
गया
लेकिन
अंतिम
समय
में
वह
झूठ
को
समझ
गया
और
उसने
हस्ताक्षर
करने
से
इनकार
कर
दिया।
संघ
के
पूर्व
प्रचारक
को
नामांकन
वापस
लेने
के
लिए
कहा
संघ
के
पूर्व
प्रचारक
अभय
जैन
ने
इंदौर
लोकसभा
से
निर्दलीय
फार्म
भरा
है।
अमर
उजाला
से
बातचीत
में
उन्होंने
बताया
कि
भाजपा
के
मंत्री
और
विधायक
उनसे
बात
करने
आए
थे।
उन्होंने
कहा
कि
नामांकन
फार्म
वापस
ले
लीजिए
लेकिन
मैंने
इस
पर
साफ
इनकार
कर
दिया।
इसके
बाद
वे
चले
गए।
प्रस्तावक
को
झूठ
बोलकर
ले
गए
अभय
जैन
ने
बताया
कि
हमारे
एक
प्रस्तावक
को
झूठ
बोलकर
कलेक्टर
कार्यालय
ले
जाया
गया।
उनके
समाज
के
अध्यक्ष
ने
घर
जाकर
कहा
कि
समाज
की
धर्मशाला
बनवाने
के
लिए
एक
जगह
बात
करने
चलना
है
और
कार
में
बैठाकर
सीधे
कलेक्टर
कार्यालय
ले
गए।
वहां
पर
उसे
हस्ताक्षर
कर
हमारे
नामांकन
फार्म
को
वापस
लेने
के
लिए
कहा
गया।
इस
पर
उसने
इनकार
कर
दिया
और
उन
लोगों
से
छूटकर
हमारे
पास
आया।
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