Tikamgarh: अवैध खनन कर करोड़ों कमाने वाले EOW की रडार पर, खनिज विभाग की भूमिका संदिग्ध

Tikamgarh: अवैध खनन कर करोड़ों कमाने वाले EOW की रडार पर, खनिज विभाग की भूमिका संदिग्ध
Tikamgarh Those earning crores by illegal mining are on EOW radar Mineral Department role suspicious

अवैध
खनन


फोटो
:
अमर
उजाला

विस्तार

ईओडब्ल्यू
के
समक्ष
टीकमगढ़
अंचल
में
अमानक
रूप
से
क्रेसर
प्लांट
का
संचालन
होने
की
शिकायत
की
गई
थी, जिसमें
एनजीटी
के
निर्धारित
मापदंडों
का
खुले
तौर
पर
उल्लंघन
किए
जाने और
नियम
विरुद्ध
तरीके
से
अवैध
उत्खनन
करने
का
हवाला
दिया
गया
था।
इसको
लेकर
ईओडब्ल्यू
की
टीम
सोमवार
को
खनिज
विभाग
दस्तावेजों
को
खंगालने
और
मामले
की
जांच
करने
पहुंची
तो
अधिकारी-कर्मचारी
अपने
चैंबर से
भाग
खड़े
हुए।
लगभग
तीन घंटे के
लंबे
इंतजार
कर
दल
मौके
से
चला
गया।
लेकिन
खनिज
विभाग
को
एक
पत्र
देने
की
जानकारी
लगी
है।
टीम
जैसे
ही
वापस
लौटी,
तब
जाकर
चपरासी
से
लेकर
पूरे
महकमे ने
राहत
की
सांस
ली।

गौरतलब
है
कि
कुलदीप
जैन
ने
ईओडब्ल्यू
के
महानिदेशक
के
समक्ष
अवैध
खनन
करने
वाले
क्रेशर
संचालकों
पर
कार्रवाई
किए
जाने
को
लेकर
शिकायत
की
थी।
शिकायतकर्ता
का
कहना
है
कि
ग्राम
नारगुड़ा
भाटा
में
खसरा
नंबर
45
(एस)
रकवा
3.569
हेक्टेयर
पर
सुरेश
आदिवासी
पुत्र
कल्ला
आदिवासी
के
नाम
से
क्रेशर
आधारित
गिट्टी,
पत्थर
की
लीज
स्वीकृत
की
गई
थी, जिसकी

तो
पर्यावरण
स्वीकृति
है
और

ही
क्रेशर
का
संचालन
वैधानिक
रूप
से
हो
रहा
है।
उक्त
क्रेशर
प्लांट
का
संचालन
अंशुल
खरे
की
तिरुपति
मिनरल्स
एंड
स्टोन
क्रेशर
फर्म
कर
रही
है।
यहां
से
बनने
वाली गिट्टी
को
ग्राम
नन्हीटेहरी
से
लक्ष्मणपुरा
तक
तथा
बकपुरा
से
सिलामती
तक
बन
रही
सड़क
पर
उपयोग
किया
जा
रहा
है।
बताया
गया
कि आदिवासी
के
नाम
से
बिना
भू
प्रवेश
की
अनुमति
के
अवैध
उत्खनन
कर
बगैर
जारी
किए
पिटपास
के
करोड़ों
का
पत्थर
का
अवैध
उत्खनन
किया
गया
है,
जिसकी
वसूली
केशर
संचालक
अंशुल
खरे
से
की
जाए।


अष्टविनायक
क्रेशर
पर
जमकर
हो
रहा
अवैध
खनन

अष्टविनायक
स्टोन
क्रेशर
कारी-मवई
मार्ग
पर
बगैर
लीज
के
गहरी
खदाने
खोदकर
अवैध
उत्खनन
बेखौफ
तरीके
से
लगातार
जारी
है।
बीजेपी
नेता
अंशुल
खरे
के
साले
मोहित
खरे
की
फर्म
पर
खनिज
विभाग
ने
विगत
8
माह
पूर्व
कार्रवाई कर
करोड़ों
रुपये की
रिकवरी
निकाली
थी।
बावजूद
इसके
आज
भी
बड़े
पैमाने
पर
गिट्टी
बना
कर
निर्माण
कार्यों
की
साइड
पर
बेची
जा
रही
है।


विज्ञापन


विज्ञापन


खनिज
विभाग
की
भूमिका
संदिग्ध

बीते
दिनों
तिरूपति
स्टोन
क्रेशर
पर
खनिज
विभाग
के
इंस्पेक्टर
कुलदीप
जैन
से
अपने
दल
के
साथ
पहुंचे,
मौके
पर
भारी
मात्रा
में
गिट्टी,
खंडा
पत्थर
सहित
डस्ट
के
ढेर
लगे
थे।
कुछ
घंटे
अपना
स्वागत
सत्कार
कराकर
विभाग
की
टीम
फिलहाल क्रेशर
प्लांट
को
बंद
करने
की
बात
कही। लेकिन
रातो-रात
कार्रवाई के
डर
से
क्रेशर
संचालक
ने
पूरा
माल
गायब
करा
दिया।
वहीं,
खनिज
विभाग
के
अधिकारी
और
कर्मचारी
अपनी
आंखों
पर
पट्टी
बांधे
रहे।
इस
पूरे
मामले
में
खनिज
अधिकारी
सहित
पूरे
महकमे
की
भूमिका
संदिग्ध
मानी
जा
रही
है।