Indore News: हमारा समाज आज भी पुरुष प्रधान, पुत्र जन्म को शुभ और पुत्री जन्म को बोझ मानते हैं कुछ लोग

Indore News: हमारा समाज आज भी पुरुष प्रधान, पुत्र जन्म को शुभ और पुत्री जन्म को बोझ मानते हैं कुछ लोग
indore news abhyas mandal

डॉ
कौर


फोटो
:
अमर
उजाला,
इंदौर

विस्तार

एक
पुरुष
एक
महिला
पर
इसलिए
एसिड
अटैक
कर
रहा
है,
क्योंकि
उसने
लड़के
को
जन्म
नहीं
दिया,
वह
उससे
शादी
करने
को
तैयार
नहीं
है।
अब
तो
इसलिए
भी
महिलाओं
पर
एसिड
अटैक
हो
रहे
हैं
क्योंकि
वह
शिक्षा
आदि
क्षेत्रों
मे
पुरुषों
से
आगे
निकल
रही
हैं।
दरअसल
कुछ
पुरुषों
की
मानसिकता
ही
ऐसी
हो
गई
कि
वह
किसी
महिला
को
आगे
बढ़ते
हुए
देखना
ही
नहीं
चाहते,
यही
कड़वा
सच
है।

अभिभाषक
एवं
सामाजिक
कार्यकर्ता
डॉ.
नवप्रीत
कौर
(चंडीगढ़)
ने
यह
बात
आज
अभ्यास
मंडल
के
मासिक
व्याख्यान
में
कही।
वे
प्रेस
क्लब
सभागृह
 में
मुख्य
वक्ता
बतौर
उपस्थित
थीं।
भारत
में
महिलाओं
पर
हिंसात्मक
हमले
विषय
पर
बोलते
हुए
डॉ.
कौर
ने
आगे
कहा
कि
महिलाओं
के
साथ
हमेशा
से
पक्षपात
होता
आया
है
और
आज
भी
जारी
है।
जन्म
के
पहले
ही
भ्रूण
में
उसे
मार
दिया
जाता
है।
शादी
के
बाद
दहेज
की
आड़
में
महिला
को
मारा
जा
रहा
है।
हालांकि
हमारे
संविधान
में
महिला
और
पुरुष
को
बराबर
अधिकार
दिए
गए
हैं
लेकिन
हमारा
समाज
पुरुष
के
मुकाबले
महिला
को
कम
आंकता
है। 

आज
भी
पुत्र
जन्म
को
शुभ
माना
जाता
है
और
पुत्री
जन्म
को
बोझ।
अगर
पढ़ाई
की
बात
हो
तो
लड़के
को
पहले
प्राथमिकता
दी
जाती
है
और
लड़की
को
बाद
में।
लड़की
को
आगे
बढ़ने
के
अवसर
और
स्वतंत्रता
दोनों
ही
कम
हैं,
जो
बताता
है
कि
हमारा
समाज
पुरुष
प्रधान
से
बाहर
नहीं
निकल
पाया
है।
डॉ.
कौर
ने
आगे
कहा
कि
लड़कियों
पर
एसिड
अटैक
इसलिए
होते
हैं
ताकि
उसके
चेहरे
को
बदसूरत
कर
वह
किसी
से
साथ
विवाह
नहीं
कर
सके,
क्योंकि
हमारा
समाज
लड़की
के
चेहरे
की
सुंदरता
पहले
देखता
है।
एसिड
से
चेहरा
ही
नहीं
झुलसता
बल्कि
हड्डियां
तक
गल
जाती
हैं।
एक
एसिड
अटैक
महिला
को
10
से
12
सर्जरी
करानी
पड़ती
है
और
प्रत्येक
सर्जरी
का
खर्च
2
से
3
लाख
रुपए
आता
है। 


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डॉ
कौर
ने
कहा
कि
वर्ष
2005
मे
15
साल
की
उम्र
में
लक्ष्मी
पर
32
वर्ष
के
युवक
ने
एसिड
हमला
किया
था,
क्योंकि
उसने
शादी
करने
से
मना
कर
दिया
था।
लक्ष्मी
ने
2006
में
कोर्ट
में
पीआईएल
लगाई,
लेकिन
फैसला
आया
वर्ष
2013
में
उसके
पहले
दिसंबर
2012
में
निर्भया
केस
हो
गया
था,
अगर
निर्भया
केस
नहीं
होता
तो
शायद
लक्ष्मी
एसिड
हमले
का
फैसला
नहीं
होता।
डॉ.
कौर
ने
आगे
कहा
कि
लड़कियों
को
आगे
बढ़ने
के
अवसर
हमें
अधिक
देने
होंगे।
महिला
और
पुरुष
दोनों
मिलकर
के
ही
एक
सुंदर
समाज
का
निर्माण
कर
सकते
हैं।
श्रोता
बिरादरी
द्वारा
पूछे
गए
विभिन्न
प्रश्नों
के
संतोष
जनक
उत्तर
डॉ.
कौर
ने
दिए।
अतिथि
स्वागत
अभ्यास
मंडल
के
अध्यक्ष
मनीषा
गौर,
डॉ.
पल्लवी
आढाव
ने
किया।
अतिथि
परिचय
दिया
अंजिक्य
डंगावकर
ने।
डॉ.
ओ.
पी.
जोशी
ने
प्रतिक
चिन्ह
प्रदान
किया। 


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कार्यक्रम
का
संचालन
किया
वैशाली
खरे
ने
और
आभार
माना
रामेश्वर
गुप्ता
ने।
कार्यक्रम
में
अशोक
कोठारी,
डॉ
माला
सिंह
ठाकुर,
अनिल
मोड़क,
शफी
शेख,
प्रवीण
जोशी,
हरेराम
वाजपेयी,
हबीब
बेग,
मुरली
खंडेलवॉल,
ग्रीष्मा
त्रिवेदी
दीप्ति
गौर,
आलोक
खरे,
श्याम
पांडे
सहित
बड़ी
संख्या
में
गणमान्य
नागरिक
उपस्थित
थे।