Damoh News: दमोह में दस माह बाद भी नहीं सुधरा गांव का तालाब, लोग हो रहे हैं परेशान

Damoh News: दमोह में दस माह बाद भी नहीं सुधरा गांव का तालाब, लोग हो रहे हैं परेशान
Damoh News: दमोह में दस माह बाद भी नहीं सुधरा गांव का तालाब, लोग हो रहे हैं परेशान

दमोह
में
फूटे
तालाब
की
अब
तक
मरम्मत
नहीं
हुई
है।


फोटो
:
अमर
उजाला

विस्तार

दमोह
जिले
के
तेंदूखेड़ा
ब्लाक
के
पोंड़ी
गांव
का
तालाब
फूट
गया
था।
दस
माह
बीतने
के
बाद
भी
तालाब
की
मरम्मत
का
कार्य
नहीं
हो
पाया
है।
इससे
दर्जनों
किसानों
की
खेती
बंजर
पड़ी
है
तो
मवेशी
भी
पानी
के
लिए
परेशान
हो
रहे
हैं।
जिस
समय
तालाब
फूटा
था,
उस
समय
सैकड़ों
परिवारों
के
लिए
एक
वक्त
का
भोजन
मुश्किल
हो
गया
था।
तब
प्रशासन
ने
ग्रामीणों
को
दोनों
वक्त
का
भोजन
उपलब्ध
कराया
था।
तब
से
अब
तक
तालाब
की
ओर
किसी
ने
ध्यान
नहीं
दिया
है।


मवेशियों
के
लिए
नहीं
पानी

पौंड़ी
गांव
में
जुलाई
माह
में
जलसंसाधन
विभाग
का
तालाब
फूट
गया
गया
था,
जिसके
बाद
गांव
में
बाढ़
आई
थी।
दर्जनों
लोगों
के
घर
इस
आपदा
में
नष्ट
हो
गए
थे।
दस
माह
बाद
भी
शासन-प्रशासन
ने
इस
ओर
ध्यान
नहीं
दिया
है।
गर्मियों
का
मौसम
शुरू
हो
गया
है
और
तेंदूखेड़ा
ब्लॉक
के
कई
गांवों
में
जलसंकट
के
हालात
बने
हैं।
पोंडी
गांव
के
निवासियों
के
लिए
सतधरू
योजना
की
पाइप
लाइन
चालू
है,
लेकिन
मवेशियों
और
जंगल
में
रहने
वाले
जानवरों
के
लिए
पानी
नहीं
बचा
है।
ग्रामीणों
ने
बताया
कि
तालाब
में
बारह
माह
पानी
रहता
था।
मवेशी
और
जंगली
जानवर
उसी
तालाब
का
पानी
पीते
थे।
ग्रामीणों
ने
बताया
कि
हम
लोगों
ने
तालाब
के
सुधार
कार्य
केलिए
कई
बार
जनप्रतिनिधियों
से
गुहार
लगाई,
लेकिन
कोई
निराकरण
नहीं
हुआ।


परेशानियों
से
जूझ
रहे
ग्रामीण

तालाब
फूटने
के
बाद
ग्रामीण
क्षेत्र
के
मवेशी
पानी
की
खोज
में
इधर-उधर
भटक
रहे
हैं 
दूसरी
ओर
ग्रामीण
वर्षा
को
लेकर
भी
चिंतित
हैं।
ग्रामीण
कह
रहे
हैं
कि
वर्षा
के
समय
तालाब
में
जंगलों
का
पानी
एकत्रित
होकर
भरता
था।
इस
वर्ष
भी
भरेगा,
लेकिन
पानी
बह
जाएगा।
यह
पानी
ग्रामीणों
के
लिए
फिर
मुसीबत
बनेगा।
पौंड़ी
निवासी
करन
सिंह
लोधी
ने
बताया
कि
तालाब
फूटने
के
बाद
गांव
में
बहुत
बर्बादी
हुई
थी।
अब
तालाब
सूखा
पड़ा
है
जिसके
कारण
मवेशियों
को
पानी
के
लिए
दर-दर
भटकना
पड़
रहा
है।
हम
लोगों
ने
फूटे
तालाब
का
सुधार
कराने
कई
बार
अधिकारियो
के
पास
लिखित
शिकायत
की,
लेकिन
कोई
सुधार
नहीं
हुआ।
राजकुमार
रजक
ने
बताया
कि
फसलों
की
सिचाई
के
लिए
इसी
तालाब
के
पानी
का
उपयोग
करते
थे,
लेकिन
अब
तालाब
सूखा
पड़ा
है।

पूर्व
उपसरपंच
संतोष
लोधी
और
राजाराम
सेन
ने
बताया
कि
फूटे
तालाब
का
सुधार
कराने
के
लिए
हम
लोगों
ने
नेताओं,
मंत्रियों
और
अधिकारियो
को
अवगत
कराया,
लेकिन
किसी
ने
ध्यान
नहीं
दिया।
कभी
विधानसभा
चुनाव
तो
अब
लोकसभा
चुनाव
की
आचार
संहिता
लग
चुकी
है।
तीन
से
चार
माह
में
बारिश
शुरू
हो
जाएगी।
फिर
पूर्व
जैसी
तबाही
गांव
में
देखने
को
मिलेगी।
तेंदूखेड़ा
जलसंसाधन
विभाग
के
एसडीओ
राहुल
जैन
का
कहना
है
कि
तालाब
फूटने
के
बाद
से
ही
मैंने
तालाब
की
मरम्मत
के
लिए
भोपाल
पत्राचार
किया
है।
अभी
लोकसभा
चुनाव
की
आचार
संहिता
लगी
हुई
है
इसके
हटते
ही
मंजूरी
मिलने
की
उम्मीद
है।
तब
सुधार
कार्य
शुरू
किया
जाएगा।