
में
मंगलवार
को
हुए
सिटी
बस
हादसे
में
दो
छात्राएं
गंभीर
रूप
से
घायल
हो
गईं।
एनएसयूआई
और
एबीवीपी
दोनों
ही
इस
घटना
के
विरोध
में
बुधवार
को
सड़क
पर
उतरे।
खंडवा
रोड
स्थित
डीएवीवी
कैंपस
में
दोनों
संगठनों
ने
नगर
निगम
और
प्रशासन
के
खिलाफ
नारेबाजी
की
और
यूनिवर्सिटी
के
सामने
स्पीड
ब्रेकर्स
बढ़ाने
की
मांग
की।
दोनों
ही
संगठनों
का
कहना
है
कि
डीएवीवी
कैंपस
के
गेट
पर
लगातार
सड़क
दुर्घटनाएं
हो
रही
हैं।
छात्रों
का
कहना
है
कि
अभी
यहां
पर
नया
फोरलेन
बना
है
जिसकी
वजह
से
वाहन
बहुत
तेज
गति
से
यूनिवर्सिटी
के
सामने
से
गुजरते
हैं।
इस
वजह
से
यहां
पर
छात्र
लगातार
दुर्घटना
का
शिकार
हो
रहे
हैं।
बताया
जा
रहा
है
कि
डीएवीवी
यहां
पर
स्पीड
ब्रेकर्स
बनाने
के
लिए
निगम
को
पत्र
लिख
चुका
है
लेकिन
निगम
के
द्वारा
इस
ओर
ध्यान
नहीं
दिया
जा
रहा
है।
महापौर
और
कुलपति
ने
दी
समझाइश
विरोध
प्रदर्शन
कर
रहे
छात्र
संगठनों
को
महापौर
पुष्यमित्र
भार्गव
और
कुलपति
प्रो
रेणु
जैन
समझाने
के
लिए
पहुंची।
दोनों
ने
छात्रों
से
बात
की
और
निगम
अधिकारियों
को
तुरंत
समाधान
करने
के
निर्देश
दिए।
तुरंत
ब्रेकर
बनना
शुरू
हुए
महापौर
के
निर्देश
के
बाद
यूनिवर्सिटी
के
सामने
तुरंत
स्पीड
ब्रेकर
बनना
शुरू
हो
गए।
दोपहर
में
महापौर
और
कुलपति
ने
छात्रों
से
बात
की
और
शाम
तक
ब्रेकर
बनकर
लगाए
जा
चुके
थे।
ब्रेकर
बनाना
हल
नहीं
ट्रैफिक
से
जुड़े
विशेषज्ञों
का
मानना
है
कि
ब्रेकर
बनाना
हल
नहीं
है।
डाक्टर
श्याम
सुंदर
ने
कहा
कि
महज
स्पीड
ब्रेकर
ही
समस्या
का
सम्पूर्ण
समाधान
नहीं
है।
हादसे
के
लिए
जिम्मेदार
ड्राइवर
का
लाइसेंस
सस्पेंड
करना
चाहिए।
इसके
साथ
सिटी
बस
संचालक
द्वारा
ड्राइवर
के
कम
से
कम
तीन
महीने
का
भुगतान
रोकना
चाहिए।
इसके
साथ
बसों
में
वीडियो
कैमरा,
सेंसर
लगाना
चाहिए।
कमर्शियल
वाहन
के
संचालन
में
यातायात
नियमों
के
तहत
एक
स्विच
लगाया
जाता
है
जिसको
पुश
करके
चलते
वाहन
की
लापरवाही
पर
नियंत्रक
से
संवाद
सम्भव
होता
है।
इसे
भी
लगाना
चाहिए।
बड़े
शहरों
की
तर्ज
पर
सम्पूर्ण
शहर
में
स्पीड
नियंत्रण
वाले
कैमरे
लगाना
चाहिए।
सड़क
परिवहन
के
विभिन्न
नियम
जो
प्रायः
निजी
वाहनों
पर
लागू
होते
हैं
इन
शासकीय
वाहनों
पर
भी
उसी
के
अनुरूप
कार्यवाही
करना
चाहिए।