दिल्ली LG की सिफारिश-केजरीवाल की NIA जांच हो: दिल्ली CM पर आतंकी संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस’ से 133 करोड़ रुपए लेने का आरोप

दिल्ली LG की सिफारिश-केजरीवाल की NIA जांच हो: दिल्ली CM पर आतंकी संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस’ से 133 करोड़ रुपए लेने का आरोप


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दिल्ली
3
मिनट
पहले

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LG वीके सक्सेना ने वर्ल्ड हिंदू फेडरेशन के राष्ट्रीय महासचिव आशू मोंगिया की शिकायत के आधार पर यह सिफारिश की है। - Dainik Bhaskar


LG
वीके
सक्सेना
ने
वर्ल्ड
हिंदू
फेडरेशन
के
राष्ट्रीय
महासचिव
आशू मोंगिया की
शिकायत
के
आधार
पर
यह
सिफारिश
की
है।

दिल्ली
के
उपराज्यपाल
वीके
सक्सेना
ने
दिल्ली
CM
अरविंद
केजरीवाल
के
खिलाफ
NIA
जांच
की
सिफारिश
की
है।
उन्होंने
कहा
है
कि
केजरीवाल
ने
बैन
किए
गए
आतंकी
संगठन
‘सिख
फॉर
जस्टिस’
से
पॉलिटिकल
फंडिंग
ली
है।

LG
के
पास
वर्ल्ड
हिंदू
फेडरेशन
के
राष्ट्रीय
महासचिव
आशू
मोंगिया
की
शिकायत
आई
थी,
जिसमें
कहा
गया
था
कि
अरविंद
केजरीवाल
की
पार्टी
AAP
ने
2014
से
2022
के
बीच
खालिस्तानी
आतंकी
समूहों
से
1.6
करोड़
डॉलर
यानी
133
करोड़
रुपए
लिए
थे,
ताकि
देवेंद्र
पाल
भुल्लर
की
रिहाई
कराई
जा
सके।
इस
शिकायत
के
आधार
पर
LG
ने
यह
सिफारिश
की
है।


LG
ऑफिस
की
तरफ
से
गृह
मंत्रालय
के
नाम
लिखा
गया
लेटर…


शिकायत
में
दावा-
केजरीवाल
ने
2014
से
2022
के
बीच
खालिस्तानी
समूहों
से
133
करोड़
रुपए
लिए

इस
लेटर
में
लिखा
है
कि
1
मई
को
LG
के
पास
वर्ल्ड
हिंदू
फेडरेशन
इंडिया
के
राष्ट्रीय
महासचिव
आशू
मोंगिया
ने
एक
शिकायत
भेजी
थी।
इसमें
सोशल
मीडिया
प्लेटफॉर्म
X
पर
आम
आदमी
पार्टी
के
पूर्व
कार्यकर्ता
डॉ.
मुनीष
कुमार
रायजादा
के
कुछ
पोस्ट
का
प्रिंटआउट,
एक
लेटर
और
एक
पेनड्राइव
भी
थी।

अपनी
शिकायत
में
आशू
मोंगिया
ने
पेनड्राइव
के
एक
वीडियो
का
जिक्र
किया
था,
जिसमें
खालिस्तानी
आतंकी
और
सिख
फॉर
जस्टिस
का
फाउंडर
गुरपतवंत
सिंह
पन्नू
ने
यह
दावा
किया
था
कि
अरविंद
केजरीवाल
की
पार्टी
AAP
ने
2014
से
2022
के
बीच
खालिस्तानी
समूहों
से
1.6
करोड़
डॉलर
यानी
133.60
करोड़
रुपए
की
फंडिंग
ली
है।

इसमें
यह
दावा
भी
किया
गया
था
कि
2014
में
केजरीवाल
ने
न्यूयॉर्क
के
गुरुद्वारा
रिचमंड
हिल
में
खालिस्तान
समर्थक
सिखों
से
मुलाकात
की
थी।
इस
मीटिंग
में
केजरीवाल
ने
वादा
किया
था
कि
अगर
आम
आदमी
पार्टी
को
खालिस्तानी
समूहों
से
फंडिंग
मिलती
रहेगी
तो
वे
देवेंद्र
पाल
भुल्लर
की
रिहाई
में
मदद
करेंगे।


क्या
है
सिख
फॉर
जस्टिस

सिख
फॉर
जस्टिस
यानी
SFJ
सिखों
के
लिए
अलग
खालिस्तान
की
मांग
करने
वाला
एक
संगठन
है।
2007
में
अमेरिका
में
इसकी
स्थापना
की
गई
थी।
गुरपतवंत
सिंह
पन्नू
SFJ
के
संस्थापकों
में
से
एक
है।
SFJ
अपने
अलगाववादी
अभियान
‘रेफरेंडम
2020’
के
तहत
पंजाब
को
भारतीय
से
मुक्त
कराने
की
बात
करता
है।

SFJ
ने
अपने
अगस्त
2018
में
लंदन
डिक्लेरेशन
में
भारत
से
अलग
होने
और
पंजाब
को
एक
स्वतंत्र
देश
के
रूप
में
फिर
से
स्थापित
करने
के
सवाल
पर
दुनिया
भर
में
रहने
वाले
सिख
समुदाय
के
बीच
पहला
जनमत
संग्रह
कराने
की
घोषणा
की
थी।

SFJ
ने
नवंबर
2020
में
जनमत
संग्रह
के
लिए
वोटिंग
कराने
की
बात
कही
थी।
पंजाब
के
साथ-साथ
नॉर्थ
अमेरिका,
यूरोप,
ऑस्ट्रेलिया,
न्यूजीलैंड,
मलेशिया,
फिलीपींस,
सिंगापुर,
केन्या
और
मध्य-पूर्वी
देशों
के
प्रमुख
शहरों
में
इसे
आयोजित
करने
की
योजना
बनाई
थी।

‘रेफरेंडम
2020’
नाम
से
बाकायदा
एक
वेबसाइट
बनाई
गई
थी।
इसमें
लिखा
था-
एक
बार
जब
भारत
से
आजादी
को
लेकर
पंजाबी
लोगों
के
भीतर
आम
सहमति
बन
जाएगी
तो
हम
पंजाब
को
एक
देश
के
रूप
में
एस्टैब्लिश
करने
के
लक्ष्य
के
साथ
संयुक्त
राष्ट्र
और
अन्य
अंतरराष्ट्रीय
निकायों
से
संपर्क
करेंगे।


बैन:
2019
में
SFJ
पर
प्रतिबंध
लगा,
2020
में
पन्नू
आतंकी
घोषित

माना
जाता
है
कि
पन्नू
ब्रिटेन
में
रह
रहे
बब्बर
खालसा
इंटरनेशनल
के
परमजीत
सिंह
पम्मा,
कनाडा
में
रहने
वाले
KTF
चीफ
हरदीप
सिंह
निज्जर
और
इंटरनेशनल
सिख
यूथ
फेडरेशन
के
मलकीत
सिंह
फौजी
के
संपर्क
में
है।
केंद्र
सरकार
ने
2019
में
अलगाववादी
गतिविधियां
चलाने
के
आरोप
में
गैरकानूनी
गतिविधि
रोकथाम
अधिनियम
यानी
UAPA
के
तहत
SFJ
पर
बैन
लगाया।

गृह
मंत्रालय
ने
अपनी
अधिसूचना
में
कहा
कि
सिखों
के
लिए
रेफरेंडम
की
आड़
में
SFJ
पंजाब
में
अलगाववाद
और
उग्रवादी
विचारधारा
का
समर्थन
कर
रहा
है।
साथ
ही
विदेशी
धरती
पर
सुरक्षित
ठिकानों
से
काम
कर
रहा
है
और
दुश्मन
देशों
का
उसे
समर्थन
मिल
रहा
है।

पन्नू
पर
साल
2020
में
अलगाववाद
को
बढ़ावा
देने
और
पंजाबी
सिख
युवाओं
को
हथियार
उठाने
के
लिए
प्रोत्साहित
करने
का
आरोप
लगा।
इसके
बाद
केंद्र
सरकार
ने
1
जुलाई
2020
को
पन्नू
को
UAPA
के
तहत
आतंकी
घोषित
किया।
2020
में
सरकार
ने
SFJ
से
जुड़े
40
से
ज्यादा
वेबपेज
और
यूट्यूब
चैनलों
को
बैन
किया।


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