बयान, विवाद और माफी… राजकोट से ही चुनाव लड़ेंगे रुपाला, राजपूतों को मनाने में जुटी बीजेपी

बयान, विवाद और माफी… राजकोट से ही चुनाव लड़ेंगे रुपाला, राजपूतों को मनाने में जुटी बीजेपी
बयान, विवाद और माफी… राजकोट से ही चुनाव लड़ेंगे रुपाला, राजपूतों को मनाने में जुटी बीजेपी


राजकोट
लोकसभा
सीट
से
बीजेपी
प्रत्याशी
पुरुषोत्तम
रुपाला.
(फाइल
फोटो)

राजकोट
लोकसभा
सीट
से
बीजेपी
प्रत्याशी
पुरुषोत्तम
रुपाला
विवादों
में
घिर
गए
हैं.
बीते
दिनों
उन्होंने
कहा
था
कि
अलग-अलग
राजपूत
शासकों
और
अंग्रेजों
के
बीच
सांठगांठ
थी.
इस
पर
क्षत्रिय
समाज
उनके
खिलाफ
हो
गया
और
उनका
टिकट
काटने
की
मांग
की.
इन
सबके
बीच
सूत्रों
का
कहना
है
कि
केंद्रीय
मंत्री
पुरुषोत्तम
रुपाला
का
बीजेपी
टिकट
नहीं
काटेगी.
वो
राजकोट
से
ही
चुनाव
लड़ेंगे.

बताते
चलें
कि
सौराष्ट्र
में
रुपाला
की
उम्मीदवारी
के
खिलाफ
राजपूत
संगठन
विरोध
कर
रहे
हैं.
हालांकि,
रुपाला
कई
बार
माफी
भी
मांग
चुके
हैं.
मगर,
विवाद
थमता
नहीं
दिख
रहा
है.बताया
जा
रहा
है
कि
इस
विवाद
को
शांत
कराने
के
लिए
कई
प्रभावशाली
राजपूत
नेताओं
को
समुदाय
को
समझाने
का
जिम्मा
सौंपा
गया
है.


सौराष्ट्र
और
कच्छ
में
राजपूत
समुदाय
का
प्रभाव

ये
भी
पढ़ें

सौराष्ट्र
और
कच्छ
में
राजपूत
समुदाय
काफी
प्रभावी
है.
प्रदेश
में
राजपूत
वोटर्स
की
संख्या
करीब
7
फीसद
है.
जो
कि
लंबे
समय
से
बीजेपी
का
वोट
बैंक
रहा
है.
राजकोट
में
सात
मई
को
वोटिंग
होनी
है.
सोमवार
को
रुपाला
और
गुजरात
के
सीएम
भूपेंद्र
पटेल
दिल्ली
पहुंचे
थे.
उन्होंने
बीजेपी
हाईकमान
से
मुलाकात
की
थी.
भूपेंद्र
पटेल
ने
पीएम
मोदी
से
भी
मुलाकात
की.

माना
जा
रहा
है
कि
बीजेपी
में
हो
रहे
सियासी
संग्राम
की
जानकारी
दी
थी.
इसके
अलावा
साबरकांठा
लोकसभा
सीट
पर
भी
टिकट
को
लेकर
सियासी
घमासान
थमने
का
नाम
नहीं
ले
रहा
है.
बीजेपी
शीर्ष
नेतृत्व
अब
गुजरात
में
मचे
सियासी
संग्राम
को
खत्म
करने
के
लिए
कसरत
शुरू
कर
दी
है.


‘अभी
तक
इस
तरह
का
कल्चर
कांग्रेस
में
रहा’

बीते
दिन
गुजरात
की
वरिष्ठ
पत्रकार
गोपी
मनिहार
ने
टीवी-9
डिजिटल
से
बातचीत
करते
हुए
कहा
कि
गुजरात
की
सियासत
में
पहली
बार
ऐसा
दिख
रहा
है
कि
बीजेपी
के
लोकसभा
उम्मीदवारों
का
विरोध
हो
रहा
है.
अभी
तक
इस
तरह
का
कल्चर
कांग्रेस
में
रहा
है,
जहां
टिकटों
पर
विरोध
होते
रहे
है
जबकि
बीजेपी
तो
अनुशासन
वाली
पार्टी
रही
है.

बीजेपी
में
शीर्ष
नेतृत्व
के
फैसले
को
सभी
स्वीकार
करते
थे,
लेकिन
गुजरात
बीजेपी
में
जो
विरोध
प्रदर्शन
हो
रहे
हैं
वह
काफी
ज्यादा
है.
इसीलिए
बीजेपी
की
चिंता
बढ़
गई
है.
90
के
दशक
में
इस
तरह
का
वाकया
शंकर
सिंह
वाघेला
के
समय
देखा
गया
था,
लेकिन
उसके
बाद
अब
हो
रहा
है.


वडोदरा
और
साबरकांठा
में
बदले
प्रत्याशी

बता
दें
कि
पीएम
नरेंद्र
मोदी
और
गृह
मंत्री
अमित
शाह
गुजरात
से
आते
हैं.
ऐसे
में
बीजेपी
किसी
भी
सूरत
में
गुजरात
में
जोखिम
भरा
कदम
नहीं
उठाना
चाहेगी.
एक
ओर
राजकोट
सीट
पर
क्षत्रिय
समुदाय
को
मनाने
में
जुटी
है
तो
वहीं
वडोदरा
और
साबरकांठा
में
उम्मीदवारों
का
विरोध
होने
पर
फौरन
टिकट
काट
दिया
था.

साबरकांठा
सीट
पर
बीजेपी
ने
भीखाजी
भाई
ठाकोर
का
टिकट
काटकर
कांग्रेस
से
बीजेपी
में
आए
पूर्व
विधायक
महेंद्र
सिंह
की
पत्नी
शोभना
को
उम्मीदवार
घोषित
किया
गया
था.
इसके
बाद
साबरकांठा
में
काफी
विरोध
सामने
आया
था.
यह
विवाद
भीखाजी
ठाकोर
की
टिकट
बहाल
करने
की
मांग
को
लेकर
था.