बंगाल में 25000 शिक्षकों की नियुक्तियां रद्द करने पर रोक: SC बोला- CBI जांच जारी रखे; हाईकोर्ट ने 22 अप्रैल को नौकरियां रद्द की थीं

बंगाल में 25000 शिक्षकों की नियुक्तियां रद्द करने पर रोक: SC बोला- CBI जांच जारी रखे; हाईकोर्ट ने 22 अप्रैल को नौकरियां रद्द की थीं


नई
दिल्ली
20
मिनट
पहले

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25 हजार से ज्यादा नियुक्तियां रद्द करने के कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के बाद 23 अप्रैल को कोलकाता में छात्रों ने प्रदर्शन किया। - Dainik Bhaskar


25
हजार
से
ज्यादा
नियुक्तियां
रद्द
करने
के
कलकत्ता
हाईकोर्ट
के
आदेश
के
बाद
23
अप्रैल
को
कोलकाता
में
छात्रों
ने
प्रदर्शन
किया।

पश्चिम
बंगाल
शिक्षक
भर्ती
घोटाले
मामले
में
ममता
सरकार
को
राहत
मिल
गई।
सुप्रीम
कोर्ट
ने
मंगलवार
(7
मई)
को
25000
शिक्षकों
की
भर्ती
रद्द
करने
के
कलकत्ता
हाईकोर्ट
के
आदेश
पर
रोक
लगा
दी।

कोर्ट
ने
सीबीआई
को
केस
की
जांच
जारी
रखने
का
आदेश
भी
दिया।
जांच
एजेंसी
से
कहा
कि
इस
दौरान
कर्मचारी-उम्मीदवारों
पर
कोई
एक्शन

ले।
इससे
पहले
सुनवाई
के
दौरान
राज्य
सरकार
से
कहा
कि
यह
व्यवस्थागत
धोखाधड़ी
(systemic
fraud)
है।
इससे
लोगों
का
भरोसा
उठ
जाएगा।


हाईकोर्ट
ने
22
अप्रैल
नियुक्तियों
पर
रोक
लगा
दी

कलकत्ता
हाईकोर्ट
ने
इस
साल
22
अप्रैल
को
पश्चिम
बंगाल
के
सरकारी
स्कूलों
की
25
हजार
753
नियुक्तियों
को
अवैध
करार
दे
दिया
था।
साथ
ही
इन
शिक्षकों
को
7-8
साल
के
दौरान
मिली
सैलरी
12%
इंटरेस्ट
के
साथ
लौटाने
के
निर्देश
भी
दिए
थे।
इसके
लिए
कोर्ट
ने
6
हफ्ते
का
समय
दिया
था।


सुप्रीम
कोर्ट
ने
कहा-
सभी
नियुक्तियों
को
रद्द
करना
नासमझी

सुप्रीम
कोर्ट
ने
कहा
कि
पूरी
तरह
से
नियुक्तियों
को
रद्द
करना
नासमझी
है।
वैध
और
अवैध
भर्तियों
को
अलग
करने
की
जरूरत
है।
पश्चिम
बंगाल
सरकार
इसके
तरीके
को
तय
कर
सकती
है।

बंगाल
के
शिक्षक
भर्ती
घोटाले
में
चीफ
जस्टिस
डीवाई
चंद्रचूड़,
जस्टिस
जेबी
पारदीवाला
और
जस्टिस
मनोज
मिश्रा
की
बेंच
सुनवाई
कर
रही
है।
पिटीशन
में
मांग
की
गई
थी
कि
हाईकोर्ट
के
फैसले
को
रद्द
किया
जाए।


कोर्ट
रूम
लाइव:
कोर्ट
ने
बंगाल
सरकार
से
कहा-
आपको
सुपरवाइजरी
कंट्रोल
बनाए
रखना
था

सुप्रीम
कोर्ट
ने
बंगाल
सरकार
के
वकील
से
पूछा
कि
या
तो
आपके
पास
डेटा
है
या
नहीं
है….आप
दस्तावेजों
को
डिजिटल
रूप
में
बनाए
रखने
के
लिए
बाध्य
थे।
यह
स्पष्ट
है
कि
कोई
डेटा
नहीं
है।
आपको
यह
पता
ही
नहीं
है
कि
आपके
सर्विस
प्रोवाइडर
ने
किसी
अन्य
एजेंसी
को
नियुक्त
किया
है।
आपको
सुपरवाइजरी
कंट्रोल
बनाए
रखना
था।


  • चीफ
    जस्टिस
    चंद्रचूड़:

    कार्यवाही
    के
    दौरान
    शॉर्टलिस्ट
    करने
    की
    क्या
    जरूरत
    थी?
    सरकार
    ने
    2022
    में
    पद
    निकाले
    थे?

  • बंगाल
    सरकार
    के
    एक
    वकील:

    जनवरी
    2019
    में
    सभी
    नियुक्तियां
    कर
    ली
    गई
    थीं,
    लेकिन
    उन्होंने
    बाद
    में
    चुनौती
    दी
    और
    2.5
    साल
    बाद
    उन्हें
    (पदों
    को)
    खत्म
    करना
    पड़ा।
    समस्याएं
    हमारी
    अपनी
    पैदा
    की
    हुई
    थीं।

  • बंगाल
    सरकार
    के
    दूसरे
    वकील:

    हम
    ज्यादा
    खाली
    पद
    नहीं
    चाहते
    थे,
    इसलिए
    वेटिंग
    लिस्ट
    वाले
    उम्मीदवारों
    को
    सेवानिवृत्त
    पदों
    पर
    ले
    लिया
    गया।

  • सुप्रीम
    कोर्ट:

    अगर
    सिलेक्शन
    को
    ही
    चुनौती
    दी
    गई
    थी
    तो
    आप
    वेटिंग
    लिस्ट
    से
    नियुक्तियां
    क्यों
    करेंगे
    और
    अतिरिक्त
    पद
    क्यों
    बनाएंगे?


कोर्ट
में
अब
तक
क्या
हुआ


22
अप्रैल:

कलकत्ता
हाईकोर्ट
ने
पश्चिम
बंगाल
के
सरकारी
स्कूलों
की
25
हजार
753
नियुक्तियों
को
अवैध
करार
दे
दिया
था।


23
अप्रैल:

हाईकोर्ट
के
फैसले
के
खिलाफ
बंगाल
सरकार
ने
सुप्रीम
कोर्ट
में
याचिका
लगाई।


29
अप्रैल:

सुप्रीम
कोर्ट
में
सुनवाई
हुई।
कोर्ट
ने
बंगाल
शिक्षक
भर्ती
घोटाले
में
सरकारी
अधिकारियों
के
खिलाफ
CBI
जांच
पर
रोक
लगा
दी
थी।


7
मई:

सुप्रीम
कोर्ट
ने
हाईकोर्ट
के
फैसले
पर
रोक
लगा
दी।
साथ
ही
CBI
को
मामले
की
जांच
जारी
रखने
को
कहा।


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