
2
घंटे
पहलेलेखक:
धर्मेन्द्र
चौहान
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साउथ
मुंबई
के
पॉश
इलाके
महालक्ष्मी
रेस
कोर्स
में
टेंट
का
एक
शहर
बनाया
गया
था।
10
नवंबर
1995
से
यहां
बीजेपी
का
तीन
दिवसीय
महाधिवेशन
‘यशोभूमि’
का
आयोजन
होना
था।
इसमें
भाग
लेने
के
लिए
बीजेपी
के
करीब
सवा
लाख
कार्यकर्ता
मुंबई
पहुंचे
थे।
चारों
तरफ
लालकृष्ण
आडवाणी
के
बड़े-बड़े
कटआउट
लगे
थे।
आडवाणी
पिछले
एक
दशक
से
पार्टी
के
अध्यक्ष
थे।
उनकी
रथयात्रा
ने
बीजेपी
को
हिंदुत्व
के
रूप
में
नई
संजीवनी
दी
थी।
आरएसएस
भी
आडवाणी
से
बहुत
खुश
था।
सब
जानते
थे
कि
अगले
चुनाव
में
आडवाणी
ही
पीएम
पद
के
प्रत्याशी
होंगे।
विनय
सीतापति
अपनी
किताब
‘जुगलबंदी
द
बीजेपी
बिफोर
मोदी’
में