
अरुण
मिश्रा
–
फोटो
:
अमर
उजाला
विस्तार
राजधानी
भोपाल
की
क्राइम
ब्रांच
ने
नौकरी
लगवाने
का
झांसा
देकर
बेरोजगारों
के
साथ
ठगी
करने
वाले
एक
साल
से
फरार
चल
रहे
आरोपी
को
गिरफ्तार
किया
है।
इस
मामले
में
आरोपी
के
2
बेटों
को
पहले
ही
गिरफ्तार
किया
जा
चुका
है।
तीनों
मिलकर
बेरोजगारों
को
नौकरी
दिलवाने
का
झांसा
देकर
ठगी
करने
का
गिरोह
चला
रहे
थे।
क्राइम
ब्रांच
के
मुताबिक
इस
मामले
की
शिकायत
बिजली
नगर
कालोनी
गोविंदपुरा
निवासी
गनपत
सिंह
(30)
ने
की
थी।
गनपत
ने
पुलिस
को
बताया
कि
शासकीय
नौकरी
लगवाने
का
झांसा
देकर
प्रमोद
मिश्रा,
प्रकाश
मिश्रा
और
उनके
पिता
अरुण
मिश्रा
ने
30
लाख
रुपये
लिए
थे।
नौकरी
नहीं
लगने
पर
जब
उन्होंने
रुपए
वापस
मांगे
तो
इन
लोगों
ने
दिसंबर
2022
में
एक
चैक
दिया
था।
गनपत
ने
जब
इस
चैक
को
बैंक
में
लगाया
तो
वह
बाउंस
हो
गया।
इस
शिकायत
के
आधार
पर
क्राइम
ब्रांच
ने
तीनों
के
खिलाफ
धोखाधड़ी
की
विभिन्न
धाराओं
के
तहत
केस
दर्ज
किया
था।
पुलिस
ने
आरोपी
प्रकाश
मिश्रा
और
उसके
भाई
प्रमोद
मिश्रा
को
गिरफ्तार
कर
लिया
था,
जबकि
पिता
अरुण
मिश्रा
फरार
चल
रहा
है।
उसकी
गिरफ्तारी
के
लिए
एक
विशेष
टीम
बनाई
गई
थी।
आरोपी
भोपाल
से
फरार
होने
के
बाद
रीवा
चला
गया
था।
पुलिस
टीम
जब
रीवा
पहुंची
तो
वह
छत्तीसगढ़
भाग
निकला।
इसी
बीच
मुखबिर
से
सूचना
मिली
कि
धोखाधड़ी
के
मामले
में
एक
साल
से
फरार
चल
रहा
अरुण
मिश्रा
(55)
न्यायालय
के
आसपास
देखा
गया
है।
वह
न्यायालय
में
सरेंडर
होने
वाला
है।
इस
सूचना
के
बाद
मौके
पर
पहुंची
क्राइम
ब्रांच
की
टीम
ने
उसे
दबोच
लिया।
पूछताछ
के
दौरान
पता
चला
है
कि
बाप-बेटों
ने
मिलकर
कई
बेरोजगारों
से
लाखों
रुपए
की
ठगी
की
है।
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