का
सबसे
स्वच्छ
शहर
इंदौर
अब
वायु
प्रदूषण
से
निजात
पाने
के
प्रयास
कर
रहा
है।
इसके
साथ
यात्री
परिवहन
में
महिलाओं
की
भागीदारी
सुनिश्चित
करने
पर
भी
खासा
जोर
है।
इंदौर
में
क्लीन
और
ग्रीन
एनर्जी
से
संचालित
भारत
के
पहले
बस
कॉरिडोर
पर
अब
न
डीजल-पेट्रोल
की
बदबू
आती
है
न
गाड़ी
का
शोर-शराबा
होता
है।
धूल-धुआं
और
गर्मी
न
होने
से
इलेक्ट्रिक
बस
में
थकान
भी
महसूस
नहीं
होती।
इससे
आम
लोगों
सफर
आसान
और
आरामदायक
हो
गया
है।
देश
का
पहला
ग्रीन
मोबिलिटी
कॉरिडोर
इंदौर
में
वायु
प्रदूषण
को
कम
करने
के
लिए
किए
जा
रहे
प्रयासों
के
तहत
बीआरटीएस
को
ग्रीन
मोबिलिटी
कॉरिडोर
में
तब्दील
कर
दिया
गया
है।
शहर
के
राजीव
गांधी
चौराहे
से
निरंजनपुर
के
बीच
20
स्टॉप
वाले
इस
इस
11.5
किलोमीटर
की
दूरी
के
इस
रूट
से
पेट्रोल-डीजल
की
सभी
बसों
को
हटा
दिया
गया
है।
इससे
बसों
की
ऑपरेटिंग
कॉस्ट
भी
घटकर
77
रुपए
प्रति
किमी
हो
गई
है।
पहले
बीआरटीएस
ग्रीन
कॉरिडोर
को
संचालित
करने
वाली
संस्था
अटल
इंदौर
सिटी
ट्रांसपोर्ट
सर्विस
लिमिटेड
(एआईसीटीएसएल)
को
निजी
कंपनी
को
79
से
80
रुपए
प्रति
किमी
देना
पड़ता
था।
इतना
ही
नहीं,
हर
साल
बड़े
पैमाने
पर
कार्बन
का
उत्सर्जन
रोका
जा
रहा
है।
एआईसीटीएसएल
के
सीईओ
और
इंदौर
के
एडिशनल
कमिश्नर
मनोज
पाठक
का
बताते
हैं,
बीआरटीएस
15
मार्च
2024
से
सौ
फीसदी
ग्रीन
मोबिलिटी
फ्रेंडली
कॉरिडोर
है।
इस
पर
डीजल
बसों
की
जगह
इलेक्ट्रिक
और
सीएनजी
बसें
चलाई
जाती
हैं।
इंदौर
शहर
की
वायु
गुणवत्ता
को
बेहतर
बनाने
की
दिशा
में
यह
महत्वपूर्ण
कदम
है।
वाहनों
का
धुआं
वायु
प्रदूषण
की
बड़ी
वजह
डॉ.
प्रकाश
दोराईस्वामी,
डायरेक्टर
(एयर
क्वालिटी),
डब्ल्यूआरआई
इंडिया
के
मुताबिक,
इंदौर
की
वायु
गुणवत्ता
पर
हुई
क्लीन
एयर
कैटलिस्ट
(सीएसी)
की
स्टडी
में
पाया
गया
है
कि
डीजल-पेट्रोल
के
वाहनों
का
धुंआ
वायु
प्रदूषण
के
बड़े
कारणों
में
से
एक
है।
शहरों
में
वायु
गुणवत्ता
सुधार
के
लिए
वाहनों
के
प्रदूषण
से
निजात
पाना
जरूरी
है।
सीएसी
के
साथ
काम
कर
रही
संस्था
इंटरन्यूज
के
सहयोग
से
कामकाजी
महिलाओं
पर
हुई
एक
अन्य
स्टडी
के
मुताबिक
76.7
फीसदी
कामकाजी
महिलाएं
वायु
प्रदूषण
के
कारण
विभिन्न
समस्याओं
का
सामना
कर
रही
हैं।
वाहनों
के
धुएं
में
मौजूद
कार्बन
मोनोक्साइड,
नाइट्रोजन
डाइऑक्साइड,
सल्फर
डाइऑक्साइड,
कार्बन
डाइऑक्साइड
जैसी
गैसैं
हमारे
स्वास्थ्य
के
लिए
घातक
है।
बढ़
रहा
ई-बसों
का
कारवां
पिछले
दिनों
इंदौर
के
जनमानस
की
सुविधाओं
में
वृद्धि
की
दृष्टि
से
‘इलेक्ट्रिक
ई-आईबस
सर्विस’
और
महिलाओं
की
सुरक्षा
हेतु
विशेष
बस
‘इलेक्ट्रिक
पिंक
ई-आईबस
सेवा’
का
शुभारंभ
सिटी
बस
ऑफिस
पर
किया
गया।
इंदौर
के
पब्लिक
ट्रांसपोर्ट
में
2019
में
40
इलेक्ट्रिक
बसों
के
साथ
क्लीन
एनर्जी
के
उपयोग
की
शुरुआत
हुई
थी।
अब
बीआरटीएस
कॉरिडोर
पर
30
इलेक्ट्रिक
बसों
के
साथ
ही
सीएनजी
से
चलने
वाली
29
बसें
दौड़
रही
हैं।
एआईसीटीएसएल
के
एक
सर्वे
के
मुताबिक
इन
बसों
में
ट्रैवल
करने
वाले
60
फीसदी
पैसेंजर
युवा
और
49
फीसदी
महिलाएं
हैं।
बीआरटीएस
की
30
इलेक्ट्रिक
बसों
के
अलावा
50
इलेक्ट्रिक
बसें
इंदौर
के
अन्य
हिस्सों
के
लिए
आएंगी।
क्लीन
एनर्जी
के
लिए
इन्फ्रास्ट्रक्चर
एआईसीटीएसएल
की
पब्लिक
रिलेशंस
ऑफिसर
डॉ.
माला
सिंह
ठाकुर
का
कहना
है,
करीब
दो
से
तीन
महीने
में
प्रधानमंत्री
ई-बस
योजना
के
अंतर्गत
150
इलेक्ट्रिक
बसें
मिलने
के
बाद
हम
शहर
में
वाहनों
के
प्रदूषण
को
काफी
हद
तक
कंट्रोल
कर
सकेंगे।
कार्बन
क्रेडिट्स
तो
हम
इलेक्ट्रिक
बसों
के
इस्तेमाल
से
ले
ही
रहे
हैं।
हम
इलेक्ट्रिक
बसों
के
लिए
47
चार्जिंग
स्टेशन
स्थापित
कर
रहे
हैं,
इनमें
से
अधिकांश
सौर
ऊर्जा
से
चल
रहे
हैं।
सिटी
बसों
के
अलावा
ई-रिक्शा
और
दोपहिया
वाहन
इससे
अपनी
बैटरी
चार्ज
कर
रहे
हैं।
बीआरटीएस
पर
सभी
सिग्नल
सौर
ऊर्जा
से
चल
रहे
हैं।
क्लीन
एनर्जी
के
इस्तेमाल
के
ये
सभी
प्रयास
इंदौर
में
वाहनों
के
वायु
प्रदूषण
को
कम
करने
की
दिशा
में
महत्वपूर्ण
हैं।
पिंक
बसः
महिलाओं
पर
फोकस
इंदौर
के
बीआरटीएस
कॉरिडोर
की
महिला
पैसेंजर
खास
तौर
पर
इस
बात
से
भी
खुश
हैं
कि
उनकी
यात्रा
सुखद
और
सुविधाजनक
होने
के
साथ
ही
सुरक्षित
भी
है।
बीते
महीने
से
अब
इस
रूट
पर
पहली
इलेक्ट्रिक
पिंक
बस
चलाई
जा
रही
है
जिसकी
सवारियां,
ड्राइवर
और
कंडक्टर
सभी
महिलाएं
हैं।
पिंक
बस
की
शुरूआत
जून
2021
में
हो
गई
थी,
लेकिन
तब
यह
डीजल
से
चलती
थी।
पिंक
बस
की
ड्राइवर
निशा
शर्मा
का
कहना
है,
पिंक
बस
में
महिलाओं
को
बस
चलाते
देख
साथी
पैसेंजर
महिलाएं
सुरक्षित
और
प्रसन्न
महसूस
करती
हैं।
हालांकि
मैंने
पुरुषों
और
महिलाओं
के
लिए
चलने
वाली
ब्लू
बस
भी
चलाई
है।
हमें
बस
चलाते
देख
कर
सभी
लोग
खुश
होते
हैं।
डॉ.
ठाकुर
बताती
हैं,
इंदौर
के
पब्लिक
ट्रांसपोर्ट
के
संचालन
में
महिलाओं
की
भागीदारी
सुनिश्चित
करने
के
लिए
हम
पूरा
प्रयास
करते
हैं।
बीआरटीएस
कॉरिडोर
पर
सिटी
बस
संचालन
में
सबसे
पहले
हमने
टिकट
विंडो
पर
महिलाओं
को
नियुक्त
किया।
इसके
बाद
महिलाओं
को
बस
ड्राइवर,
कंडक्टर
के
रूप
में
अपने
साथ
जोड़ा।
अमेरिकी
राजदूत
ने
यह
कहा
बीती
7
मार्च
को
इंदौर
प्रवास
पर
आए
अमेरिका
के
राजदूत
एरिक
गार्सेटी
ने
ई-पिंक
बस
का
अवलोकन
किया
तथा
महिला
बस
ड्राइवरों
और
कर्मचारियों
से
सहज
संवाद
किया।
राजदुत
गार्सेंटी
ने
कहा,
मैं
आपके
इस
कार्य
से
बहुत
प्रभावित
हूं।
अन्य
महिलाओं
के
लिए
आप
आदर्श
हैं
और
आपसे
अन्य
महिलाएं
भी
आत्मनिर्भर
जीवन
के
लिए
प्रेरित
होंगी।
इस
अवसर
पर
इंदौर
के
महापौर
पुष्यमित्र
भार्गव
ने
कहा
था
कि
सात
वर्षों
तक
स्वच्छता
में
अव्वल
रहने
के
बाद,
अब
हम
वाहनों
के
लिए
स्वच्छ
ऊर्जा,
विशेष
रूप
से
सौर
ऊर्जा
का
उपयोग
करने
में
अग्रणी
बनकर
इंदौर
को
वाहन
प्रदूषण
से
मुक्त
करने
के
लिए
प्रतिबद्ध
हैं।
इंदौर
में
इलेक्ट्रिक-बसों
का
कारवां
बताता
है
कि
कैसे
वायु
गुणवत्ता
में
सुधार
के
प्रयास
महिलाओं
की
भागीदारी
को
बढ़ावा
देने
में
भी
मदद
कर
सकते
हैं।