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दिल्ली4
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पहले
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अरविंद
केजरीवाल
को
ED
ने
21
मार्च
को
गिरफ्तार
किया
था।
1
अप्रैल
को
केजरीवाल
तिहाड़
जेल
भेजे
गए।
प्रवर्तन
निदेशालय
(ED)
ने
गुरुवार
को
दिल्ली
के
मुख्यमंत्री
अरविंद
केजरीवाल
की
जमानत
का
विरोध
किया।
मीडिया
रिपोर्ट्स
के
मुताबिक,
ED
ने
अदालत
में
एफिडेविट
फाइल
किया।
एजेंसी
ने
कहा
कि
प्रचार
करना
मौलिक
अधिकार
नहीं
है।
सुप्रीम
कोर्ट
में
एफिडेविट
ED
के
डिप्टी
डायरेक्टर
भानु
प्रिया
ने
दाखिल
किया।
कल
यानी
शुक्रवार
को
सुप्रीम
कोर्ट
केजरीवाल
की
जमानत
पर
फैसला
सुनाएगी।
दिल्ली
शराब
नीति
केस
में
केजरीवाल
अभी
ज्यूडिशियल
कस्टडी
में
हैं।
जमानत
के
लिए
केजरीवाल
सुप्रीम
कोर्ट
गए
हैं।
पिछली
सुनवाई
यानी
2
मई
को
सुप्रीम
कोर्ट
ने
ED
से
कहा
था
कि
चुनाव
5
साल
में
आते
हैं,
ये
असाधारण
परिस्थिति
है।
कोर्ट
ने
कहा
था
कि
अगर
हम
केजरीवाल
को
जमानत
देते
हैं
तो
हमारी
शर्त
रहेगी
कि
वे
सरकार
के
काम
में
दखलंदाजी
नहीं
करेंगे।

राउज
एवेन्यू
कोर्ट
ने
20
मई
तक
बढ़ाई
केजरीवाल
की
न्यायिक
हिरासत
दिल्ली
की
राउज
एवेन्यू
कोर्ट
ने
7
मई
को
केजरीवाल
की
न्यायिक
हिरासत
20
मई
तक
बढ़ा
दी।
इससे
पहले
कोर्ट
ने
23
अप्रैल
को
अरविंद
केजरीवाल
की
न्यायिक
हिरासत
7
मई
तक
बढ़ाई
थी।
21
मार्च
को
केजरीवाल
की
गिरफ्तारी
के
बाद
22
मार्च
को
राउज
एवेन्यू
कोर्ट
में
पेशी
हुई,
जहां
से
उन्हें
28
मार्च
तक
ED
की
रिमांड
पर
भेजा
गया।
1
अप्रैल
से
वे
तिहाड़
जेल
में
हैं।
7
मई
को
जमानत
पर
सुनवाई
के
दौरान
कोर्ट
के
4
कमेंट
1.
जस्टिस
संजीव
खन्ना
और
जस्टिस
दीपांकर
दत्ता
ने
कहा-
केजरीवाल
कोई
आदतन
अपराधी
नहीं
हैं।
2.
यह
एक
अभूतपूर्व
परिस्थिति
है।
लोकसभा
चुनाव
जारी
हैं।
वो
दिल्ली
के
चुने
हुए
मुख्यमंत्री
हैं।
3.
अगर
चुनाव
नहीं
चल
रहे
होते
तो
अंतरिम
जमानत
का
सवाल
ही
नहीं
उठता
था।
4.
चुनाव
5
साल
में
सिर्फ
एक
बार
होते
हैं।

जमानत
के
लिए
सुप्रीम
कोर्ट
की
शर्त
सुप्रीम
कोर्ट
ने
कहा-
अगर
जमानत
दी
जाती
है
तो
केजरीवाल
सरकारी
काम
में
दखल
नहीं
देंगे।
वो
अपने
आधिकारिक
कार्य
नहीं
करेंगे।
ऐसा
हुआ
तो
हितों
का
टकराव
पैदा
होगा
और
हम
यह
नहीं
चाहते।
3
मई
की
सुनवाई
में
कोर्ट
रूम
में
क्या
हुआ
था…

इससे
पहले
3
मई
को
हुई
सुनवाई
में
दो
घंटे
की
लंबी
बहस
के
बाद
बेंच
ने
कहा
था
कि
मेन
केस
यानी
जिसमें
केजरीवाल
ने
अपनी
गिरफ्तारी
और
रिमांड
को
चुनौती
दी
है,
इसमें
समय
लग
सकता
है।
लोकसभा
चुनाव
को
देखते
हुए
केजरीवाल
की
अंतरिम
जमानत
पर
विचार
किया
जा
सकता
है,
ताकि
वे
कैंपेन
में
हिस्सा
ले
सकें।
30
अप्रैल
की
सुनवाई:
सुप्रीम
कोर्ट
ने
ED
से
5
सवाल
पूछे
-
क्या
बिना
किसी
न्यायिक
कार्यवाही
के
विजय
मदनलाल
चौधरी
या
अन्य
मामले
में
जो
कहा
गया
है,
उसके
संदर्भ
में
आपराधिक
कार्यवाही
शुरू
की
जा
सकती
है?
(जस्टिस
खन्ना
ने
कहा
कि
केजरीवाल
के
मामले
में
अब
तक
कोई
कुर्की
नहीं
हुई
है।
अगर
हुई
है
तो
ED
को
यह
बताना
होगा
कि
उनका
संबंध
कैसे
था) -
मनीष
सिसोदिया
मामले
में
फैसले
के
दो
हिस्से
हैं-
एक,
जो
उनके
पक्ष
में
है,
दूसरा,
जो
उनके
पक्ष
में
नहीं
है।
केजरीवाल
का
मामला
किस
भाग
में
आता
है? -
PMLA
के
सेक्शन-19
की
व्याख्या
कैसे
की
जाए,
क्योंकि
केजरीवाल
जमानत
के
लिए
आवेदन
करने
के
बजाय
गिरफ्तारी
और
रिमांड
के
खिलाफ
आ
रहे
हैं।
यदि
वे
बाद
का
रास्ता
अपनाते
हैं
तो
उन्हें
PMLA
के
सेक्शन-45
के
तहत
उच्च
प्रावधानों
का
सामना
करना
पड़ेगा? -
मामले
में
कार्यवाही
शुरू
होने
और
कुछ
समय
बाद
बार-बार
शिकायत
दर्ज
होने
के
बीच
का
समय।
(इस
संबंध
में
यह
बताया
गया
कि
अंतर
के
गंभीर
नतीजे
होंगे।
चूंकि
धारा
8
न्यायिक
प्रक्रिया
के
लिए
365
दिनों
की
अधिकतम
समय
सीमा
निर्धारित
करती
है) -
गिरफ्तारी
की
टाइमिंग।
चुनाव
के
पहले
ऐसा
क्यों
किया?
29
अप्रैल
की
सुनवाई:
केजरीवाल
की
तरफ
से
दी
गईं
दलीलें
-
3
स्टेज
होती
हैं।
दस्तावेज,
विश्वास
करने
का
कारण
और
आरोपी
होना।
गिरफ्तार
करने
का
अधिकार
होने
का
मतलब
यह
नहीं
कि
गिरफ्तार
कर
लें।
आरोप
साबित
होना
चाहिए,
सिर्फ
शक
नहीं
होना
चाहिए।
आपके
पास
पुख्ता
या
आरोपी
साबित
करने
के
सबूत
होने
चाहिए।
कुछ
आधार
होना
चाहिए,
जो
हमें
नहीं
पता। -
केजरीवाल
को
CBI
ने
बुलाया,
वे
गए।
ED
के
नोटिस
का
डिटेल
में
जवाब
दिया।
उन्होंने
कहा
कि
वे
नहीं
आ
सकते।
आप
आज
ये
नहीं
कह
सकते
हैं
कि
आप
आए
नहीं,
इसलिए
हमने
गिरफ्तार
कर
लिया।
ये
मेरा
अधिकार
है
कि
मैं
न
जाऊं। -
अगर
कोई
आरोपी
कहता
है
कि
मैं
बयान
नहीं
दूंगा
तो
क्या
आप
कह
सकते
हैं
कि
आरोपी
सहयोग
नहीं
कर
रहा
है,
इसलिए
उसे
गिरफ्तार
करते
हैं?
इन्होंने
केजरीवाल
को
गिरफ्तार
किया।
सेक्शन
50
के
तहत
वहां
बयान
नहीं
लिए
गए।
डेढ़
साल
तक
गिरफ्तारी
नहीं
की
गई।
मेरी
बेल
को
नकार
दिए
जाने
से
मुझे
घर
आकर
गिरफ्तार
करने
का
आधार
नहीं
बन
जाता।
सुप्रीम
कोर्ट
ने
पूछा-
आपको
ED
ने
जो
नोटिस
भेजे,
आपने
उन्हें
नजर
अंदाज
क्यों
किया।
आप
गिरफ्तारी
और
रिमांड
के
खिलाफ
यहां
आए,
आपने
जमानत
के
लिए
ट्रायल
कोर्ट
क्यों
नहीं
गए।
इस
पर
केजरीवाल
के
वकील
सिंघवी
ने
कहा
था
कि
गिरफ्तारी
अवैध
है
इसलिए।
ED
के
वकील
एसवी
राजू
ने
कहा
कि
इन्होंने
पिछली
कस्टडी
का
भी
विरोध
नहीं
किया
था।
15
अप्रैल:
सुप्रीम
कोर्ट
ने
ED
को
नोटिस
देकर
गिरफ्तारी
पर
जवाब
मांगा
-
15
अप्रैल
को
अरविंद
की
याचिका
पर
सुनवाई
करते
हुए
शराब
घोटाले
में
मनी
लॉन्ड्रिंग
केस
में
ED
से
24
अप्रैल
तक
जवाब
मांगा
था।
हलफनामे
में
ED
ने
कहा
कि
कई
बार
समन
भेजे
जाने
के
बावजूद
उन्होंने
एजेंसी
के
साथ
सहयोग
नहीं
किया। -
ED
ने
यह
भी
कहा
कि
केजरीवाल
को
किसी
दुर्भावना
या
दूसरे
कारणों
से
गिरफ्तार
नहीं
किया
गया
है।
किसी
अपराध
की
जांच
एक
ऐसा
क्षेत्र
है
जो
जांच
एजेंसी
के
लिए
रिजर्व
है।
उनकी
गिरफ्तारी
भी
जांच
का
हिस्सा
है।
केजरीवाल
21
मार्च
को
अरेस्ट
हुए,
1
अप्रैल
से
तिहाड़
में
बंद
ED
ने
शराब
नीति
केस
में
केजरीवाल
को
21
मार्च
को
अरेस्ट
किया
था।
ED
ने
22
मार्च
को
उन्हें
राउज
एवेन्यू
कोर्ट
में
पेश
किया।
कोर्ट
ने
दिल्ली
सीएम
को
28
मार्च
तक
ED
रिमांड
पर
भेजा,
जो
बाद
में
1
अप्रैल
तक
बढ़ाई
गई।
कोर्ट
ने
1
अप्रैल
को
उन्हें
15
अप्रैल
तक
न्यायिक
हिरासत
में
तिहाड़
जेल
भेज
दिया
था।
शराब
नीति
केस
में
केजरीवाल
को
इस
साल
27
फरवरी,
26
फरवरी,
22
फरवरी,
2
फरवरी,
17
जनवरी,
3
जनवरी
और
2023
में
21
दिसंबर
और
2
नवंबर
को
समन
भेज
गया
था।
हालांकि,
वे
एक
बार
भी
पूछताछ
के
लिए
नहीं
गए।
निचली
अदालत
और
हाईकोर्ट
से
राहत
नहीं
मिलने
पर
केजरीवाल
सुप्रीम
कोर्ट
पहुंचे
हैं।

9
अप्रैल
को
हाईकोर्ट
ने
कहा-
अरेस्ट
सही,
ED
ने
पर्याप्त
सबूत
दिए
दिल्ली
हाईकोर्ट
ने
9
अप्रैल
को
कहा
था
कि
ED
ने
हमारे
सामने
पर्याप्त
सबूत
पेश
किए।
हमने
बयानों
को
देखा,
जो
बताते
हैं
कि
गोवा
के
चुनाव
के
लिए
पैसा
भेजा
गया
था।
हाईकोर्ट
ने
ये
भी
कहा
कि
हमें
संवैधानिक
नैतिकता
की
फिक्र
है,
ना
कि
राजनीतिक
नैतिकता
की।
मौजूदा
केस
केंद्र
और
केजरीवाल
के
बीच
नहीं
है।
यह
केस
केजरीवाल
और
ED
के
बीच
है।
हाईकोर्ट
ने
कहा
कि
ED
ने
कानूनी
प्रक्रिया
का
पालन
किया।
उसके
पास
हवाला
ऑपरेटर्स
और
AAP
कैंडिडेट
के
बयान
हैं।
सिसोदिया
इसी
मामले
में
जेल
में,
संजय
सिंह
जमानत
पर
केजरीवाल
से
पहले
शराब
नीति
केस
में
AAP
नेता
मनीष
सिसोदिया
और
संजय
सिंह
की
भी
गिरफ्तारी
हुई
थी।
सिसोदिया
26
फरवरी
2023
से
जेल
में
बंद
हैं।
संजय
सिंह
को
ED
ने
4
अक्टूबर
2023
को
गिरफ्तार
किया
था।
2
अप्रैल
को
सुप्रीम
कोर्ट
ने
संजय
सिंह
को
जमानत
दे
दी
थी।
तिहाड़
में
6
महीने
रहने
के
बाद
3
अप्रैल
को
वो
बाहर
आए
थे।

खबरें
और
भी
हैं…