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मिनट
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‘अरविंद
केजरीवाल
दिल्ली
के
चुने
हुए
मुख्यमंत्री
हैं।
वो
कोई
आदतन
अपराधी
नहीं
हैं।
यह
एक
असाधारण
स्थिति
है।
चुनाव
5
साल
में
एक
बार
होता
है।
यह
फसल
की
कटाई
जैसा
नहीं
है
कि
हर
4-6
महीने
में
होगी।
उन्हें
अंतरिम
जमानत
पर
रिहा
किए
जाने
पर
प्राथमिकता
से
विचार
करना
चाहिए।’
सुप्रीम
कोर्ट
में
जस्टिस
संजीव
खन्ना
और
जस्टिस
दीपांकर
दत्ता
की
बेंच
ने
मंगलवार
को
ये
टिप्पणी
की
थी।
उसी
वक्त
केजरीवाल
को
अंतरिम
जमानत
के
संकेत
मिल
गए
थे।
शुक्रवार
यानी
10
मई
की
दोपहर
2
बजे
सुप्रीम
कोर्ट
ने
तिहाड़
जेल
में
बंद
केजरीवाल
को
अंतरिम
जमानत
दे
दी।
उन्हें
2
जून
को
सरेंडर
करना
होगा।
हालांकि
मेन
केस
पर
सुनवाई
चलती
रहेगी,
जिसमें
केजरीवाल
ने
अपनी
गिरफ्तारी
और
रिमांड
को
चुनौती
दी
है।
केजरीवाल
को
आखिर
बिना
मांगे
अंतरिम
जमानत
कैसे
मिली,
अंतरिम