
निष्कासित
महामंडलेश्वर
मंदाकिनी
पुरी
और
नर्मदा
शंकर
पुरी
महाराज
–
फोटो
:
सोशल
मीडिया
विस्तार
निष्कासित
महामंडलेश्वर
मंदाकिनी
पुरी
उर्फ
ममता
जोशी
की
मुसीबतें
लगातार
बढ़ती
जा
रही
हैं।
अब
उन
पर
एक
और
मामला
दर्ज
किया
गया
है।
जयपुर
में
रहने
वाले
महामंडलेश्वर
संत
नर्मदाशंकर
पुरी
महाराज
ने
थाना
महाकाल
में
उनके
खिलाफ
8,90,000
रुपये
की
धोखाधड़ी
करने
का
आरोप
लगाते
हुए
प्रकरण
दर्ज
करवाया
है।
निरंजनी
अखाड़े
की
निष्कासित
महामंडलेश्वर
मंदाकिनी
पुरी
उर्फ
ममता
जोशी
की
मुश्किलें
थमने
का
नाम
नहीं
ले
रही
हैं।
लगभग
एक
सप्ताह
पहले
महामंडलेश्वर
बनाने
के
नाम
पर
थाना
चिमनगंज
में
उनके
खिलाफ
मंगलनाथ
स्थित
महामाया
आश्रम
के
महंत
सुरेश्वरानंद
से
7.50
लाख
रुपये
की
ठगी
करने
का
आरोप
लगाते
हुए
धोखाधड़ी
का
प्रकरण
दर्ज
करवाया
था।
इसके
बाद
कई
संत
इनके
खिलाफ
उत्तर
आए
थे
और
उन्होंने
अखिल
भारतीय
अखाड़ा
परिषद
के
अध्यक्ष
रवींद्र
पुरी
महाराज
से
यह
शिकायत
की
थी
कि
मंदाकिनी
पुरी
किसी
न
किसी
तरीके
से
उन्हें
ठगना
चाहती
थी,
लेकिन
उन्होंने
मंदाकिनी
पूरी
पर
भरोसा
नहीं
जताया,
वरना
आज
उन्हें
भी
लाखों
की
चपत
लग
जाती।
धोखाधड़ी
का
प्रकरण
दर्ज
होने
के
बाद
मंदाकिनी
पुरी
ने
जहरीला
पदार्थ
गटक
लिया
था
इसके
बाद
से
ही
वह
जिला
चिकित्सालय
के
आईसीयू
में
भर्ती
हैं।
अभी
उनकी
हालत
में
सुधार
तो
है
लेकिन
वे
कुछ
भी
बोल
पाने
की
स्थिति
में
नहीं
हैं।
धीरे-धीरे
वे
स्वास्थ्य
लाभ
ले
रही
हैं,
लेकिन
आज
उनकी
परेशानी
उस
समय
बढ़
गई
जब
राजस्थान
के
जयपुर
में
रहने
वाले
महामंडलेश्वर
संत
नर्मदाशंकर
पुरी
महाराज
ने
थाना
महाकाल
में
उनके
खिलाफ
8,90,000
रुपये
की
धोखाधड़ी
करने
का
आरोप
लगाते
हुए
प्रकरण
दर्ज
करवाया
है।
निरंजनी
अखाड़े
की
निष्कासित
महामंडलेश्वर
मंदाकिनी
के
लगता
है
जैसे
अब
बुरे
दिन
आ
गए
हैं।
लगभग
एक
सप्ताह
पहले
तक
निरंजनी
अखाड़े
की
महामंडलेश्वर
कहलाने
वाली
मंदाकिनी
पुरी
के
खिलाफ
चिमनगंज
थाना
में
420
का
प्रकरण
किया
दर्ज
हुआ।
इस
ठगी
पर
अखिल
भारतीय
अखाड़ा
परिषद
के
अध्यक्ष
और
निरंजनी
अखाड़े
के
सचिव
रवींद्र
पुरी
महाराज
ने
मंदाकिनी
पूरी
को
निरंजनी
अखाड़े
से
निष्कासित
कर
दिया।
इस
निष्कासन
के
बाद
महामंडलेश्वर
सुमनानंदजी,
महामंडलेश्वर
अन्नपूर्णागिरी
जी,
कथावाचक
भगवान
बापू
ने
मंदाकिनी
पूरी
पर
कई
तरह
के
आरोप
लगाए
थे।
इन
आरोपों
के
बाद
मंदाकिनी
पूरी
अभी
सुर्खियों
में
ही
बनी
हुई
थीं
कि
जयपुर-राजस्थान
के
महामंडलेश्वर
नर्मदाशंकर
पुरी
महाराज
ने
भी
उज्जैन
पहुंचकर
अपने
साथ
हुई
धोखाधड़ी
की
जानकारी
पहले
अखिल
भारतीय
अखाड़ा
परिषद
के
अध्यक्ष
और
निरंजनी
अखाड़े
के
सचिव
रविंद्र
पूरी
महाराज
को
दी
और
उसके
बाद
मंदाकिनी
पुरी
के
खिलाफ
भारतीय
दंड
विधान
की
धारा
420
और
34
के
तहत
धोखाधड़ी
का
प्रकरण
महाकाल
थाने
मे
दर्ज
करवाया
है।
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महामंडलेश्वर
नर्मदा
शंकर
बोले-
एक
साल
में
की
8,90,000
की
ठगी
जयपुर
से
आए
महामंडलेश्वर
नर्मदा
शंकर
पुरी
ने
बताया
कि
31
मार्च
2023
को
मंगलनाथ
मार्ग
स्थित
नागचंद्रेश्वर
धाम
पर
निष्काषित
महामंडलेश्वर
मंदाकिनी
पूरी
द्वारा
उनका
पट्टाभिषेक
करवाया
गया
था।
इस
आयोजन
में
कई
वरिष्ठ
संत
मौजूद
थे।
जिनकी
उपस्थिति
में
नर्मदा
शंकर
पुरी
महाराज
को
महामंडलेश्वर
की
उपाधि
दी
गई
थी।
आपने
बताया
कि
मुझे
महामंडलेश्वर
बनाने
के
लिए
तो
मंदाकिनी
पुरी
द्वारा
राशि
ली
ही
गई
थी,
लेकिन
इसके
बाद
भी
मंदाकिनी
पुरी
लगातार
महामंडलेश्वर
बनाने
के
नाम
पर
मुझसे
पैसे
मांगती
रहीं।
आपने
बताया
कि
27
मार्च
2023
से
लेकर
5
फरवरी
2024
तक
मेरे
द्वारा
मंदाकिनी
पुरी
के
फोन
पे
पर
लगभग
30
ट्रांजैक्शन
किए
गए।
इसमें
लगभग
8,90,000
की
राशि
मंदाकिनी
पूरी
को
दी
गई।
महामंडलेश्वर
नर्मदा
शंकरपुरी
महाराज
ने
इस
ट्रांजैक्शन
की
डिटेल
के
साथ
ही
कुछ
कॉल
रिकॉर्डिंग
भी
पुलिस
को
उपलब्ध
करवाई
है।
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महामंडलेश्वर
बनाने
के
नाम
पर
भोले-भाले
संतों
से
लाखों
रुपए
की
ठगी
करना
गलत
है।
संत
होकर
ऐसे
काम
को
बर्दाश्त
नहीं
किया
जा
सकता।
मंदाकिनी
पुरी
ने
संतों
के
साथ
चीटिंग
की
है,
जिसके
लिए
पुलिस
में
शिकायत
की
जा
चुकी
है।
अब
इस
मामले
में
पुलिस
ही
आगामी
कार्रवाई
करेगी।
हमने
मंदाकिनी
पूरी
को
निरंजनी
अखाड़े
से
निष्कासित
तो
कर
दिया
है।
–
रवींद्र
पुरी
महाराज,
अखिल
भारतीय
अखाड़ा
परिषद
अध्यक्ष
पुलिस
अधीक्षक
प्रदीप
शर्मा
का
कहना
है
कि
निष्कासित
महामंडलेश्वर
मंदाकिनी
पुरी
के
मेडिकल
स्टेटस
की
जानकारी
निकाली
जा
रही
है।
इस
मामले
में
जल्द
ही
कठोर
कानूनी
कार्रवाई
की
जाएगी।