
सतधारु
डैम
से
होनी
है
पानी
की
सप्लाई।
–
फोटो
:
अमर
उजाला
विस्तार
दमोह
में
जल
जीवन
मिशन
के
अंतर्गत
सतधरू
डेम
से
675
गांव
में
घर-घर
पेयजल
पहुंचाने
की
योजना
पांच
साल
बाद
भी
पूरी
नहीं
हो
पाई
है।
इस
योजना
के
तहत
अब
तक
केवल
350
गांव
में
प्रतिदिन
जल
सप्लाई
शुरू
हुई
है,
बाकी
325
गांव
में
अभी
भी
टेस्टिंग
चल
रही
है।
ऐसे
में
जिन
गांव
में
यह
योजना
चालू
नहीं
हो
पाई
हैं,
वहां
के
लोगों
को
इस
बार
भी
गर्मी
में
पानी
के
लिए
यहां-वहां
भटकना
पड़ेगा।
दमोह
जिले
के
अधरोटा
गांव
के
पास
निर्मित
सतधरू
मध्यम
सिंचाई
परियोजना
से
जिले
के
दमोह,
पटेरा,
जबेरा
और
तेंदूखेड़ा
ब्लॉक
के
675
गांव
में
वर्ष
2021
में
पेयजल
पहुंचाने
का
लक्ष्य
तय
किया
गया
था।
यह
कार्य
600
करोड़
की
लागत
से
पूरा
होना
था।
लेकिन,
एजेंसी
द्वारा
इस
काम
में
देरी
की
गई।
शेष
बची
54
पानी
की
टंकियां
पूर्ण
न
होने
की
वजह
से
जल
निगम
के
अधिकारियों
द्वारा
इस
योजना
को
पूरा
करने
की
समय
सीमा
एक
साल
और
बढ़ाकर
वर्ष
2022
कर
दी
गई।
इसके
बावजूद
भी
यह
काम
पूरा
नहीं
हो
पाया।
इस
बीच
इस
योजना
में
कुछ
और
गांव
को
शामिल
कर
लिया
और
फिर
इसके
पूरे
होने
की
समय-सीमा
2023
कर
दी
गई।
योजना
के
तहत
7
हजार
हेक्टेयर
में
होगी
सिंचाई
योजना
के
तहत
जैसे-तैसे
पानी
की
टंकियां
तो
बन
गई,
लेकिन
शेष
बचे
करीब
150
गांव
में
पाइप
लाइन
की
खुदाई
और
उसे
बिछाने
में
देरी
हो
गई।
अब
वर्ष
2024
के
पांचवां
महीना
शुरू
हो
गया
है,
लेकिन
अब
तक
यह
योजना
मूर्त
रूप
नहीं
ले
पाई
हैं।
कई
गांव
में
अभी
टेस्टिंग
का
काम
भी
पूरा
नहीं
हुआ
है।
इधर,
39
गांव
के
फसलों
की
सिंचाई
की
योजना
भी
अब
तक
मूर्त
रूप
नहीं
ले
पाई
है।
इसके
तहत
चयनित
गांव
में
प्रेशराइज्ड
तकनीक
से
खेतों
में
पानी
पहुंचाया
जाना
है।
जिसमें
इस
योजना
के
तहत
7
हजार
हेक्टेयर
भूमि
सिंचित
होगी।
पहले
कोरोना
और
अब
लेबर
न
मिलने
की
वजह
से
काम
में
देरी
होने
की
बात
कही
जा
रही
है।
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विज्ञापन
जहां
सप्लाई
जुड़ी,
वहां
पर
भी
नहीं
पहुंच
रहा
पानी
जल
निगम
द्वारा
इस
योजना
के
तहत
जिन
300
गांव
में
पानी
सप्लाई
शुरू
की
है,
वहां
भी
नियमित
रूप
से
जलापूर्ति
नहीं
की
जा
रही
है।
क्योंकि,
जो
पाइप
लाइन
बिछाई
गई
हैं
वह
जगह-जगह
से
फूट
जाती
हैं।
जिससे
एक-एक
सप्ताह
तक
पेयजल
सप्लाई
बाधित
रहती
है।
शहर
से
सटे
हिरदेपुर,
आमचौपरा,
समन्ना
सहित
अन्य
गांव
में
जल
सप्लाई
बाधित
है।
दूसरी
ओर
नल
कनेक्शन
के
लिए
डाली
गई
पाइप
लाइनों
को
भी
जमीन
से
महज
2
इंच
की
गहराई
कर
खोदा
गया
है,
जिससे
वाहनों
के
निकलने
से
कई
गांव
की
पाइप
लाइन
में
लीकेज
हो
गए
हैं।
इस
प्रोजेक्ट
में
देरी
होने
के
पीछे
कई
कारण
बताए
जा
रहे
हैं।
कई
जंगली
क्षेत्र
से
पाइप
लाइन
निकलती
है,
जिसमें
वन
विभाग
की
अनुमति
देरी
से
मिलना
बताया
जा
रहा
है।
कोरोना
काल
की
वजह
से
भी
काम
में
देरी
हुई
है।
इस
समय
हर
जिले
में
जल
जीवन
मिशन
के
तहत
काम
चल
रहा
है,
जिससे
पर्याप्त
लेबर
नहीं
मिल
पा
रहा
है।
जिससे
एजेंसी
समय
पर
काम
नहीं
कर
पा
रही
है।
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अभी
550
गांव
में
चल
रही
हैं
टेस्टिंग
जल
निगम
के
मैनेजर
प्रशांत
तिवारी
ने
बताया
की
सतधरू
डेम
से
पानी
पहुंचाने
की
योजना
का
अभी
पूरा
नहीं
हुआ
है।
इसमें
कई
तरह
की
परेशानी
सामने
आ
रहीं
हैं।
वर्तमान
में
करीब
550
गांव
में
टेस्टिंग
चल
रही
है,
जो
अंतिम
दौर
में
है।
जून
महीने
तक
अधिकांश
काम
पूर्ण
हो
जाएगा।