
‘ये
मेरी
जीती
हुई
सीट
है
और
जीती
हुई
रहेगी।
पिछली
बार
मार्जिन
63
हजार
था,
इस
बार
मुझे
सिर्फ
मार्जिन
बढ़ाना
है।
पार्लियामेंट
में
जब
मुझे
बोलने
नहीं
दिया
था,
तब
वहां
की
सीढ़ियों
पर
मैंने
कहा
था
कि
चाहे
इसके
लिए
30
साल
लड़ना
पड़े,
लेकिन
मैं
इनका
अंत
देख
.
‘राजनीति
में
नई
हूं,
लेकिन
मुझे
लगता
है
कि
ट्रेंड
पॉलिटिशियन
होना
जरूरी
नहीं।
हम
लोगों
को
समझ
सकें
और
उनकी
परेशानियां
जान
सकें।
सबसे
अहम
बात
ये
जान
सकें
कि
उन्हें
अपने
जनप्रतिनिधि
से
क्या
उम्मीदें
हैं।
यहां
के
पिछले
सांसदों
ने
ये
नहीं
किया।’–
अमृता
रॉय,
कृष्णानगर
से
BJP
कैंडिडेट
ये
दोनों
बयान
पश्चिम
बंगाल
की
कृष्णानगर
सीट
के
सियासी
माहौल