बाप रे! इस IPO ने पहले ही दिन दिया 5 लाख का प्रॉफिट, आखिर ऐसा भी क्या काम करती है कंपनी? जानिए

बाप रे! इस IPO ने पहले ही दिन दिया 5 लाख का प्रॉफिट, आखिर ऐसा भी क्या काम करती है कंपनी? जानिए


नई
दिल्ली.

जिस
किसी
को
भी
विंसोल
इंजीनियर्स
(Winsol
Engineers)
का
आईपीओ
मिला
होगा,
उसकी
तो
समझो
लॉटरी
ही
लग
गई
होगी.
पहले
ही
दिन
इस
शेयर
ने
387
प्रतिशत
का
रिटर्न
दे
दिया
है.
विंसोल
के
शेयर
का
इश्यू
प्राइस
75
रुपये
प्रति
शेयर
था.
नेशनल
स्टॉक
एक्सचेंज
पर
इस
SME
का
शेयर
365
रुपये
पर
लिस्ट
हुआ.
बाजार
बंद
होने
तक
यह
383.25
रुपये
तक
पहुंच
गया.
यही
इसकी
अपर
सर्किट
लिमिट
भी
थी.

किसी
भी
SME
का
आईपीओ
अप्लाई
करने
के
लिए
काफी
पैसा
चाहिए
होता
है.
आम
आईपीओ
के
लिए
आमतौर
पर
15,000
रुपये
से
कम
की
जरूरत
होती
है,
लेकिन
SME
आईपीओ
के
लिए
लगभग
1
लाख
20
हजार
रुपये
चाहिए
होते
हैं.
विंसोल
इंजीनियर्स
का
इश्यू
प्राइस
75
रुपये
था,
तो
लॉट
साइज़
1600
शेयर
का
था.
छोटे
निवेशक
केवल
एक
ही
लॉट
(1600
शेयर)
के
लिए
अप्लाई
कर
सकते
थे.



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रेलवे
के
शेयरों
ने
बरसाया
खूब
पैसा,
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से
लेकर
RailTel
तक
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दौड़े
स्टॉक

इश्यू
प्राइस
को
क्लोजिंग
प्राइस
से
कम्पेयर
करें
तो
स्टॉक
ने
एक
ही
दिन
में
तो
लगभग
5
लाख
रुपये
का
मुनाफा
हुआ
होगा.
इश्यू
प्राइस
पर
निवेशक
को
1,20,000
रुपये
चुकाने
पड़े
होंगे.
विंसोल
इंजीनियर्स
का
क्लोजिंग
का
भाव
(383.25
रुपये)
के
हिसाब
से
1600
शेयरों
की
कीमत
6,13,200
रुपये
बनती
है.
शुद्ध
मुनाफा
4,93,200
रुपये
का
हुआ.


1
लॉट
के
लिए
लाइन
में
थे
600
लोग

बता
दें
कि
विंसोल
इंजीनियर्स
ने
31.15
लाख
शेयर
का
फ्रेश
इश्यू
जारी
किया
था.
6
मई
से
लेकर
9
मई
2024
तक
बोली
लगाने
का
समय
था.
लोगों
को
इस
कंपनी
के
आईपीओ
से
कितनी
उम्मीद
थी,
यह
इस
बात
से
पता
चलता
है
कि
आईपीओ
सब्स्क्रिप्शन
600
गुना
हुआ
था.
मतलब
1
लॉट
लेने
के
लिए
600
लोग
की
बोलियां
आई
थीं.
कंपनी
ने
बताया
था
कि
इस
इश्यू
से
मिलने
वाले
पैसे
के
जरिये
काम
का
विस्तार
किया
जाएगा
और
कॉर्पोरेट
के
सामान्य
उद्देश्यों
के
लिए
किया
जाएगा.
कंपनी
के
प्रमोटर
रमेश
जीवाभाई
पिंडारिया,
अमरी
रमेश
पिंडारिया,
पिंडारिया
कश्मीरा,
कशिश
रमेश
पिंडारिया
और
किशोर
जीवाभाई
पिंडारिया
हैं.



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को
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जा
रहा
सेंसेक्‍स


काम
क्या
करती
है
विंसोल
इंजीनियर्स

जामनगर
की
विंसोल
इंजीनियर्स
विंड
और
सोलर
पावर
प्लांट
स्थापित
करने
में
मदद
करती
है.
यहां
यह
साफ
करना
जरूरी
है
कि
कंपनी
पावर
बनाने
वाली
उपकरणों
को
छोड़कर
बाकी
इंफ्रास्ट्रक्चर
तैयार
कराने
का
काम
करती
है.
आसानी
से
समझने
के
लिए
कहा
जा
सकता
है
कि
कंपनी
खुद
विंड
टर्बाइन
(Wind
turbine)
या
सोलर
पैनल
(Solar
panel)
नहीं
बनाती
है,
बल्कि
ऐसे
प्लांट
लगाने
के
लिए
बाकी
सभी
चीजों
का
सेटअप
करवाती
है.


इसके
कार्यों
में
मुख्य
तौर
पर
ये
चीजें
शामिल
हैं-

1.
इंजीनियरिंग
और
डिजाइन
तैयार
करना.
2.
सभी
तरह
का
माल
और
उपकरण
खरीदना.
3.
पूरी
साइट
निर्माण
करना
और
वहां
सुविधाएं
उपलब्ध
कराना.
4.
काम
पूरा
होने
पर
यह
देखना
कि
सबकुछ
ठीक
से
काम
कर
रहा
है.

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