
हाइलाइट्स
आईएमएफ
की
टीम
बेलआउट
पैकेज
पर
बातचीत
के
लिए
पाकिस्तान
पहुंची.बेलआउट
पैकेज
कितने
का
होगा
और
कितने
समय
का
होगा
यह
तय
नहीं.पाकिस्तान
आईएमएफ
की
मदद
से
किसी
तरह
डिफॉल्ट
होने
से
बच
गया
था.
नई
दिल्ली.
पाकिस्तान
को
नया
बेलआउट
पैकेज
दिया
जाना
चाहिए
या
नहीं
इसकी
समीक्षा
के
लिए
आईएमएफ
की
टीम
वहां
पहुंच
गई
है.
पाकिस्तान
अभी
कैश
की
तंगी
से
जूझ
रहा
है.
उसे
अगर
बेलआउट
पैकेज
नहीं
मिलता
है
तो
उसकी
अर्थव्यवस्था
पूरी
तरह
से
ढह
सकती
है.
आईएमएफ
के
मिशन
प्रमुख
नेथन
पोर्टर
ने
पाकिस्तान
के
वित्त
मंत्री
मोहम्मद
औरंगजेब
से
इस
समझौते
के
संबंध
में
बातचीत
की
शुरुआत
की.
इसके
इतर
एक
टीम
भी
पाकिस्तान
पहुंच
गई
है.
पाकिस्तान
के
वित्त
मंत्री
ने
टीम
का
स्वागत
किया
और
स्टैंड
बाय
एग्रीमेंट
की
सफलता
के
लिए
उन्हें
धन्यवाद
भी
दिया.
दरअसल,
पिछले
महीने
पाकिस्तान
को
आईएमएफ
से
3
अरब
डॉलर
का
एक
शॉर्ट
टर्म
लोन
पूरा
किया
था.
इसकी
वजह
से
कंपनी
किसी
भी
तरह
के
डिफॉल्ट
से
बच
गई
थी.
औरंगजेब
ने
आईएमएफ
की
टीम
को
बताया
कि
कैसे
इस
शॉर्ट
टर्म
प्रोग्राम
की
मदद
से
देश
के
मैक्रोइकोनॉमिक
इंडिकेटर्स
को
बेहतर
करने
में
मदद
मिली.
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तब
लें
कितने
का
होगा
पैकेज?
खबरों
के
अनुसार,
अभी
तक
यह
साफ
नहीं
हो
पाया
है
कि
अगले
पैकेज
का
ड्यूरेशन,
इंस्ट्रूमेंट
और
साइज
(कितनी
रकम)
क्या
होगा.
इस
पर
अभी
चर्चा
होनी
है.
उधर
पाकिस्तान
के
प्रधानमंत्री
शाहबाज
शरीफ
ने
पीओके
के
लिए
जो
23
अरब
रुपये
की
सब्सिडी
की
घोषणा
की
थी
जिसकी
वजह
से
उसकी
साख
आईएमएफ
की
नजर
में
गिर
गई
है.
मीटिंग
के
दौरान
नेथन
पोर्टर
ने
टैक्स
कलेक्शन
में
गिरावट
को
लेकर
भी
चिंता
जताई.
साथ
ही
उन्होंने
केंद्र
और
प्रांतीय
स्तर
पर
टैक्स
कलेक्शन
में
गड़बड़ी
का
मुद्दा
भी
उठाया.
अभी
पाकिस्तानी
सरकार
और
आईएमएफ
की
टीम
के
बीच
अगले
कुछ
दिन
बातचीत
होनी
है.
इस
वार्ता
में
पैकेज
कितना
और
कब
तक
का
होगा
इस
पर
मुहर
लगेगी.
हालांकि,
इस
बातचीत
के
लिए
अधिकांश
काम
9
महीने
के
स्टैंड
बाय
एग्रीमेंट
में
किया
जा
चुका
है.
पाकिस्तान
इसी
पैकेज
की
मदद
से
किसी
तरह
डिफॉल्ट
करने
से
बच
गया
था.
अगर
इस
बार
फिर
उसे
राहत
पैकेज
नहीं
मिलता
तो
पाकिस्तान
पर
डिफॉल्ट
करने
का
खतरा
बढ़
जाएगा.
इससे
देश
के
सामने
कई
वित्तीय
चुनौतियां
खड़ी
हो
जाएंगी.
श्रीलंका
लोन
डिफॉल्ट
करने
वाले
देशों
का
हालिया
उदाहरण
है.
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IMF,
Pakistan’s
Economy
FIRST
PUBLISHED
:
May
14,
2024,
18:52
IST