कौन है वो जज जो तोड़ेगा CJI चंद्रचूड़ का रिकॉर्ड? पिता रहे हैं विधानसभा अध्यक्ष; वकीलों का परिवार

सीजेआई
डीवाई
चंद्रचूड़
(CJI
DY
Chandrachud)
इस
साल
के
अंत
में
रिटायर
हो
जाएंगे.
उनका
कार्यकाल
10
नवंबर
2024
को
खत्म
हो
रहा
है.
इसके
बाद
अगले
8
सालों
तक
सिर्फ
एक
CJI
को
छोड़कर,
ऐसा
कोई
नहीं
होगा
जिसका
कार्यकाल
1
साल
से
ज्यादा
का
हो.
सिर्फ
जस्टिस
जेबी
पारदीवाला
ऐसे
होंगे,
जो
सीजेई
की
कुर्सी
पर
2
साल
से
ज्यादा
समय
तक
रहेंगे.


कौन
हैं
जस्टिस
जेबी
पारदीवाला?

जस्टिस
जेबी
पारदीवाला
(Justice
JB
Pardiwala)
का
जन्म
12
अगस्त
1965
को
मुंबई
में
हुआ.
उनकी
शुरुआती
पढ़ाई-लिखाई
सेंट
जोसेफ
कॉन्वेंट
स्कूल
में
हुई.
इसके
बाद
साल
1985
में
जेपी
आर्ट्स
कॉलेज
से
ग्रेजुएशन
की
पढ़ाई
की.
फिर
वकालत
की
पढ़ाई
करने
केएम
लॉ
कॉलेज,
वलसाड
चले
गए.
यहां
से
साल
1988
में
एलएलबी
की
डिग्री
ली.
इसके
बाद
साल
1989
में
वलसाड
में
वकालत
की
प्रैक्टिस
शुरू
की.
सितंबर
1990
में
गुजरात
हाईकोर्ट

गए
और
यहां
प्रैक्टिस
करने
लगे.

पारदीवाला
के
करियर
के
लिए
साल
2002
टर्निंग
पॉइंट
था.
इसी
साल
सरकार
ने
उन्हें
अपना
स्टैंडिंग
काउंसिल
नियुक्त
किया.
इस
दौरान
जस्टिस
पारदीवाला
को
बार
काउंसिल
ऑफ
इंडिया
की
डिसीप्लिनरी
कमिटी
का
नामांकित
सदस्य
भी
नियुक्त
किया
गया.
वह
बार
काउंसिल
ऑफ
गुजरात
द्वारा
प्रकाशित
प्रतिष्ठित
पत्रिका
‘गुजरात
लॉ
हेराल्ड’
के
संपादक
भी
रहे.

Farewell to Justice Pardiwala


पहली
बार
कब
बने
जज?

जेबी
पारदीवाला
(Justice
JB
Pardiwala)
को
17
फरवरी
2011
को
गुजरात
हाईकोर्ट
का
एडिशनल
जज
नियुक्त
किया
गया.
फिर
28
जनवरी
2013
को
उन्हें
परमानेंट
जज
बना
दिया
गया.
इस
दौरान
वह
गुजरात
स्टेट
ज्यूडिशल
एकेडमी
के
अध्यक्ष
भी
रहे.
मुख्य
तौर
पर
क्रिमिनल,
सिविल,
सर्विसेज
और
इनडायरेक्ट
टैक्स
से
जुड़े
मुकदमों
की
सुनवाई
की.


सुप्रीम
कोर्ट
में
नियुक्ति

हाईकोर्ट
में
करीब
10
साल
सेवा
देने
के
बाद
9
मई
2022
को
पारदीवाला
का
सुप्रीम
कोर्ट
में
बतौर
जज
तबादला
कर
दिया
गया.
sconline
की
एक
रिपोर्ट
के
मुताबिक
जस्टिस
पारदीवाला
अब
तक
400
से
ज्यादा
आपराधिक
मुकदमों,
250
से
ज्यादा
सर्विस
मैटर्स,
200
से
ज्यादा
सिविल
और
डायरेक्ट
टैक्स,
150
से
ज्यादा
जीएसटी
से
जुड़े
मामलों
की
सुनवाई
कर
चुके
हैं.


CJI
बनने
की
कतार
में

जस्टिस
जेबी
पारदीवाला
भारत
के
मुख्य
न्यायाधीश
बनने
की
कतार
में
हैं.
अगर
मौजूदा
वरिष्ठता
के
सिद्धांत
का
पालन
किया
गया
तो
जस्टिस
पारदीवाला
3
मई
2028
को
चीफ
जस्टिस
ऑफ
इंडिया
बनेंगे.
उनका
कार्यकाल
2
साल
और
3
महीने
का
होगा.
11
अगस्त
2030
तक
इस
पद
पर
रहेंगे.



चंद्रचूड़
के
बाद
अगला
CJI
कौन?
कोई
6
महीने
तो
कोई
सिर्फ
36
दिन
रहेगा
कुर्सी
पर

एक
तरीके
से
जस्टिस
पारदीवाला
बतौर
सीजेआई,
डीवाई
चंद्रचूड़
के
2
साल
के
कार्यकाल
को
पीछे
छोड़
देंगे.
एक
और
गौर
करने
वाली
बात
यह
है
कि
जस्टिस
पारदीवाला
सुप्रीम
कोर्ट
के
इतिहास
में
चौथे
ऐसे
जज
हैं,
जो
पारसी
समुदाय
से
आते
हैं.


मशहूर
जजमेंट

सुप्रीम
कोर्ट
में
आने
के
बाद
जस्टिस
पारदीवाला
ने
तमाम
मशहूर
फैसले
दिए.
उदाहरण
के
तौर
पर
EWS
कोटा
का
मामला.
पारदीवाला
उस
संविधान
पीठ
का
हिस्सा
थे,
जिसने
बहुमत
से
EWS
कोटे
की
वैधता
बरकरार
रखी
थी.
बेंच
में
शामिल
जस्टिस
पारदीवाला
के
अलावा
जस्टिस
दिनेश
माहेश्वरी
और
जस्टिस
बेला
त्रिवेदी
फैसले
के
पक्ष
में
थीं.
जबकि
जस्टिस
यूयू
ललित
और
जस्टिस
रविंद्र
भट्ट
इसके
खिलाफ
थे.

इसके
अलावा
उन्होंने
ज्ञानवापी
मस्जिद
सर्वे
मामले
में
इलाहाबाद
हाईकोर्ट
के
फैसले
को
बरकरार
रखा.
अंजुमन
इंतजामिया
मस्जिद
कमेटी
ने
इलाहाबाद
हाई
कोर्ट
के
मस्जिद
के
सर्वे
के
फैसले
के
खिलाफ
सुप्रीम
कोर्ट
का
दरवाजा
खटखटाया
था.
जस्टिस
पारदीवाला
उस
बेंच
का
हिस्सा
भी
थे,
जिसने
बीजेपी
नेता
और
एडवोकेट
नूपुर
शर्मा
को
गिरफ्तारी
से
राहत
दी
थी.

Justice Pardiwala calls for regulation of social media, says it's overrun by 'half truths' - India Today


पिता
विधानसभा
अध्यक्ष,
वकीलों
का
परिवार

बहुत
कम
लोग
जानते
हैं
कि
जस्टिस
जेबी
पारदीवाला
का
परिवार
कई
पीढ़ी
से
कानून
के
पेशे
में
रही
है.
परदादा
नवरोजजी
भीकाजी
पारदीवाला
1894
में
वलसाड
में
वकालत
की
प्रैक्टिस
किया
करते
थे.
दादा
कवासजी
नौरोजजी
पारदीवाला
भी
साल
1929
में
प्रैक्टिस
किया
करते
थे
और
बहुत
मशहूर
वकील
थे.

जस्टिस
जेबी
पारदीवाला
(Justice
JB
Pardiwala)
के
पिता
बुरजोर
कवासजी
पारदीवाला
(Burjor
Cawasji
Pardiwala)
ने
भी
बार
ज्वाइन
किया
और
1955
में
प्रैक्टिस
शुरू
की.
वह
दिसंबर
1989
से
मार्च
1990
तक
गुजरात
विधानसभा
के
अध्यक्ष
भी
रहे.

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