
Why
women
must
buy
insurance
experts
advices:
हम
आमतौर
पर
जानते
हैं
इंश्योरेंस
के
लाभ
लेकिन
फिर
भी
देश
में
ऐसे
अब
भी
करोड़ों
लोग
हैं
जिन्होंने
इंश्योरेंस
नहीं
लिया
हुआ
है.
हालांकि
पिछले
कुछ
समय
में
बीमा
लेने
वाले
लोगों
की
संख्या
बढ़ी
है.
कोरोना
के
बाद
खासतौर
से,
हेल्थ
इंश्योरेंस
लेने
वालों
की
संख्या
में
खासा
इजाफा
हुआ.
हाल
ही
में
पॉलिसीबाजार
डॉट
कॉम
द्वारा
23,000
महिलाओं
के
पार्टिसिपेशन
के
साथ
किए
गए
सर्वे
में
पाया
गया
कि
केवल
एक
साल
में
अपने
लिए
स्वतंत्र
स्वास्थ्य
कवर
खरीदने
वाली
महिलाओं
की
संख्या
में
43
प्रतिशत
की
वृद्धि
हुई.
2023-24
में
महिलाओं
ने
हेल्थ
बीमा
के
तहत
पिछले
साल
साल
के
मुकाबले
25
फीसदी
ज्यादा
दावे
किए.
ऐसे
में
सवाल
उठता
है
कि
क्या
आपने
खुद
को
बीमित
किया?
क्या
आपने
अपने
बच्चे
और
परिवार
के
लिए,
यदि
वे
आप
पर
डिपेंड
हैं,
की
सुरक्षा
के
लिए
खुद
की
बीमित
करवाया?
क्या
आपने
नौकरी
से
मिलने
वाले
बीमा
पर
आंख
मूंदकर
भरोसा
किया
या
फिर
उनसे
कुछ
जरूरी
सवाल
किए?
आइए
तीन
जरूरी
पहलुओं
और
शंकाओं
को
समझें
जिन्हें
निवेश
और
बीमा
मामलों
के
जानकारों
के
हवाले
से
लिखा
गया
है.
हालांकि
हम
डिसक्लेमर
के
तौर
पर
कहेंगे
कि
किसी
भी
योजना
को
खरीदने
या
निवेश
करने
से
पहले
किसी
निवेश
सलाहकार
से
अपनी
जरूरतों
और
लक्ष्यों
पर
बातचीत
के
बाद
ही
अपने
विवेक
से
फैसला
लें.
न्यूज18
हिन्दी
डिजिटल
पर
यह
लेख
केवल
जानकारी
के
लिए
लिखा
गया
है.
अगर
आप
सोचती
हैं
कि
इंश्योरेंस
केवल
पति
या
घर
के
पुरुष
को
ही
लेना
चाहिए
तो
बता
दें
कि
यह
गलत
राय
है.
इंश्योरेंस
न
सिर्फ
खुद
के
लिए
बल्कि
अपने
परिवार
के
लिए
उस
स्थिति
में
तो
जरूर
ले
लेना
चाहिए
जब
आप
ही
घर
की
मुखिया
हों!
यानी,
आप
कमाती
हों
और
घर
चलाती
हों.
अविवाहित,
तलाकशुदा
या
विधवा
होने
की
कंडिशन
में
समाज
के
टैबू
बहुत
हैं.
ऐसे
में
जरूरी
है
कि
सिंगल
मदर
अपने
लिए
इंश्योरेंस
कवर
लेकर
अपने
और
संतान
के
भविष्य
की
किन्हीं
कड़वी
सिचुएन
को
बीमित
कर
ले.
मेडिकल
(हेल्थ)
इंश्योरेंस
और
लाइफ
इंश्योरेंस-
दो
प्रकार
के
इंश्योरेंस
हैं.
मेडिकल
इंश्योरेंस
बीमारी
के
खर्चे
निपटाता
है
और
लाइफ
इंश्योरेंस
आपके
निधन
के
बाद
आप
पर
निर्भर
लोगों
के
लिए
बेहद
मददगार
होगा.
सिंगल
महिलाओं
के
लिए
इंश्योरेंस
से
जुड़ी
सलाह
के
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एलआईसी
में
बीमा
सलाहकार
स्वीटी
मनोज
जैन
कहते
हैं
कि
कई
बार
नौकरी
से
मिला
हुआ
कवर
परिवार
को
पूरी
तरह
से
कवर
नहीं
करता
या
फिर
वह
कम
रकम
को
इंश्योर्ड
करता
है.
ऐसे
में
अपने
एंप्लायर
से
पूछ
लें
कि
ऑफिस
से
मिला
हुआ
बीमा
कितने
का
है
और
इसमें
कौन
सी
बीमारी
कवर
हो
रही
हैं.
इंश्योरेंस
में
फैमिली
कवर
है
या
नहीं.
शादीशुदा
हैं
तो
क्या
खुद
के
पैरेंट्स
को
कवर
करते
हैं
या
फिर
सास
ससुर
को
ही
केवल.
कंपनियां
कई
बार
परसेंटेज
के
मुताबिक
नॉमनी
तय
करने
का
विकल्प
आपको
देती
हैं.
ऐसे
में
सास
ससुर
और
माता
पिता
दोनों
को
शामिल
करने
का
विकल्प
होता
है.
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सही
है
कि
कई
बार
प्रीमियम
की
रकम
बहुत
ज्यादा
होती
है
लेकिन
इस
मसले
पर
बाजी
अपने
पक्ष
में
रखने
के
लिए
जरूरी
है
कि
जल्द
से
जल्द
कवर
लें.
साथ
ही
यह
न
भूलें
कि
यह
आपको
जो
कवर
प्रदान
करता
है,
उसके
लिए
आपको
थोड़ी
बचत
तो
करनी
होगी.
निवेश
सलाहकार
बलवंत
जैन
का
कहना
है
कि
जीवन
बीमा
करवाते
समय
आपको
रिटर्न
के
बजाय
सिर्फ
सुरक्षा
पर
ध्यान
देना
चाहिए.
एलआईसी
की
आधार
शिला
योजना
ऐसी
है
जो
केवल
महिलाओं
के
लिए
है.
एलआईसी
की
यह
इकलौती
पॉलिसी
है
जो
केवल
महिलाओं
के
लिए
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8
साल
की
बच्ची
के
नाम
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भी
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पॉलिसी
आप
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सकती
हैं.
इसमें
आपको
कम
से
कम
75,000
रुपये
और
अधिक
से
अधिक
3
लाख
रुपये
डालने
होंगे.
परिपक्वता
पर
आप
चाहे
तो
एकमुश्त
राशि
को
किसी
नई
पॉलिसी
में
फिर
से
निवेश
कर
सकती
हैं.
इस
पॉलिसी
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FIRST
PUBLISHED
:
May
15,
2024,
14:44
IST