
हाइलाइट्स
दिल्ली-मुंबई
एक्सप्रेसवे
की
कुल
लंबाई
1,350
किलोमीटर
के
आसपास
है.सूरत-चेन्नई
एक्सप्रेसवे
की
कुल
लंबाई
1,271
किलोमीटर
है.
इससे
दोनों
शहरों
के
बीच
ट्रैवल
टाइम
भी
घटकर
आधा
रह
जाएगा.
नई
दिल्ली.
देश
का
सबसे
बड़ा
एक्सप्रेसवे
दिल्ली
से
मुंबई
के
बीच
बनाया
जा
रहा
है.
यह
बात
तो
सभी
जानते
हैं,
लेकिन
क्या
आपको
पता
है
देश
का
दूसरा
सबसे
लंबा
एक्सप्रेसवे
कौन-सा
है
और
किन
शहरों
के
बीच
बन
रहा
है.
सूरत-चेन्नई
एक्सप्रेसवे
(Surat-Chennai
expressway)
देश
का
दूसरा
सबसे
लंबा
एक्सप्रेसवे
है,
जिसकी
कुल
लंबाई
1,271
किलोमीटर
है.
दिल्ली-मुंबई
एक्सप्रेसवे
की
कुल
लंबाई
1,350
किलोमीटर
के
आसपास
है.
यह
एक्सप्रेसवे
चेन्नई
को
सूरत
से
जोड़ेगा
और
वेस्टर्न
घाट
के
रास्ते
लोग
इस
सफर
को
तय
करेंगे.
नया
एक्सप्रेसवे
2
साल
में
पूरा
हो
जाएगा
और
इससे
दोनों
शहरों
के
बीच
ट्रैवल
टाइम
भी
घटकर
आधा
रह
जाएगा.
नेशनल
हाईवे
अथॉरिटी
ऑफ
इंडिया
(NHAI)
इस
एक्सप्रेसवे
को
विकसित
कर
रहा
है.
इस
पर
अधिकतम
स्पीड
120
किलोमीटर
प्रति
घंटे
रखी
गई
है.
एक्सप्रेसवे
के
निर्माण
पर
करीब
50
हजार
करोड़
रुपये
की
लागत
का
अनुमान
है.
इस
एक्सप्रेसवे
के
शुरू
होने
से
करीब
50
हजार
गाडि़यों
का
ट्रैफिक
सड़क
पर
कम
हो
जाएगा.
फिलहाल
इसे
4
लेन
का
बनाया
जा
रहा
है,
जो
भविष्य
में
बढ़ाकर
6
और
फिर
8
लेन
किया
जा
सकेगा.
सफर
में
कितना
समय
लगेगा
चेन्नई
और
सूरत
के
बीच
एक्सप्रेसवे
तैयार
होने
के
बाद
दोनों
शहरों
की
मौजूदा
दूरी
1,600
किलोमीटर
से
घटकर
1,270
किलोमीटर
रह
जाएगी.
अभी
जहां
इस
दूरी
को
तय
करने
में
35
घंटे
तक
का
सफर
लग
जाता
है,
वहीं
नए
एक्सप्रेसवे
से
सफर
का
समय
आधा
घटकर
सिर्फ
18
घंटे
रह
जाएगा.
यह
सड़क
6
बड़े
राज्यों
से
होकर
गुजरेगी
जिसमें
गुजरात,
महाराष्ट्र,
कर्नाटक,
आंध्र
प्रदेश,
तेलंगाना
और
तमिलनाडु
शामिल
हैं.
इन
राज्यों
के
कई
शहरों
को
इस
सड़क
से
फायदा
मिलेगा.
तिरुपति,
कडप्पा,
कुरनूल,
कलबुर्गी,
सोलापुर,
अहमदनगर
और
नासिक
को
इसका
फायदा
मिलेगा.
कब
तक
होगा
शुरू
प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी
ने
भारतमाला
परियोजना
के
तहत
चेन्नई-सूरत
मोटरवे
परियोजना
का
उद्घाटन
अक्टूबर
2021
में
किया
था.
इसे
पूरा
करने
की
डेडलाइन
दिसंबर,
2025
रखी
गई
है.
इसके
तैयार
होने
से
दक्षिण
भारत
को
पश्चिम
भारत
से
सीधे
तौर
पर
जोड़ा
जा
सकेगा.
गुजरात
का
सूरत
शहर
कपड़ों
का
सबसे
बड़ा
बाजार
है,
जबकि
चेन्नई
आईटी
सहित
अन्य
इंडस्ट्री
के
ग्रोथ
के
जाना
जाता
है.
नए
एक्सप्रेसवे
से
दोनों
शहरों
के
बीच
कारोबार
तो
बढ़ेगा
ही,
इंडस्ट्रियल
कॉरिडोर
भी
विकसित
होगा.
इतना
ही
नहीं
इस
एक्सप्रेसवे
के
दोनों
किनारों
पर
रियल
एस्टेट
का
भी
डेवलपमेंट
होगा.
क्या
फायदे
होंगे
चेन्नई-सूरत
एक्सप्रेसवे
शुरू
होने
के
बाद
दोनों
शहरों
के
बीच
सफर
का
समय
तो
कम
होगा
ही
उत्तर
भारत
का
दक्षिण
से
सीधा
कनेक्शन
भी
हो
जाएगा.
इससे
दो
बड़े
बिजनेस
कॉरिडोर
का
डेवलपमेंट
होगा
और
दोनों
शहरों
के
बीच
सामान
व
सेवाओं
का
निर्यात
भी
बढ़ेगा.
इससे
वेस्टर्न
घाट
की
तरफ
टूरिस्ट
को
आकर्षित
करने
में
मदद
मिलेगी.
इसके
अलावा
आंध्र
प्रदेश,
सेंट्रल
महाराष्ट्र,
कर्नाटक
के
पश्चिमी
भाग
की
तरफ
भी
टूरिज्म
को
विकसित
किया
जा
सकेगा.
इंडस्ट्रियल
डेवलपेंट
होने
के
बाद
नौकरियां
भी
पैदा
होंगी.
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FIRST
PUBLISHED
:
May
15,
2024,
18:44
IST