2 पैसा किलो के हिसाब से बेचा भुजिया, आज 100 देशों में फैला है कारोबार

2 पैसा किलो के हिसाब से बेचा भुजिया, आज 100 देशों में फैला है कारोबार


हाइलाइट्स


हल्दीराम
हर
प्रोडक्ट
पर
15
परसेंट
तक
प्रॉफिट
कमाती
है.
पिछले
साल
यह
प्रॉफिट
बढ़कर
18
परसेंट
पर
पहुंच
गया.
कई
विदेशी
कंपनियां
हल्दीराम
का
अधिग्रहण
करना
चाह
रही
हैं.


नई
दिल्ली.

जब
बीकानेर
की
एक
छोटी
सी
दुकान
से
गंगा
बिशेन
अग्रवाल
ने
भुजिया
नमकीन
बेचना
शुरू
किया
होगा
तो
शायद
ही
उन्होंने
यह
सोचा
होगा
कि
उनकी
ये
दुकान
एक
दिन
अरबों
के
कारोबार
बन
जाएगी.
आज
पूरी
दुनिया
इस
दुकान
से
पनपे
कारोबार
को
हल्दीराम
के
नाम
से
जानती
है.
गंगा
बिशेन
अग्रवाल
को
ही
प्यार
से
उनके
परिवार
के
लोग
हल्दीराम
कहते
थे.
उन्होंने
इसी
नाम
को
अपनी
दुकान
का
नाम
रख
दिया.
हल्दीराम
अभी
चर्चा
में
है.
इसकी
वजह
है
कि
कई
विदेशी
कंपनियां
इसमें
बड़ी
हिस्सेदारी
खरीदने
के
लिए
लाइन
लगाए
खड़ी
हैं.

ऐसा
पहली
बार
नहीं
है
जब
कोई
कंपनी
हल्दीराम
को
खरीदना
चाह
रही
हो.
इससे
पहले
खबर
आई
थी
कि
टाटा
ग्रुप
भी
हल्दीराम
में
51
फीसदी
हिस्सेदारी
खरीदना
चाह
रहा
है.
ऐसा
कहा
जाता
है
कि
हल्दीराम
उस
समय
अपना
वैल्युएशन
10
अरब
डॉलर
लगा
रहा
था
जो
टाटा
को
सही
नहीं
लगा
इसलिए
डील
पूरी
नहीं
हो
पाई.
हालांकि,
टाटा
ने
इस
खबर
का
खंडन
किया
था.
उन्होंने
कहा
था
कि
उनकी
हल्दीराम
के
साथ
ऐसी
कोई
बातचीत
नहीं
हुई
है.



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बनाने
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का
मुनाफा,
लगाए
होते
1
लाख
तो
आज…


अब
कौन
है
कतार
में?

हल्दीराम
को
अब
तीन
कंपनियां
मिलकर
खरीदना
चाह
रही
हैं.
वे
हल्दीराम
में
70
फीसदी
से
ज्यादा
हिस्सेदारी
चाहती
हैं.
इसमें
दुनिया
के
सबसे
बड़ी
फंड
मैनेजमेंट
कंपनी
में
से
एक
ब्लैकस्टोन
शामिल
है.
इसके
अलावा
अबू
धाबी
इन्वेस्टमेंट
अथॉरिटी
और
सिंगापुर
की
जीआईसी
भी
ब्लैकस्टोन
की
अगुआई
वाले
इस
ग्रुप
में
शामिल
हैं.
उन्होंने
74-76
फीसदी
हिस्सेदारी
खरीदने
का
ऑफर
दिया
है.
हल्दीराम
की
वैल्यू
8.5
अरब
डॉलर
हो
सकती
है
जो
भारतीय
करेंसी
में
70,500
करोड़
रुपये
के
आसपास
होगा.


2
पैसे
की
भुजिया
से
शुरुआत

हल्दीराम
की
शुरुआत
बीकानेर
में
1937
में
हुई.
तब
गंगा
बिशेन
अग्रवाल
2
पैसे
की
1
किलो
भुजिया
बेचा
करते
थे.
लोगों
को
उनकी
भुजिया
इतनी
पसंद
आई
कि
वह
हफ्ते
में
200
किलो
भुजिया
बेचने
लगे.
इसके
बाद
भुजिया
का
रेट
कुछ
ही
समय
में
बढ़कर
25
पैसे
हो
गया.
धीरे-धीरे
कारोबार
का
विस्तार
होता
गया.
हल्दीराम
बीकानेर
से
निकलकर
दिल्ली,
पुणे
और
कोलकाता
पहुंच
गया.
दिल्ली
में
अब
इनका
हल्दीराम
स्नैक्स
एंड
एथनिक
फूड्स
का
बिजनेस
है.
नागपुर
में
हल्दीराम
फूड्स
इंटरनेशनल
और
कोलकाता
में
हल्दीराम
भुजियावाला.
इनमें
से
सबसे
बड़ा
बिजनेस
दिल्ली
का
है.
अब
इनके
प्रोडक्ट्स
के
दाम
भी
काफी
बढ़
चुके
हैं.
इनका
बिजनेस
100
से
अधिक
देशों
में
फैल
चुका
है.


वित्तीय
स्थिति

कंपनी
के
फाइनेंस
की
बात
करें
तो
वित्त
वर्ष
2024
में
इसका
रेवेन्यू
14500
करोड़
रुपये
रहने
की
उम्मीद
है.
वहीं,
इसका
प्रॉफिट
आफ्टर
टैक्स
2300
से
2500
करोड़
रुपये
रह
सकता
है.
पिछले
5
साल
से
इनका
बिजनेस
लगातार
18
फीसदी
की
दर
से
बढ़
रहा
है.
कंपनी
हर
प्रोडक्ट
पर
14-15
परसेंट
का
प्रॉफिट
बनाती
है.
हालांकि,
पिछले
साल
इनपुट
कॉस्ट
कम
रही
इसलिए
यह
प्रॉफिट
18
परसेंट
तक
चला
गया.

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