
-
Hindi
News -
National -
Arvind
Kejriwal
ED
Arrest
Case
LIVE
Update;
Supreme
Court
|
Delhi
Liquor
Scam
Case
नई
दिल्ली11
मिनट
पहले
-
कॉपी
लिंक

दिल्ली
के
मुख्यमंत्री
अरविंद
केजरीवाल
की
जमानत
पर
सुप्रीम
कोर्ट
ने
गुरुवार
को
कहा
कि
उन्हें
कोई
विशेष
छूट
नहीं
दी
है।
अदालत
ने
कहा
कि
इस
फैसले
की
आलोचनात्मक
समीक्षा
का
हम
स्वागत
करते
हैं।
जस्टिस
संजीव
खन्ना
और
जस्टिस
दीपांकर
दत्ता
की
बेंच
कहा
कि
हमने
अपने
फैसले
में
कहा
था
कि
हमें
यह
न्यायसंगत
लगा
था।
सुप्रीम
कोर्ट
में
केजरीवाल
की
चुनावी
स्पीच
पर
बहस
ED
की
ओर
से
सॉलिसिटर
जनरल
तुषार
मेहता
कोर्ट
में
पेश
हुए।
उन्होंने
उस
बयान
का
विरोध
किया,
जिसमें
केजरीवाल
ने
चुनावी
रैली
में
कहा
था-
अगर
लोगों
ने
AAP
को
वोट
दिया
तो
मुझे
2
जून
को
जेल
नहीं
जाना
पड़ेगा।
सुप्रीम
कोर्ट
ने
कहा-
उनके
पूर्वानुमान
पर
हम
कुछ
नहीं
कह
सकते।
केजरीवाल
के
वकील
अभिषेक
मनु
सिंघवी
ने
कहा
कि
एक
केंद्रीय
मंत्री
ने
भी
बयान
दिया
है।
उनका
नाम
सुनवाई
के
दौरान
नहीं
लिया
गया
है।
सुप्रीम
कोर्ट
ने
1
जून
तक
केजरीवाल
को
जमानत
दी

सुप्रीम
कोर्ट
ने
केजरीवाल
को
10
मई
को
अंतरिम
जमानत
दी
थी।
लोकसभा
चुनाव
के
प्रचार
के
लिए
केजरीवाल
को
1
जून
तक
राहत
मिली
है।
उन्हें
2
जून
को
हर
हाल
में
सरेंडर
करने
को
कहा
गया
है।
जमानत
मिलने
के
बाद
केजरीवाल
10
मई
को
39
दिन
बाद
तिहाड़
जेल
से
बाहर
आए
थे।
ED
ने
शराब
नीति
केस
में
केजरीवाल
को
21
मार्च
को
अरेस्ट
किया
था।
ED
ने
22
मार्च
को
उन्हें
राउज
एवेन्यू
कोर्ट
में
पेश
किया।
कोर्ट
ने
उन्हें
28
मार्च
तक
ED
रिमांड
पर
भेजा,
जो
बाद
में
1
अप्रैल
तक
बढ़ाई
गई।
1
अप्रैल
को
ही
उन्हें
तिहाड़
भेज
दिया
गया
और
उनकी
न्यायिक
हिरासत
बढ़ते-बढ़ते
7
मई
तक
हो
गई।
सुप्रीम
कोर्ट
ने
जमानत
देते
हुए
कहा
कि
वे
जेल
से
बाहर
जाकर
शराब
नीति
केस
से
जुड़ी
बयानबाजी
नहीं
करेंगे।
अपना
पासपोर्ट
सरेंडर
करेंगे।
साथ
ही
दिल्ली
से
बाहर
जाने
पर
जांच
एजेंसी
को
बताएंगे
और
अपनी
लाइव
लोकेशन
शेयर
करेंगे।
ED
ने
अंतरिम
जमानत
का
विरोध
किया,
कहा-
जमानत
दी
तो
नजीर
बन
जाएगी
ED
ने
अंतरिम
जमानत
पर
सुनवाई
से
एक
दिन
पहले
9
मई
को
सुप्रीम
कोर्ट
में
हलफनामा
दायर
कर
केजरीवाल
की
जमानत
का
विरोध
किया
था।
ED
ने
कहा,
चुनाव
प्रचार
ना
मौलिक
अधिकार
है
और
ना
ही
संवैधानिक
या
कानूनी।
केजरीवाल
को
जमानत
मिलने
की
स्थिति
में
बेईमान
नेताओं
को
चुनाव
की
आड़
में
बचने
का
मौका
मिल
जाएगा।
ED
ने
कहा-
कई
ऐसे
लोग
जेल
में
हैं,
जो
इस
आधार
पर
जमानत
मांगेंगे।
जांच
एजेंसी
ने
असम
जेल
में
बंद
खालिस्तान
समर्थक
अमृतपाल
सिंह
का
भी
जिक्र
किया।
एजेंसी
ने
कहा
कि
अमृतपाल
ने
भी
हमसे
संपर्क
किया
है।
इस
पर
कोर्ट
ने
कहा
कि
वो
केस
अलग
है।
उसे
इससे
न
जोड़ें।
10
मई
से
पहले
सुप्रीम
कोर्ट
में
5
बार
सुनवाई
हुई

7
मई
को
सुनवाई
के
दौरान
जस्टिस
खन्ना
का
कमेंट
और
SG
मेहता
की
दलील।
-
7
मई
को
केजरीवाल
की
अंतरिम
जमानत
पर
फैसला
सुनाए
बिना
सुप्रीम
कोर्ट
की
बेंच
उठ
गई।
सुबह
साढ़े
10
बजे
सुनवाई
शुरू
होने
के
बाद
लंच
से
पहले
तक
कोर्ट
ने
जमानत
की
शर्तें
तय
कर
ली
थीं।
हालांकि
तब
ED
ने
कहा
कि
केजरीवाल
के
वकील
को
3
दिन
सुना
गया।
हमें
भी
पर्याप्त
समय
दिया
जाए।
पूरी
खबर
पढ़ें… -
3
मई
को
सुनवाई
दो
घंटे
चली
थी।
इस
लंबी
बहस
के
बाद
बेंच
ने
कहा
था
कि
मेन
केस
यानी
जिसमें
केजरीवाल
ने
अपनी
गिरफ्तारी
और
रिमांड
को
चुनौती
दी
है,
इसमें
समय
लग
सकता
है।
लोकसभा
चुनाव
को
देखते
हुए
केजरीवाल
की
अंतरिम
जमानत
पर
विचार
किया
जा
सकता
है,
ताकि
वे
कैंपेन
में
हिस्सा
ले
सकें।
पूरी
खबर
पढ़ें -
30
अप्रैल
की
सुनवाई
में
सुप्रीम
कोर्ट
ने
गिरफ्तारी
की
टाइमिंग
पर
सवाल
उठाए
थे।
ED
से
पूछा
था
कि
चुनाव
के
पहले
ऐसा
क्यों
किया?
पूरी
खबर
पढ़ें -
29
अप्रैल
की
सुनवाई
में
सुप्रीम
कोर्ट
ने
केजरीवाल
से
ED
के
नोटिस
पर
सवाल
पूछे।
सुप्रीम
कोर्ट
ने
कहा
कि
आपको
ED
ने
जो
नोटिस
भेजे,
आपने
उन्हें
नजर
अंदाज
क्यों
किया।
आप
गिरफ्तारी
और
रिमांड
के
खिलाफ
यहां
आए,
आपने
जमानत
के
लिए
ट्रायल
कोर्ट
क्यों
नहीं
गए।
केजरीवाल
के
वकील
सिंघवी
ने
कहा
था
कि
गिरफ्तारी
अवैध
है
इसलिए।
पूरी
खबर
पढ़ें -
15
अप्रैल
को
सुप्रीम
कोर्ट
ने
ED
को
नोटिस
देकर
गिरफ्तारी
पर
जवाब
मांगा
था।
सुनवाई
के
दौरान
हलफनामे
में
ED
ने
कहा
कि
कई
बार
समन
भेजे
जाने
के
बावजूद
उन्होंने
एजेंसी
के
साथ
सहयोग
नहीं
किया।
ED
ने
यह
भी
कहा
कि
केजरीवाल
को
किसी
दुर्भावना
या
दूसरे
कारणों
से
गिरफ्तार
नहीं
किया
गया
है।
उनकी
गिरफ्तारी
जांच
का
हिस्सा
है।
पूरी
खबर
पढ़ें
खबरें
और
भी
हैं…