‘पप्पू’ के गढ़ में सेंध…क्या BJP रिकॉर्ड बनाने जा रही है?

‘पप्पू’ के गढ़ में सेंध…क्या BJP रिकॉर्ड बनाने जा रही है?

77
साल
के
पप्पू…
विपक्ष
का
आरोप-
पप्पू
बीमार
हैं…
विपक्ष
का
ये
भी
आरोप
है
कि
पप्पू
की
सरकार
नहीं
है,
सरकार
तो
ब्यूरोक्रेसी
की
है…
ये
तो
आरोप
हैं…
लेकिन
डेटा
कुछ
और
कहते
हैं.
साल
2000
से
वह
एक
राज्य
के
पावर
सेंटर
हैं,
फिर
क्यों
साल
2009
के
बाद
यानी
की
15
साल
बाद
गठबंधन
की
बात
कर
रहे
थे.
क्या
पप्पू
उम्र
के
साथ
कमजोर
हुए
हैं?
या
फिर
पप्पू
के
गढ़
में
सेंध
लग
चुकी
है?

यहां
पप्पू
का
मतलब
नवीन
पटनायक
से
है.
ओडिशा
वाले
नवीन
पटनायक
से.
ओडिशा
के
सीएम
से.
कहा
जाता
है
कि
जब
तक
वह
राजनीति
में
नहीं
आए
थे
और
विदेश
से
खास
मौकों
पर
अपने
राज्य
में
आते
थे,
तब
तक
लोग
उन्हें
घर
के
नाम
पप्पू
से
ही
जानते
थे.
उनके
पिता
और
ओडिशा
के
पूर्व
सीएम
बीजू
पटनायक
उन्हें
पप्पू
ही
बुलाते
थे.
बीजू
पटनायक
की
मृत्यु
के
बाद
उनके
छोटे
बेटे
पप्पू
यानी
कि
नवीन
पटनायक
ने
विदेश
से
लौटकर
उनकी
राजनीतिक
विरासत
संभाली.

फिर
क्या…
साल
2000
के
बाद
से
ओडिशा
में
लगातार
बीजू
जनता
दल
की
सरकार
है
और
नवीन
पटनायक
सीएम.

लेकिन
इस
बार
परिस्थितियों
बदली
हैं.
फरवरी-मार्च
के
महीने
में
ये
कयास
लगाए
जा
रहे
थे
कि
बीजेडी
इस
बार
बीजेपी
से
गठबंधन
करेगी.
शायद
इसीलिए
बीजेडी
ने
अश्निनी
वैष्णव
को
राज्यसभा
में
समर्थन
दिया.
इसके
बाद
पांच
मार्च
को
बीजू
पटनायक
की
जयंती
पर
पीएम
नरेंद्र
मोदी
ओडिशा
गए.
उन्होंने
नवीन
पटनायक
को
अपना
मित्र
कहा.
और
यहीं
से
कयास
लगे
कि
साल
2024
के
लोकसभा
और
विधानसभा
दोनों
चुनाव
में
बीजेपी
और
बीजेडी
गठबंधन
में
उतरेंगी.
लेकिन,
ऐसा
हो
नहीं
पाया.
बीजेपी
ने
अकेले
ही
चुनाव
लड़ने
का
फैसला
किया.


सबसे
पहले
लोकसभा
चुनाव
के
आंकड़ों
की
बात
कर
लें…

ओडिशा
में
लोकसभा
की
21
सीटें
हैं.
साल
2014
में
बीजेडी
ने
21
में
से
20
सीट
जीत
ली
थी.
उसे
रिकॉर्ड
44.8%
वोट
मिला
था.
बीजेपी
का
वोट
शेयर
21.9%
था
और
उसे
1
सीट
से
संतोष
करना
पड़ा
था.
5
साल
बाद
2019
में
बीजेडी
के
वोट
शेयर
में
1.5%
की
गिरावट
आई
और
उसे
43.3%
वोट
मिला.

दूसरी
तरफ


बीजेपी

का
वोट
परसेंट
21.9%
से
38.9%
पर
पहुंच
गया.
यानी
की
17%
का
ग्रोथ
हुआ.
यही
नहीं
बीजेपी
की
सीट
भी
1
से
बढ़कर
8
हो
गई.
यानी
कि
2014
के
बाद
से
महानदी
में
काफी
पानी
बह
चुका
है…
इन
वर्षों
में
बीजेपी
को
जो
ग्रोथ
मिला
है,
उससे
वहां
के
कार्यकर्ता
उत्साहित
हैं
और
उन्हें
लगता
है
कि
वे
लोकसभा
में
70%
सीट
जीत
सकती
है
और
राज्य
में
सरकार
बनाने
की
स्थिति
में

सकती
है…


विधानसभा
चुनाव
का
क्या
है
गणित

साल
2014
में
बीजेडी
का
वोट
शेयर
2009
की
तुलना
में
5%
बढ़कर
43.9%
हो
गया
था.
बीजेडी
ने
117
सीटें
जीती
थीं.
कांग्रेस
को
26%
वोट
मिला
था
और
उसके
खाते
में
16
सीट
आई
थी.
बीजेपी
को
18.2%
वोट
मिला
था
और
उसे
10
सीट
से
संतोष
करना
पड़ा
था.

साल
2019
में
राज्य
का
चुनावी
गणित
बदल
गया.
बीजेपी
को
32.8%
वोट
मिले
और
23
सीट
मिली.
इसके
साथ
ही
वह
राज्य
में
विपक्ष
की
पार्ट
बन
गई.
कांग्रेस
का
ग्राफ
और
गिरा
और
उसे
सिर्फ
16.9%
वोट
मिले.
जबकि
सीट
सिर्फ
9
मिली.


पूर्व
आईएएस
अधिकारी
हैं
उत्तराधिकारी?

नवीन
पटनायक
की
उम्र
77
साल
है.
विपक्ष
आरोप
लगाता
है
कि
उनकी
तबीयत
ठीक
नहीं
है.
ऐसे
में
आईएएस
की
नौकरी
छोड़कर
पटनायक
के
साथ
जुड़े
वीके
पांडियन
को
उनका
उत्तराधिकारी
माना
जाता
है.
उन्हें
पार्टी
का
प्रमुख
प्रचारक
और
रणनीतिकार
माना
जाता
है.
उन्हें
चुनाव
का
बैकरुम
बॉय
भी
कहा
जाता
है.


बीजेपी
की
रणनीति



बीजेपी

साल
2009
तक
ओडिशा
में
बीजेडी
की
उंगली
पकड़कर
ही
चलती
थी.
लेकिन
केंद्र
में
मोदी
सरकार
आने
के
बाद
से
बीजेपी
ने
अपनी
रणनीति
बदली
और
राज्य
में
विस्तार
शुरू
किया.
बीजेपी
के
पास
पहले
राज्य
में
फेस
नहीं
थे.
लेकिन
फिर
धर्मेंद्र
प्रधान,
अश्विनी
वैष्णव
जैसे
नेताओं
को
केंद्रीय
स्तर
पर
और
राज्य
में
जुएल
ओराम,
जय
बैजयंत
पांडा,
मनमोहन
सामल
जैसे
नेताओं
को
आगे
करके
बीजेपी
ने
राज्य
के
समीकरण
बदल
दिए.


बीजेडी
के
वोटबैंक
में
सेंध

नवीन
पटनायक
के
पास
सबसे
अधिक
समय
तक
सीएम
रहने
का
रिकॉर्ड
बनाने
का
अवसर
है.
वह
6
महीने
और
सीएम
रहेंगे
तो
पवन
चामलिंग
का
सबसे
ज्यादा
दिन
24
साल
तक
सीएम
रहने
का
रिकॉर्ड
तोड़
देंगे.
लेकिन,
इस
बार
बीजेपी
ने
उनके
वोटबैंक
में
ही
सेंध
लगा
दी
है.
बीजेडी
का
वोटबैंक
आदिवासी,
पिछड़ा
और
गरीब
वर्ग
है.
लेकिन,


बीजेपी

ने
अपनी
राशन
की
योजना,
उज्ज्वला
योजना
और
दूसरी
केंद्र
सरकार
की
योजनाओं
से
इस
वोटबैंक
में
सेंधमारी
कर
दी
है.
उसने
क्षेत्रीय
नेताओं
की
एक
टीम
तैयार
कर
ली
है.

ओडिशा
के
चुनाव
का
रिजल्ट
क्या
होगा…?
लोकसभा
और
विधानसभा
में
अलग-अलग
ट्रेंड
देखने
को
मिलेंगे?
नवीन
पटनायक
रिकॉर्ड
बना
पाएंगे?
बीजेपी
के
400
पार
के
नारे
को
लोकसभा
की
सीटों
से
बुलंद
करेगा…
या
कुछ
और
होगा…
फिलहाल
ओडिशा
का
चुनाव
रोमांचक
स्थिति
में
पहुंच
गया
है
और
देश
से
अलग
ट्रेंड
सेट
कर
रहा
है…

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