
कोर्ट
(प्रतीकात्मक
फोटो)
–
फोटो
:
एएनआई
विस्तार
जबलपुर
हाईकोर्ट
ने
अपने
अहम
आदेश
में
कहा
है
कि
नियुक्ति
विज्ञापन
के
बाद
जारी
हुआ
बीपीएल
कार्ड
मान्य
नहीं
है।
जस्टिस
विवेक
अग्रवाल
ने
उक्त
आदेश
के
साथ
बीपीएल
कार्ड
होने
के
कारण
महिला
अभ्यर्थी
को
दस
अतिरिक्त
अंक
प्रदान
किए
जाने
के
आदेश
को
निरस्त
कर
दिया
है।
याचिकाकर्ता
सविता
की
तरफ
से
दायर
की
गई
याचिका
में
कहा
गया
था
कि
उसने
निमाड़ी
जिले
के
काका
देही
ग्राम
में
आंगनवाड़ी
कार्यकर्ता
के
रूप
में
आवेदन
किया
था।
अनावेदक
शांति
कुशवाहा
को
बीपीएल
कार्ड
का
लाभ
प्रदान
करते
हुए
दस
अंक
प्रदान
कर
दिए।
याचिका
में
कहा
गया
था
कि
विज्ञापन
जारी
होने
की
तिथि
पर
उपलब्ध
दस्तावेज
का
अभ्यर्थियों
का
लाभ
मिलता
है।
अनावेदक
महिला
के
पास
विज्ञापन
जारी
होने
की
तिथि
तक
बीपीएल
कार्ड
नहीं
था।
इसलिए
उसे
अतिरिक्त
दस
अंक
नहीं
मिलने
चाहिए
थे।
एकलपीठ
ने
याचिका
की
सुनवाई
के
दौरान
पाया
कि
नियुक्ति
के
लिए
16
मार्च
2021
को
विज्ञापन
जारी
किए
गया
था
और
आवेदन
की
अंतिम
तिथि
31
मार्च
थी।
अनावेदिका
को
24
मार्च
2021
को
बीपीएल
कार्ड
जारी
हुआ
था।
एकलपीठ
ने
सुनवाई
के
बाद
उक्त
आदेश
जारी
किए।
विज्ञापन
विज्ञापन