
श्रीनगर39
मिनट
पहले
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पहली
तस्वीर
भाजपा
नेता
ऐजाज
अहमद
की
है,
जिनकी
मौत
हुई
है।
दूसरी
तस्वीर
जयपुर
की
फराह
की
है,
जो
अपने
पति
के
साथ
घूमने
आई
थी।
जम्मू-कश्मीर
में
शनिवार
(18
मई)
की
रात
एक
घंटे
के
भीतर
दो
जगह
आतंकी
हमले
हुए।
पहली
घटना
पहलगाम
के
पास
एक
ओपन
टूरिस्ट
कैंप
की
है।
यहां
आतंकियों
ने
एक
टूरिस्ट
कपल
को
गोली
मार
दी।
कपल
राजस्थान
के
जयपुर
के
रहने
वाले
हैं।
पति-पत्नी
रिसॉर्ट
में
रुके
हुए
थे।
महिला
का
नाम
फराह
और
उसके
पति
का
नाम
तबरेज
है।
पति
की
हालत
नाजुक
बताई
जा
रही
है।
कपल
को
पहले
नजदीकी
अस्पताल
में
भर्ती
कराया
गया
था।
हालांकि,
दोनों
की
गंभीर
हालत
को
देखते
हुए
जीएमसी
अनंतनाग
रेफर
किया
गया
है।
इस
घटना
के
कुछ
देर
बाद
शोपियां
के
हीरपोरा
में
रात
करीब
10.30
बजे
आतंकियों
ने
लोकल
भाजपा
नेता
ऐजाज
अहमद
शेख
को
गोली
मार
दी।
ऐजाज
अहमद
को
अस्पताल
ले
जाया
गया,
जहां
उन्होंने
दम
तोड़
दिया।
ऐजाज
अहमद
पूर्व
सरपंच
थे।

फराह
और
उनके
पति
तबरेज
को
जीएमसी
अनंतनाग
रेफर
किया
गया
है।

ये
तस्वीर
पहलगाम
स्थित
ओपन
टूरिस्ट
कैंप
की
है,
जहां
आतंकियों
ने
राजस्थान
के
कपल
को
गोली
मारी।
4
मई
को
एयरफोर्स
जवानों
पर
हमला
हुआ
था
इससे
पहले
4
मई
को
पुंछ
में
एयरफोर्स
जवानों
पर
आतंकी
हमला
हुआ
था।
इसमें
एक
जवान
शहीद
हो
गया
था।
हमले
में
पांच
जवान
घायल
हुए
थे,
जिन्हें
एयरलिफ्ट
कर
उधमपुर
के
अस्पताल
ले
जाया
गया
था।
हमला
पुंछ
के
शाहसितार
इलाके
में
हुआ
था।
आतंकियों
ने
सुरक्षाबलों
के
दो
वाहनों
पर
भारी
फायरिंग
की
थी।
इसमें
से
एक
वाहन
एयरफोर्स
का
था।
दोनों
गाड़ियां
सनाई
टॉप
जा
रही
थीं।
आतंकियों
की
गोलियां
वाहन
के
सामने
और
साइड
वाले
शीशे
को
पार
कर
गईं
थीं।
पूरी
खबर
पढ़ें

4
मई
को
हुए
आतंकी
हमले
में
विक्की
पहाड़े
शहीद
हुए
थे।
विक्की
मध्य
प्रदेश
के
छिंदवाड़ा
जिले
के
रहने
वाले
थे।
22
अप्रैल
को
आतंकियों
ने
सरकारी
कर्मचारी
की
हत्या
की
थी
जम्मू-कश्मीर
के
राजौरी
में
22
अप्रैल
की
रात
आतंकियों
ने
एक
घर
में
पर
फायरिंग
की
थी।
इसमें
40
साल
के
मोहम्मद
रज्जाक
की
मौत
हो
गई।
वे
कुंडा
टोपे
शाहदरा
शरीफ
के
रहने
वाले
थे।
रज्जाक
के
भाई
सेना
में
जवान
हैं।
19
साल
पहले
आतंकियों
ने
इसी
गांव
में
रज्जाक
के
पिता
मोहम्मद
अकबर
की
हत्या
कर
दी
थी।
वे
वेलफेयर
डिपार्टमेंट
में
काम
करते
थे।
रज्जाक
को
पिता
के
बाद
उनकी
नौकरी
मिली
थी।
पूरी
खबर
पढ़ें…
अप्रैल
में
दो
गैर-कश्मीरियों
की
टारगेट
किलिंग
हुई

17
अप्रैल
को
आतंकियों
ने
बिहार
के
एक
प्रवासी
की
गोली
मारकर
हत्या
कर
दी
थी।
8
अप्रैल:
दक्षिण
कश्मीर
के
शोपियां
जिले
के
पदपावन
में
आतंकियों
ने
गैर
कश्मीरी
स्थानीय
ड्राइवर
परमजीत
सिंह
को
गोली
मारी
थी।
वह
दिल्ली
का
रहने
वाला
था।
आतंकियों
ने
परमजीत
पर
उस
वक्त
हमला
किया
था,
जब
वह
अपने
ड्यूटी
पर
था।
घटना
को
अंजाम
देने
के
बाद
आतंकी
मौके
से
भाग
निकले
थे।
17
अप्रैल:
आतंकियों
ने
बिहार
के
एक
प्रवासी
शंकर
शाह
की
गोली
मारकर
हत्या
कर
दी
थी।
हमलावरों
ने
उसे
पेट
और
गर्दन
में
गोलियां
मारी
थीं।
फरवरी
में
पंजाब
के
दो
लोगों
की
हत्या
हुई

7
फरवरी
को
आतंकियों
ने
अमृतसर
के
दो
युवकों
की
गोली
मारकर
हत्या
कर
दी
थी।
श्रीनगर
में
7
फरवरी
2024
को
आतंकियों
ने
हब्बा
कदल
इलाके
में
सिख
समुदाय
के
दो
लोगों
को
AK-47
राइफल
से
गोली
मारी
दी
थी।
मृतकों
की
पहचान
अमृतसर
के
रहने
वाले
अमृत
पाल
(31)
और
रोहित
मसीह
(25)
के
रूप
में
की
गई।
अमृत
पाल
की
मौके
पर
ही
मौत
हो
गई
थी।
रोहित
ने
इलाज
के
दौरान
दम
तोड़ा
था।
पिछले
2
साल
में
टारगेट
किलिंग
की
अन्य
घटनाएं
26
फरवरी
2023:
आतंकियों
ने
पुलवामा
में
एक
कश्मीरी
पंडित
संजय
शर्मा
की
हत्या
कर
दी
थी।
वो
अपने
गांव
में
गार्ड
का
काम
करते
थे।
सुबह
के
वक्त
वह
ड्यूटी
से
लौट
रहे
थे।
तभी
आतंकियों
ने
उन
पर
फायरिंग
की
थी।
29
मई
2023:
अनंतनाग
में
आतंकियों
ने
एक
नागरिक
की
गोली
मारकर
हत्या
कर
दी
थी।
मृतक
की
पहचान
दीपक
कुमार
के
रूप
में
हुई
थी।
दीपक
जम्मू
के
उधमपुर
का
रहने
वाला
था
और
अनंतनाग
के
जंगलात
मंडी
में
सर्कस
मेले
में
काम
करता
था।
15
अक्टूबर
2022:
शोपियां
के
चौधरीगुंड
गांव
में
आतंकियों
ने
पूरन
कृष्ण
भट्ट
पर
फायरिंग
की
थी।
गंभीर
रूप
से
घायल
पूरन
को
अस्पताल
में
भर्ती
कराया
गया,
जहां
डॉक्टर्स
ने
उन्हें
मृत
घोषित
कर
दिया
था।
अगस्त
2022:
शोपियां
में
आतंकियों
ने
बिहार
के
रहने
वाले
तीन
प्रवासी
मजदूरों
को
गोली
मारी
थी।
इसके
अलावा
सेब
के
बाग
में
एक
कश्मीरी
पंडित
की
हत्या
कर
दी
गई
थी।
बांदीपोरा
में
आतंकियों
ने
बिहार
के
एक
प्रवासी
की
गोली
मारकर
हत्या
कर
दी
थी।
नवंबर
2022:
शोपियां
में
आतंकियों
ने
उत्तर
प्रदेश
के
कन्नौज
जिले
के
रहने
वाले
दो
मजदूरों
की
हत्या
कर
दी
थी।
शोपियां
के
हरमेन
में
आतंकियों
ने
ग्रेनेड
फेंका
था,
जिसमें
मोनीश
कुमार
और
राम
सागर
नाम
के
दो
मजदूर
घायल
हो
गए
थे।
घाटी
में
गैर-कश्मीरियों
की
हत्या
का
कारण

खुफिया
एजेंसियों
ने
बताया
था
कि
टारगेट
किलिंग
पाकिस्तान
की
कश्मीर
में
अशांति
फैलाने
की
नई
साजिश
है।
माना
जा
रहा
है
कि
इसका
मकसद,
आर्टिकल
370
हटने
के
बाद
जम्मू-कश्मीर
में
कश्मीरी
पंडितों
के
पुनर्वास
की
योजनाओं
पर
पानी
फेरना
है।
आर्टिकल
370
हटने
के
बाद
से
ही
कश्मीर
में
टारगेट
किलिंग
की
घटनाएं
बढ़ी
हैं,
जिसमें
खास
तौर
पर
आतंकियों
ने
कश्मीरी
पंडितों,
प्रवासी
कामगारों
और
यहां
तक
कि
सरकार
या
पुलिस
में
काम
करने
वाले
उन
स्थानीय
मुस्लिमों
को
भी
निशाना
बनाया
है,
जिन्हें
वे
भारत
का
करीबी
मानते
हैं।
खबरें
और
भी
हैं…