
नई
दिल्ली.
डीएलएफ
की
संयुक्त
उद्यम
कंपनी
DCCDL
का
ऑफिस
बिल्डिंग
से
होने
वाली
रेंटल
इनकम
बीते
वित्त
वर्ष
में
सात
प्रतिशत
बढ़कर
3,460
करोड़
रुपये
हो
गई.
किराये
में
बढ़ोतरी
और
परिसंपत्ति
पोर्टफोलियो
बढ़ने
से
यह
आय
बढ़ी
है.
डीएलएफ
साइबर
सिटी
डेवलपर्स
लिमिटेड
(DCCLDL),
डीएलएफ
लिमिटेड
और
सिंगापुर
के
सॉवरेन
वेल्थ
फंड
जीआईसी
का
संयुक्त
उद्यम
है.
संयुक्त
उद्यम
फर्म
में
डीएलएफ
की
लगभग
67
प्रतिशत
हिस्सेदारी
है.
डीएलएफ
ने
एक
निवेशक
प्रस्तुति
में
बताया
कि
कार्यालय
भवन
से
डीसीसीडीएल
की
किराया
आय
2023-24
में
बढ़कर
3,460
करोड़
रुपये
हो
गई,
जो
इससे
पिछले
वित्त
वर्ष
में
3,232
करोड़
रुपये
थी.
खुदरा
संपत्तियों
(मॉल
और
शॉपिंग
सेंटर)
से
किराया
आय
पिछले
वित्त
वर्ष
में
18
प्रतिशत
बढ़कर
865
करोड़
रुपये
हो
गई,
जो
2022-23
में
735
करोड़
रुपये
थी.
ये
भी
पढ़ें-
2022
में
लगाए
थे
100
रुपये,
आज
हो
गए
1400
से
अधिक,
शेयर
बना
कुबेर
का
खजाना
इंडस्ट्री
में
बेहतर
प्रदर्शन
सेवा
और
अन्य
परिचालन
आय
पिछले
वित्त
वर्ष
में
14
प्रतिशत
बढ़कर
1,489
करोड़
रुपये
हो
गई,
जो
इससे
पिछले
वित्त
वर्ष
1,311
करोड़
रुपये
थी.
डीएलएफ
के
वाइस
चेयरमैन
और
प्रबंध
निदेशक
(किराया
कारोबार)
श्रीराम
खट्टर
ने
पीटीआई-भाषा
को
बताया,
‘‘हमने
अपनी
मौजूदा
वाणिज्यिक
परिसंपत्तियों
से
किराये
में
वृद्धि
हासिल
की
है.
हमने
अधिकांश
मापदंडों
में
उद्योग
से
बेहतर
प्रदर्शन
किया
है.’’
हालांकि,
भारत
की
सबसे
बड़ी
रियल
एस्टेट
कंपनी
डीएलएफ
की
बिक्री
बुकिंग
पिछले
वित्त
वर्ष
2024-25
में
सालाना
आधार
पर
दो
प्रतिशत
घटकर
14,778
करोड़
रुपये
रह
गई.
इसकी
मुख्य
वजह
जनवरी-मार्च
तिमाही
में
नरमी
रही,
जिसमें
मजबूत
आवास
मांग
के
बावजूद
कोई
बड़ी
परियोजना
पेश
नहीं
की
गई.
वित्त
वर्ष
2023-24
में
बिक्री
बुकिंग
15,058
करोड़
रुपये
थी.
डीएलएफ
ने
वित्त
वर्ष
2024-25
में
मुख्य
रूप
से
गुरुग्राम,
मुंबई,
गोवा
और
चंडीगढ़
ट्राई-सिटी
में
1.16
करोड़
वर्ग
फुट
के
नए
उत्पाद
पेश
करने
की
योजना
बनाई
है.
इनकी
अनुमानित
बिक्री
क्षमता
करीब
36,000
करोड़
रुपये
है,
जिनमें
33,000
करोड़
रुपये
से
अधिक
लक्जरी
हाउसिंग
खंड
की
है.
वित्त
वर्ष
2023-24
में
कंपनी
ने
9,870
करोड़
रुपये
के
मूल्य
का
59
लाख
वर्ग
फुट
क्षेत्र
पेश
किया
था.
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FIRST
PUBLISHED
:
May
20,
2024,
15:16
IST