‘हम तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेंगे लेकिन…मुद्दा ये नहीं’ पूर्व आरबीआई गवर्नर की नई चिंता

‘हम तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेंगे लेकिन…मुद्दा ये नहीं’ पूर्व आरबीआई गवर्नर की नई चिंता


हाइलाइट्स


रघुराम
राजन
ने
कहा
2047-50
तक
देश
बूढ़ा
होने
लगेगा.
उन्होंने
पूछा
कि
क्या
इससे
पहले
लोग
अमीर
हो
पाएंगे.
राजन
ने
कहा
6.5
फीसदी
की
ग्रोथ
रेट
पर्याप्त
नहीं
है.


नई
दिल्ली.

पूर्व
आरबीआई
गवर्नर
रघुराम
राजन
का
कहना
है
कि
भारत
जल्द
ही
शिथिल
पड़े
जर्मनी-जापान
को
पछाड़कर
तीसरी
सबसे
बड़ी
अर्थव्यवस्था
बन
जाएगा.
उन्होंने
एक
इंटरव्यू
में
कहां
कि
भारत
के
पास
बहुत
बड़ी
जनसंख्या
है
जिसकी
वजह
से
देश
कई
अन्य
राष्ट्रों
को
ओवरऑल
जीडीपी
के
मामले
में
पछाड़
रहा
है.
हालांकि,
उन्होंने
इस
बीच
एक
चिंता
भी
जाहिर
की.
उन्होंने
कहा
कि
ये
असली
मुद्दा
नहीं
है.

बकौल
रघुराम
राजन,
“असली
मुद्दा
यह
है
कि
क्या
भारत
के
बुजुर्ग
होने
से
पहले
भारतीय
अमीर
हो
पाएंगे.”
उन्होंने
2047-50
के
बीच
भारत
की
जनसंख्या
को
लेकर
चिंता
जाहिर
की.
उनका
कहना
है
कि
उस
समय
तक
भारत
एक
बुजुर्ग
हो
रही
जनसंख्या
में
तब्दील
हो
जाएगा.
उन्होंने
भारत
की
ग्रोथ
रेट
को
लेकर
भी
बड़ी
बात
कही.
उन्होंने
कहा,
“2047-50
तक
हम
बूढ़े
होने
लगेंगे.
क्या
तब
तक
हम
अमीर
हो
पाएंगे.
6-6.5
फीसदी
की
वृद्धि
दर
से
तो
नहीं.”


ये
भी
पढ़ें-
2022
में
लगाए
थे
100
रुपये,
आज
हो
गए
1400
से
अधिक,
शेयर
बना
कुबेर
का
खजाना


भारत
का
प्रदर्शन
तुलनात्मक
रूप
से
बेहतर

रघुराम
राजन
ने
कहा
है
कि
भारत
ने
हाल
ही
में
ओवरऑल
जीडीपी
के
मामले
में
पांचवी
सबसे
बड़ी
अर्थव्यवस्था
यूके
को
पीछे
छोड़
दिया.
उनका
कहना
है
कि
वैश्विक
स्तर
पर
कई
अमीर
देशों
की
तुलना
में
भारत
का
प्रदर्शन
बहुत
अच्छा
है.
उन्होंने
कहा
कि
भारत
अभी
अपनी
जनसंख्या
संबंधी
कारकों
का
लाभ
उठा
रहा
है.
बकौल
राजन,
अगर
भारत
अपनी
युवा
वर्कफोर्स
को
सही
से
काम
पर
लगाता
है
तो
आर्थिक
रूप
से
इसका
बड़ा
लाभ
उठाया
जा
सकता
है.
रघुराम
राजन
ने
कहा,
“युवा
बड़ी
संख्या
में
श्रमबल
में
शामिल
हो
रहे
हैं,
अगर
हम
उन्हें
सही
से
इस्तेमाल
कर
पाए
तो
भारत
काफी
तेजी
से
आगे
बढ़
पाएगा.”


इंफ्रास्ट्रक्चर
ग्रोथ
के
लिए
कैसी
सरकार
जरूरी

उन्होंने
कहा
कि
गैर-लोकतांत्रिक
सत्ता
किसी
भी
देश
में
इंफ्रास्ट्रक्चर
बिल्डिंग
का
काम
तेजी
से
कर
पाती
है.
हालांकि,
उन्होंने
साथ
में
यह
भी
कहा
कि
देश
की
एक
बड़ी
जनसंख्या
की
जरूरतों
को
भी
ध्यान
में
रखना
जरूरी
है.
उनका
कहना
है
कि
कोई
भी
देश
अपनी
एक
बड़ी
जनसंख्या
को
दोयम
दर्जे
के
नागरिक
की
तरह
व्यवहार
करके
आगे
नहीं
बढ़
सकता.

Tags:

Business
news
in
hindi
,

Dr
Raghuram
Rajan
,

Indian
economy