जब पटियाला की विदेशी महारानी का दिल सौतेले बेटे पर ही आ गया, फिर क्या हुआ

जब पटियाला की विदेशी महारानी का दिल सौतेले बेटे पर ही आ गया, फिर क्या हुआ

हाइलाइट्स


स्पेनिश
डांसर
के
साथ
शादी
करने
के
मचल
उठे
थे
महाराजा
पटियाला
पिता
को
मोटा
पैसा
देकर
शादी
की
और
विदेशी
युवती
को
महारानी
बनाया
स्पेनिश
महारानी
को
महाराजा
के
बड़े
बेटे
कमल
से
ही
प्यार
हो
गया

पटियाला
के
महाराजा
जगतजीत
का
दिल
जब
स्पेन
की
यात्रा
में
एक
खूबसूरत
डांसर
युवती
पर
आया
तो
उन्होंने
किसी
भी
तरह
से
उससे
शादी
कर
ली.
उसे
अपनी
चौथी
महारानी
बनाया.
हालात
कुछ
ऐसे
हुए
कि
ये
विदेशी
महारानी
उन्हीं
के
बड़े
कमल
से
प्यार
करने
लगी,
जो
विदेश
में
पढ़ा
हुआ
था.
जब
दोनों
का
ये
प्यार
परवान
चढ़ने
लगा
तो
इसकी
खबरें
राजा
तक
भी
पहुंची.
जब
वह
महारानी
के
साथ
लंदन
गए
तो
उन्होंने
वहां
होटल
में
स्पेनिश
महारानी
को
रंगे
हाथों
पकड़
लिया.

इस
कहानी
में
आगे
बढ़ने
से
पहले
जानते
हैं
कि
कैसे
महाराजा
पटियाला
का
दिल
इस
स्पेनी
डांसर
पर
आया
था,
जिसने
अपने
डांस
से
राजा
को
अपना
दीवाना
बना
दिया.

ये
1906
की
बात
है.
महाराजा
पटियाला
जगतजीत
सिंह
को
स्पेन
के
नाइट
क्लब
में
एक
डांसर
मिली,
जो
वहां
प्रोग्राम
पेश
करती
थी.
मोहक.
मादक.
मुग्ध
कर
देने
वाली.
डांसर
के
हर
मूवमेंट
पर
राजा
के
दिल
पर
बिजलियां
गिरती
हुई
महसूस
हुईं.
तब
महाराजा
उस
समय
34
साल
के
थे.
डांसर
का
नाम
था
अनिता
डेलगाडो,
उम्र
17
साल.

महाराजा
की
उससे
मुलाकातें
होने
लगीं.
उसे
महाराजा
ने
महंगे
महंगे
गिफ्ट
दिए.
वह
भी
राजा
से
प्यार
करने
लगी,
जब
राजा
ने
विवाह
का
प्रस्ताव
रखा
तो
डांसर
का
कहना
था
कि
ये
मुश्किल
होगा,
क्योंकि
ये
फैसला
उसके
पिता
लेंगे.


मोटा
पैसा
देकर
स्पेनी
सुंदरी
से
शादी
रचाई

पिता
मामूली
कामकाज
करने
वाले
शख्स
थे,
जिसने
पहली
बार
तो
महाराजा
से
साफ
कह
दिया
कि
वह
अपनी
बेटी
की
शादी
उनसे
किसी
हालत
में
नहीं
कर
सकते.
राजा
निराश
तो
हुए
लेकिन
हार
नहीं
मानी.
बात
फिर
इस
तरह
बनी
कि
राजा
ने
पिता
को
मोटा
पैसा
तो
दिया
ही
साथ
ही
और
भी
फायदे
दिये.
इस
पर
डांसर
के
पिता
ने
शादी
के
लिए
हामी
भर
दी.

महाराजा
जगतजीत
सिंह,
जिन्होंने
स्पेन
की
डांसर
से
शादी
की.
जब
इस
विदेशी
युवती
के
पिता
ने
शादी
करने
से
मना
किया
था
तो
महाराजा
ने
उन्हें
दौलत
से
लाद
दिया
था.
(फाइल
फोटो)

शादी
पहले
स्पेन
में
कोर्ट
में
हुई
फिर
महाराजा
उसे
अपनी
पांचवीं
महारानी
बनाकर
भारत
ले
आए.
यहां
वह
ऐशोआराम
में
रहने
लगी.
लेकिन
विदेशी
होने
की
वजह
से
और
खूबसूरती
के
कारण
भी
महल
में
विदेशी
रानी
के
खिलाफ
दूसरी
रानियां
ईर्ष्या
रखती
थीं.
साथ
में
साजिश
भी
करती
थीं.


महाराजा
के
बड़े
बेटे
से
विदेशी
रानी
प्यार
कर
बैठी

ऐसे
में
महाराजा
का
बड़ा
बेटा
कमल
उसके
करीब
आने
लगा.
जो
हमेशा
उसे
सपोर्ट
करता
और
भावनात्मक
संबल
देते
हुए
उसे
बेहतर
फील
कराता.
धीरे
धीरे
ये
स्थिति

गई
कि
रानी
को
उसका
साथ
अच्छा
लगने
लगा.
लंदन
में
पढ़े
इसे
खूबसूरत
लंबे
बेटे
का
नाम
था
कमल.
रानी
उससे
प्यार
कर
बैठी.


महाराजा
शक
करने
लगा
था

हालांकि
वह
डरती
भी
थी
कि
इसका
अंजाम
क्या
होगा
लेकिन
इसके
बाद
भी
प्यार
कम
होने
का
नाम
ही
नहीं
ले
रहा
था.
दोनों
साथ
साथ
घूमने
और
मिलने
लगे.
एकांत
में
प्रेम
की
जगह
तलाशने
लगे.
महाराजा
तक
जब
ये
खबरें
पहुंचनी
शुरू
हुईं
तो
उन्होंने
इस
पर
विश्वास
बेशक
नहीं
किया
लेकिन
शक
का
बीज
तो
पड़
ही
चुका
था.

महाराजा
ने
स्पेनी
सुंदरी
से
शादी
तो
कर
ली
लेकिन
जब
वह
उसको
पटियाला
के
महल
में
ले
आया
तो
रानी
धीरे
धीरे
खुद
को
तन्हा
पाने
लगी.
ऐसे
समय
में
उसके
जीवन
में
सौतेला
बेटा
कमल
आया,
जो
पढ़ा-लिखा,
समझदार
और
उसे
खुश
फील
कराने
वाला
था.
(फाइल
फोटो)

इस
प्यार
का
भंडाफोड़
लंदन
में
हुआ.
जहां
महाराजा
अपने
लावलश्कर
और
विदेशी
महारानी
के
साथ
गए
हुए
थे.
वहां
उन्होंने
सेवाए
होटल
बुक
कराया.
जब
महाराजा
कहीं
विदेश
जाते
थे
तो
पूरा
का
पूरा
होटल
बुक
करा
लेते
थे.
अगर
ऐसा
नहीं
हो
पाता
था
को
तो
दो-तीन
फ्लोर
तो
बुक
हो
ही
जाता
था.


फिर
लंदन
में
क्या
हुआ

महाराजा
को
शक
तो
होने
लगा
कि
स्पेनिश
महारानी
उसके
प्रति
वफादार
नहीं
है.
उसका
कोई
और
भी
प्रेमी
भी
है.
लंदन
में
इस
बार
महाराजा
ने
होटल
सेवाए
के
कुछ
फ्लोर
किराए
पर
लिए.
ऊपर
मंजिल
के
शानदार
सूइट
में
महाराजा
और
महारानी
रुके.
दोनों
के
अलग
अलग
शयनकक्ष
थे.
बीच
में
एक
गलियारा
दोनों
शयनकक्ष
को
एक
ड्राइंगरूम
में
जोड़ता
था.
बाहर
राजा
का
एक
खास
नौकर
खुशहाल
सिंह
बैठकर
प्रहरा
देता
रहता
था.


रानी
रोज
रात
में
प्रेमी
से
कैसे
मिलने
लगी

उन
दिनों
कमल
भी
लंदन
में
ही
था.
रात
में
महारानी
चुपचाप
कमल
से
मिलने
लगी.
वो
अपने
कमरे
से
चुपचाप
निकल
होटल
के
ही
एक
दूसरे
कमरे
में
चली
जाती,
जहां
कमल
उसका
इंतजार
कर
रहा
होता.
महाराजा
के
नौकर
खुशहाल
से
ये
बात
छिपी
नहीं
रही.
एक
रात
जब
रानी
कमरे
से
बाहर
निकली
तो
खुशहाल
ने
देख
लिया.
तुरंत
राजा
को
जगाकर
सूचना
दी.राजा
ने
कमरा
देखा
तो
वो
वहां
वाकई
नहीं
थी.


रानी
को
महाराजा
ने
रंगे
हाथों
पकड़ा

इसके
बाद
राजा
ने
तुरंत
नीचे
की
मंजिल
के
कमरों
से
अपने
अफसरों
को
बुलाया.
उस
समय
राजा
के
लावलश्कर
के
साथ
दीवान
जरमनी
दास
भी
थे,
जिन्होंने
इस
वाकये
को
अपनी
किताब

“महाराजा”

में
लिखा.
ये
वाकया
जेवियर
मोरो
ने
भी
अपनी
किताब
पैशन
इंडिया”

में
लिखा.
जब
सभी
लोग
महाराजा
के
कमरे
में
बैठकर
रानी
का
इंतजार
करने
लगे
तो
कुछ
देर
बाद
रानी
नाइट
गाउन
में
बिखरे
बालों
के
साथ
वहां
पहुंची.


महाराजा
बिफर
उठा,
तलाक
पर
अड़
गया

महाराजा
बिफर
उठा.रानी
बार
बार
सफाई
दे
रही
थी
कि
वो
नीचे
के
कमरे
में
अपनी
फ्रांसीसी
परिचारिका
के
पास
गई
थी,
क्योंकि
उसको
नींद
नहीं

रही
थी.
महाराजा
इस
बात
को
मानने
को
तैयार
नहीं
था.
वो
लगातार
अड़ा
हुआ
था
कि
रानी
नीचे
के
कमरों
में
अपने
प्रेमी
के
पास
गई
थी.रानी
के
रोने
का
भी
उस
पर
कोई
असर
नहीं
नजर

रहा
था.
रातभर
ये
नौटंकी
चलती
रही.
राजा
ने
फैसला
सुनाया
कि
अब
वो
अपनी
स्पेनिश
सुंदरी
महारानी
को
तलाक
दे
देगा.

जिन्ना
तब
लंदन
में
थे.
वह
कई
मुकदमों
में
महाराजा
के
वकील
भी
थे.
वह
लंदन
के
होटल
में
महाराजा
जगतजीत
सिंह
को
समझाने
पहुंचे
कि
उनकी
बीवी
ने
कुछ
ऐसा
नहीं
किया
है
कि
उस
पर
शक
किया
जा
सके
लेकिन
राजा
ये
बात
मानने
को
तैयार
ही
नहीं
था.
तब
जिन्ना
को
गुस्सा

गया.
उसने
फिर
पेशेवर
वकील
की
तरह
महाराजा
को
कहा
कि
ये
तलाक
उसको
बहुत
भारी
पड़ेगा.


जिन्ना
ने
महाराजा
को
कोर्ट
में
घसीटने
की
धौंस
दी

महाराजा
का
कहना
था
कि
रानी
का
अपने
कमरे
से
रात
में
गायब
हो
जाना
बड़ा
सबूत
है.
जिन्ना
ने
पलटकर
कहा
कि
ये
कोई
सबूत
नहीं
है.
अगर
वो
तलाक
देना
चाहता
है
तो
बेशक
दे
लेकिन
रानी
को
मोटा
भत्ता
बांध
दे.
महाराजा
इसके
लिए
भी
तैयार
नहीं
था.
लेकिन
जिन्ना
ने
फिर
जिस
तरह
के
तर्क
दिए
और
राजा
को
कोर्ट
तक
ले
जाने
की
धौंस
दी
तो
राजा
ठंडा
पड़ने
लगा.


राजा
को
मोटा
हर्जाना
देना
पड़ा

आखिरकार
महाराजा
तलाक
और
खास
सालाना
भत्ते
के
लिए
तैयार
हो
गया.
जिन्ना
से
महाराजा
से
36000
रुपए
सालाना
का
भत्ता
तैयार
कराया,
जो
उस
समय
के
लिहाज
से
बहुत
बड़ी
रकम
थी.
साथ
ही
अनिता
से
हुए
बेटे
अजित
सिंह
के
लिए
24000
रुपए
का
सालाना
भत्ता,
जब
तक
कि
वो
जवान
नहीं
हो
जाता.


बाद
में
रानी
का
क्या
हुआ

इस
तलाक
के
बाद
कमल
से
भी
रानी
के
संबंध
खत्म
हो
गए.
वह
स्पेन
वापस

चुकी
थी.
बाद
में
वो
गुप्त
रूप
से
सेक्रेट्री
के
साथ
पेरिस
में
रहने
लगी.
जेवियर
मोरो
की
किताब
के
अनुसार,
जिसे
वह
अपना
सेक्रेटरी
बताती
थीं,
वह
उनके
प्रेमी
और
करीबी
दोस्त
थे.
उनका
नाम
गाइनेस
फर्नांडिज
दि
सेग्यूरा
था.
वह
अनिता
की
एक
रिश्ते
की
बहन
के
पति
थे
और
जब
वह
अनिता
के
करीब
आए
तब
विधुर
हो
चुके
थे.
वह
स्टॉक
ब्रोकर
और
सुशिक्षित
शख्स
थे,
जो
कई
भाषाएं
बोल
लेते
थे.
रानी
का
एक
बेटा
था
अजीत.
बाद
में
बड़े
होने
पर
उसकी
भी
मृत्यु
हो
गई.

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