नोएडा.
नोएडा
एक्सटेंशन
के
महागुण
माइवुड्स
सोसाइटी
(Mahagun
Mywoods
Socity
in
Noida
Extension)
के
टावर-4
के
2186
नंबर
फ्लैट
में
रहने
वाले
वकील
मेहता
कहते
हैं,
‘बीते
मंगलवार
सुबह
5
बजे
21वें
फ्लोर
के
लिफ्ट
में
सवार
हुआ
था.
मुझे
दूध
लेने
के
लिए
नीचे
जाना
था.
लेकिन,
जैसे
ही
लिफ्ट
का
बटन
दबाया
लिफ्ट
का
फ्री
फॉल
हो
गया
और
मैं
नीचे
बेसमेंट
2
में
कुछ
ही
सेकेंडों
में
जा
गिरा.
नीचे
गिरने
पर
मेरे
कमर,
घुटनों
और
दोनों
पैरों
में
काफी
झटका
लगा.
कम
से
कम
25
मिनट
तक
मैं
लिफ्ट
में
ही
फंसा
रहा.
मैंने
सोसाइटी
के
इंटरकॉम
नंबर
पर
कई
बार
कॉल
किया,
लेकिन
किसी
ने
फोन
पिक
नहीं
किया.
अंत
में
पत्नी
को
इंटरकॉम
पर
कॉल
किया.
पत्नी
ने
रिस्पेशन
पर
जाकर
हंगामा
किया
तो
सीबीआरई
के
लोग
मुझे
लिफ्ट
से
बाहर
निकाले.
लिफ्ट
का
काम
सीबीआरई
कंपनी
देखती
है.
मंगलवार
का
दिन
था
हनुमान
जी
ने
बचा
लिया.’
बता
दें
कि
यह
महागुण
माइवुड्स
सोसाइटी
में
रहने
वाले
मेहता
की
अकेली
कहानी
नहीं
है,
बल्कि
दिल्ली-एनसीआर
की
हर
सोसाइटी
की
यही
कहानी
है.
हाईराइज
बिल्डिंग
में
रहने
वाले
लोगों
की
कहानी
कमोबेश
मेहता
जी
से
मिलती-जुलती
है.
पिछले
कुछ
महीनों
में
नोएडा
और
ग्रेटर
नोएडा
में
तकरीबन
सभी
हाई-राइजिंग
अपार्टमेंट्स
में
इस
तरह
की
घटनाएं
हो
रही
हैं.
ग्रेटर
नोएडा
वेस्ट
स्थित
इरोज
संपूर्णम
हाउसिंग
सोसाइटी
में
भी
पिछले
कुछ
दिनों
से
लगातार
लिफ्ट
खराब
हो
रहे
हैं.
ऐसे
में
सवाल
उठता
है
कि
बार-बार
होने
वाली
लिफ्ट
हादसों
के
लिए
कौन
लोग
जिम्मेदार
होते
हैं?
सोसाइटी
में
रहने
वाले
लोगों
के
पास
लिफ्ट
हादसों
को
लेकर
क्या
अधिकार
हैं?
पिछले
कुछ
महीनों
से
नोएडा
और
ग्रेटर
नोएडा
की
अलग-अलग
सोसाइटी
में
लिफ्ट
से
जुड़ी
घटनाएं
तेजी
से
बढ़ी
हैं.
लिफ्ट
हादसों
को
लेकर
क्या
है
कानून
आपको
बता
दें
कि
महागुण
माइवुड्स
सोसाइटी
में
लिफ्ट
मेंटेनेंस
देखने
वाली
कंपनी
से
न्यूज
18
हिंदी
ने
बात
की
तो
कई
संतोषजनक
जवाब
नहीं
मिल
पाया.
एक
नंबर
से
दूसरा
नंबर
मिला
कभी
किसी
ने
कॉल
पिक
किया
तो
किसी
ने
कॉल
पिक
नहीं
किया.
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जहां
साल
में
एक
बार
ठहरते
हैं
भारत
के
राष्ट्रपति…
वहां
का
झंडा
है
बहुत
खास,
कैसे
है
देश
का
नंबर
वन?
आपको
बता
दें
कि
नोएडा
में
लगातार
लिफ्ट
गिरने
की
घटनाओं
के
बाद
योगी
सरकार
ने
इसी
साल
यूपी
लिफ्ट
एंड
एस्क्लेटर
बिल
लाई
है.
यह
बिल
अपार्टमेंट
और
फ्लैट
में
रहने
वाले
लोगों
की
सुरक्षा
को
ध्यान
में
रखते
हुए
लाया
गया
है.
इसके
तहत
लिफ्ट
हादसा
होने
पर
बिल्डिंग
स्वामी
को
24
घंटे
के
भीतर
डीएम,
संबंधित
प्राधिकरण
और
स्थानीय
कोतवाली
को
इसकी
जानकारी
देनी
होगी.
कानून
स्थानीय
विकास
निकायों
और
प्राधिकरणों
द्वारा
लागू
किया
जाएगा.
क्यों
बदनाम
हो
रहा
नोएडा
एक्सटेंशन
इस
एक्ट
के
तहत
लिफ्ट
लगाने
वाली
कंपनी
का
रजिस्ट्रेशन
अनिवार्य
है.
साथ
ही
लिफ्ट
लगाने
वाली
एजेंसियों
को
नियमित
आपातकालीन
ड्रिल
का
संचालन
करना
आवश्यक
किया
गया
है.
ऐसे
में
सवाल
यह
उठता
है
क्या
महागुण
माइवुड्स
सोसाइटी
में
बीते
मंगलवार
को
घटित
घटना
के
बारे
में
प्रशासन
को
जानकारी
दी
गई
है?
अगर
जानकारी
दी
गई
है
तो
यूपी
सरकार
के
लिफ्ट
एक्ट
2024
के
तहत
अब
तक
इस
मामले
में
क्या
कार्रवाई
हुई
है?
इस
तरह
की
घटना
को
सोसाइटी
वाले
और
मेंटेनेंस
करनी
वाली
कंपनी
दबा
देती
है,
जिससे
नोएडा
एक्सटेंशन
की
बदनामी
हो
सकती
है.
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FIRST
PUBLISHED
:
May
21,
2024,
16:24
IST