गोल्ड बॉन्ड में बढ़ा इन्वेस्टमेंट, इस स्कीम में टैक्स छूट और 2.5% ब्याज

गोल्ड बॉन्ड में बढ़ा इन्वेस्टमेंट, इस स्कीम में टैक्स छूट और 2.5% ब्याज


हाइलाइट्स


गोल्ड
बॉन्ड,
फिजिकल
गोल्ड
का
विकल्प
हैं.


खरीदी
पर
कोई
जीएसटी
और
मेकिंग
चार्ज
नहीं
लगता
है.


निवेशकों
ने
पिछले
वित्त
वर्ष
में
27,031
करोड़
रुपये
के
बॉन्ड
खरीदे.


मुंबई.

ज्यादा
रिटर्न
और
टैक्स
बेनेफिट
की
संभावनाओं
से
सरकारी
गोल्ड
बॉन्ड
में
निवेश
को
लेकर
लोगों
का
रुझान
बढ़
रहा
है.
निवेशकों
ने
पिछले
वित्त
वर्ष
में
27,031
करोड़
रुपये
के
बॉन्ड
खरीदे
जो
2022-23
में
खरीदे
गए
स्वर्ण
बॉन्ड
का
चार
गुना
हैं.
वित्त
वर्ष
2023-24
में
सरकारी
स्वर्ण
बॉन्ड
(एसजीबी)
के
जरिये
44.34
टन
सोने
की
खरीद
6,551
करोड़
रुपये
में
की
गई.
बॉन्ड
जारी
करने
वाले
रिजर्व
बैंक
की
वार्षिक
रिपोर्ट
में
यह
जानकारी
दी
गई
है.
रिपोर्ट
के
मुताबिक,
2023-24
के
दौरान
एसजीबी
से
जुटाई
गई
कुल
राशि
27,031
करोड़
रुपये
(44.34
टन)
है।
पिछले
वित्त
वर्ष
में
एसजीबी
को
चार
चरणों
में
जारी
किया
गया
था.

नवंबर,
2015
में
एसजीबी
योजना
की
शुरुआत
के
बाद
से
67
चरणों
में
कुल
72,274
करोड़
रुपये
(146.96
टन)
जुटाए
गए
हैं.
पिछले
एक
साल
में
24
कैरेट
प्रति
10
ग्राम
सोने
की
कीमत
लगभग
62,300
रुपये
से
बढ़कर
73,200
रुपये
हो
गई
है.



ये
भी
पढ़ें-
सोना
अभी
और
चढ़ेगा,
12,000
रुपये
का
दे
सकता
है
मुनाफा,
ब्रोकरेज
फर्म
ने
कहा-
इस
भाव
पर
खरीदें
और
यहां
बेचें


सॉवरेन
गोल्ड
बॉन्ड
स्कीम
में
निवेश
के
फायदे

गोल्ड
बॉन्ड,
सोने
में
निवेश
के
लिए
सरकारी
प्रतिभूति
है.
ये
फिजिकल
गोल्ड
का
विकल्प
हैं.
एसजीबी
एक
ग्राम
सोने
के
मूल्य-वर्ग
तथा
उसके
गुणकों
में
जारी
किए
जाते
हैं.
न्यूनतम
निवेश
एक
ग्राम
होना
है
जबकि
निवेश
की
अधिकतम
सीमा
4
किलोग्राम
है.

  • सॉवरेन
    गोल्‍ड
    बॉन्ड
    में
    निवेश
    करने
    पर
    सालाना
    2.5%
    की
    दर
    से
    ब्याज
    मिलता
    है.
  • कैपिटल
    गेन
    टैक्स
    में
    छूट
    मिलती
    है.
  • सॉवरेन
    गोल्ड
    बॉन्ड
    को
    कोलैटरल
    के
    रूप
    में
    इस्तेमाल
    किया
    जा
    सकता
    है.
  • सॉवरेन
    गोल्ड
    बॉन्ड
    को
    स्टॉक
    एक्सचेंज
    में
    आसानी
    से
    ट्रेड
    किया
    जा
    सकता
    है.
  • गोल्ड
    बॉन्ड
    को
    खरीदने
    में
    कोई
    जीएसटी
    और
    मेकिंग
    चार्ज
    नहीं
    लगता
    है.कहां
    से
    खरीदें
    गोल्ड
    बॉन्ड

    सरकारी
    गोल्ड
    बॉन्ड
    राष्ट्रीयकृत
    बैंकों,
    प्राइवेट
    बैंक,
    विदेशी
    बैंकों,
    नामित
    डाकघरों,
    स्टॉक
    होल्डिंग
    कॉरपोरेशन
    ऑफ
    इंडिया
    लिमिटेड
    (एसएचसीआईएल)
    और
    अधिकृत
    शेयर
    बाजारों
    के
    कार्यालयों
    या
    शाखाओं
    के
    जरिये
    सीधे
    या
    उनके
    एजेंटों
    के
    जरिये
    बेचे
    जाते
    हैं.

    केंद्र
    सरकार
    ने
    नवंबर
    2015
    में
    सॉवरेन
    गोल्ड
    बॉन्ड
    स्कीम
    की
    शुरुआत
    की
    थी.
    आरबीआई
    (RBI)
    सरकार
    की
    ओर
    से
    यह
    बॉन्ड
    जारी
    करता
    है.
    ये
    निवासी
    व्यक्तियों,
    अविभाजित
    हिंदू
    परिवार
    (HUF),
    ट्रस्ट,
    विश्वविद्यालयों
    और
    धर्मार्थ
    संस्थाओं
    को
    ही
    बेचे
    जा
    सकते
    हैं.


    (भाषा
    से
    इनपुट
    के
    साथ)

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