नाबालिग को ज्ञान देने वाले जज… जब खुद ही तोड़ते दिखे कानून, सवाल पूछा तो…

नाबालिग को ज्ञान देने वाले जज… जब खुद ही तोड़ते दिखे कानून, सवाल पूछा तो…


पुणे:

पुणे
में
तेज
रफ्तार
पोर्शे
से
टकराने
के
बाद
दो
युवाओं
की
मौत
हो
गई
थी.
इस
घटना
लोगों
का
ध्यान
तब
और
खींचा
जब
जज
ने
नाबालिग
आरोपी
को
300
शब्दों
का
लेख
लिखने
का
निर्देश
दिया
और
जमानत
दे
दी.
अब
उस
जज
साहब
यानी
किशोर
न्याय
बोर्ड
के
सदस्य
डॉ
एलएन
दानवड़े
को
बिना
हेलमेट
के
स्कूटी
चलाते
हुए
देखा
गया.
इसके
बाद
सोशल
मीडिया
पर
वह
बुरी
तरह
से
ट्रोल
हो
गए.

पत्रकारों
के
एक
समूह
द्वारा
घेर
लिए
जाने
के
बाद
जज
साहब
ने
भागने
की
कोशिश
की.
सोशल
मीडिया
पर
लोगों
ने
वेदांत
अग्रवाल
के
खिलाफ
सख्त
कार्रवाई

करने
के
लिए
दानवड़े
को
बेरहमी
से
ट्रोल
किया,
जिसने
नशे
की
हालत
में
अपनी
पोर्श
कार
से
दो
युवाओं
को
टक्कर
मार
दी
थी.



पढ़ें-
अब
नहीं
बचेगा
पोर्शे
कांड
का
‘कातिल’,
दोस्तों
ने
खोल
दी
पोल,
एक
और
शख्स
ने
बताया
उस
रात
का
सच


क्या
हुआ
था?

बता
दें
कि
अनीश
अवधिया
और
अश्विनी
कोष्टा,
बाइक
पर
जा
रहे
थे,
तभी
वेदांत
की
पोर्श
ने
उन्हें
टक्कर
मार
दी.
अनीश
की
मौके
पर
ही
मौत
हो
गई,
जबकि
अश्विनी
ने
अस्पताल
ले
जाते
समय
दम
तोड़
दिया.
सोशल
मीडिया
पर
लोगों
ने
मांग
की
कि
बिना
हेलमेट
के
स्कूटी
चलाने
के
लिए
दानवड़े
के
खिलाफ
मामला
दर्ज
किया
जाए
और
उनसे
भी
300
शब्दों
का
लेख
लिखवाया
जाए.

एक
यूजर
ने
लिखा
‘ट्रैफिक
पुलिस
को
उन्हें
बिना
हेलमेट
के
स्कूटर
चलाने
के
आनंद
के
बारे
में
एक
निबंध
लिखने
के
लिए
कहना
चाहिए.’
एक
अन्य
यूजर
ने
कमेंट
किया
‘उस
पर
मुकदमा
चलाया
जाना
चाहिए
और
कानूनी
क्षमता
में
सेवा
करने
का
उसका
लाइसेंस
समाप्त
कर
दिया
जाना
चाहिए.’

इस
बीच,
एक
प्रभावशाली
परिवार
के
शराबी
नाबालिग
लड़के
पर
अपने
परिवार
के
सदस्यों
की
मदद
से
मामले
को
दबाने
का
आरोप
लगाया
गया
है.
उसकी
मां
ने
कथित
तौर
पर
अस्पताल
के
अधिकारियों
की
मदद
से
ब्लड
सैंपल
बदल
लिया
था.
साथ
ही
आरोप
है
कि
उसके
दादा
ने
अपने
ड्राइवर
को
ब्लैकमेल
किया
और
उसे
खुद
पर
सभी
आरोप
लेने
की
धमकी
दी.
इस
मामले
में
अब
तक
कम
से
कम
छह
लोगों
को
गिरफ्तार
किया
गया
है
और
इस
मामले
में
जल्द
ही
सातवीं
गिरफ्तारी
हो
सकती
है.
क्योंकि
पुलिस
उसकी
मां
शिवानी
की
तलाश
कर
रही
है.

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