
शहडोल
लोकसभा
चुनाव
में
दोनों
दलों
का
ही
प्रभाव
है।
–
फोटो
:
अमर
उजाला
विस्तार
शहडोल
लोकसभा
चुनाव
के
परिणाम
4
जून
को
आने
वाले
हैं।
एक
ओर
जहां
प्रशासन
मतगणना
की
तैयारी
में
जुटा
है,
वहीं
राजनीतिक
पार्टियां
भी
परिणाम
को
लेकर
उत्साहित
नजर
आ
रही
हैं।
शहडोल
सीट
में
मुख्य
मुकाबला
भाजपा
और
कांग्रेस
के
बीच
है।
दोनों
पार्टियों
के
अलावा
दूसरी
किसी
अन्य
पार्टियों
का
शहडोल
लोकसभा
सीट
में
कोई
ज्यादा
प्रभाव
नहीं
है।
भाजपा
ने
मौजूदा
सांसद
हिमाद्री
सिंह
को
तो
कांग्रेस
ने
पुष्पराजगढ़
विधायक
फुंदेलाल
सिंह
मार्को
को
चुनावी
मैदान
में
उतारा
था।
दोनों
ही
प्रत्याशी
पहाड़ी
क्षेत्र
राजेंद्रग्राम
के
रहने
वाले
हैं।
इस
बार
घट
गया
चुनाव
प्रतिशत
शहडोल
लोकसभा
सीट
में
पिछले
चुनाव
की
अपेक्षा
इस
बार
मतदान
का
प्रतिशत
घट
गया।
इस
बार
के
चुनाव
में
महिलाओं
के
वोट
प्रतिशत
में
भी
गिरावट
दर्ज
की
गई
है।
मतदान
कम
होने
के
पीछे
विशेषज्ञ
19
मई
की
शादियां,
महुआ
का
सीजन
और
तेज
गर्मी
को
बता
रहे
हैं।
वहीं
राजनीतिक
विशेषज्ञ
का
कहना
है
कि
मुख्य
पार्टियों
ने
मतदाताओं
को
बूथ
तक
लाने
के
लिए
खास
मेहनत
नहीं
की,
इस
कारण
वोटिंग
प्रतिशत
में
गिरावट
दर्ज
की
गई।
राष्ट्रीय
मुद्दों
पर
लड़ा
गया
चुनाव
आदिवासी
बाहुल्य
लोकसभा
सीट
शहडोल
में
इस
बार
चुनावी
मुद्दा
राष्ट्रीय
स्तर
का
रहा।
स्थानीय
मुद्दों
पर
न
तो
भाजपा
ने
बात
की
और
ना
ही
कांग्रेस
स्थानीय
समस्याओं
को
उठा
पाई।
शहडोल
लोकसभा
का
चुनाव
प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी
वर्सेस
कांग्रेस
के
राहुल
गांधी
के
इर्द
गिर्द
रहा
है।
विज्ञापन
मतगणना
की
तैयारी
हुई
दुरुस्त
शहडोल
लोकसभा
सीट
के
लिए
रिटर्निंग
ऑफिसर
अनूपपुर
कलेक्टर
को
बनाया
गया
है।
जिला
मुख्यालय
में
उसी
जिले
के
विधानसभा
की
गिनती
की
जाएगी।
उसके
बाद
संबंधित
विधानसभा
जिस
लोकसभा
अंतर्गत
होगी,
उनकी
गिनती
उस
लोकसभा
क्षेत्र
के
रिटर्निंग
ऑफिसर
को
भेज
दी
जाएगी।
शहडोल
सीट
पर
भाजपा
का
रहा
है
दबदबा
शहडोल
लोकसभा
सीट
में
पिछले
दो
दशक
से
भाजपा
का
दबदबा
रहा
है।
2009
के
चुनाव
में
कांग्रेस
की
जीत
मिली
थी,
लेकिन
उसके
पहले
और
वर्तमान
समय
तक
शहडोल
सीट
में
भाजपा
का
दबदबा
है।
कांग्रेस
की
कद्दावर
नेता
दलबीर
सिंह
की
बेटी
मौजूदा
सांसद
हिमाद्री
सिंह
ने
जबसे
भाजपा
का
दामन
थामा
है
तबसे
शहडोल
सीट
में
भाजपा
का
दबदबा
है।