
सांकेतिक
तस्वीर।
–
फोटो
:
अमर
उजाला
विस्तार
सामान्य
प्रशासन
विभाग
के
नियमानुसार
साल
2001
के
बाद
दो
से
अधिक
संतान
वाले
व्यक्ति
को
शासकीय
नौकरी
का
अधिकार
नहीं
है।
लेकिन,
टीकमगढ़
जिले
में
ऐसे
लोग
जांच
के
बाद
भी
नौकरी
कर
रहे
हैं।
ऐसा
ही
एक
मामला
बल्देवगढ़
तहसील
में
पदस्थ
एक
पटवारी
का
सामने
आया
है।
बल्देवगढ़
में
पदस्थ
पटवारी
विक्रम
अहिरवार
के
खिलाफ
लोकायुक्त
में
शिकायत
की
गई
थी
कि
वर्ष
2001
के
बाद
उनके
छह
बच्चे
हैं,
इसके
बाद
भी
यह
शासकीय
सेवा
में
है।
विक्रम
अहिरवार
को
अनुकंपा
के
तहत
पटवारी
की
नौकरी
दी
गई
थी।
लोकायुक्त
में
की
गई
शिकायत
के
बाद
प्रशासन
द्वारा
इसकी
जांच
कराई
गई।
जांच
में
यह
मामला
सही
पाया
गया
था।
बल्देवगढ़
एसडीएम
द्वारा
की
गई
जांच
में
पटवारी
की
कुल
8
संतानों
में
से
6
का
जन्म
2001
के
बाद
हुआ
था।
इसका
जांच
प्रतिवेदन
उनके
द्वारा
2
जून
2023
को
अपर
कलेक्टर
को
भेज
दिया
गया
था,
लेकिन
इसके
बाद
भी
कार्रवाई
नहीं
की
गई।
वहीं,
प्रतिवेदन
में
पटवारी
विक्रम
अहिरवार
ने
अपने
जवाब
में
कहा
था
कि
उन्हें
इस
नियम
की
जानकारी
नहीं
थी।
दो
संतानों
में
चार
दिन
का
अंतर
एसडीएम
द्वारा
दिए
गए
जांच
प्रतिवेदन
में
पटवारी
की
दो
संतानों
में
महज
चार
दिन
का
अंतर
बताया
गया
है।
इस
जांच
प्रतिवेदन
में
एसडीएम
ने
पटवारी
की
एक
संतान
की
उम्र
13
फरवरी
2013
तो
दूसरी
की
16
फरवरी
2013
बताई
है।
ऐसे
में
दो
संतानों
के
बीच
चार
दिन
का
अंदर
होने
को
लेकर
भी
सवाल
खड़े
हो
रहे
हैं।
विज्ञापन
शिक्षा
विभाग
में
कई
मामले
बताया
जा
रहा
है
कि
इस
प्रकार
के
कई
मामले
शिक्षा
विभाग
में
भी
विचाराधीन
है।
कई
मामलों
में
जांच
के
बाद
भी
कार्रवाई
नहीं
की
जा
रही
है।
शिक्षा
विभाग
ऐसे
प्रकरणों
की
जानकारी
देने
से
बच
रहा
है।
शिक्षा
विभाग
के
उप
संचालक
पीके
जैन
का
कहना
है
कि
इसके
लिए
हर
संकुल
से
जानकारी
एकत्रित
करनी
पड़ेगी।
शासन
स्तर
से
आई
जांच
का
उनके
पास
कोई
डाटा
नहीं
है।
क्या
कहते
हैं
अधिकारी
मुझे
इस
मामले
की
जानकारी
नहीं
है।
हो
सकता
है
कि
एसडीएम
का
प्रतिवेदन
भू-अभिलेख
में
आया
हो।
मैं
सोमवार
को
पता
करके
ही
कुछ
बता
पाऊंगा।
पीएस
चौहान,
अपर
कलेक्टर
मुझे
जो
कहना
था,
मैंने
साहब
के
सामने
अपने
जवाब
में
कह
दिया
था।
विक्रम
अहिरवार,
पटवारी