

अपहृत
छात्रा
इंदौर
से
पकड़ी
गई
–
फोटो
:
अमर
उजाला
विस्तार
कोटा
में
लगभग
एक
महीने
पहले
हुए
कोचिंग
छात्रा
के
अपहरण
मामले
में
कोटा
पुलिस
अपहृत
छात्रा
और
उसके
दोस्त
को
इंदौर
से
दस्तयाब
करके
कोटा
लेकर
आई
है।
अपहरण
का
पूरा
मामला
फर्जी
था।
छात्रा
ने
खुद
ही
अपने
घर
वालों
को
अपहरण
की
झूठी
कहानी
गढ़ी
और
30
लाख
की
फिरौती
मांगी
थी।
पूरे
मामले
का
खुलासा
करते
हुए
कोटा
सिटी
एसपी
डॉ.
अमृता
दुहन
ने
बताया
कि
मध्यप्रदेश
(शिवपुरी)
जिले
की
निवासी
छात्रा
काव्या
धाकड़
कोटा
में
कोचिंग
करने
के
लिए
अपनी
मां
के
साथ
आई
थी।
काव्या
के
माता-पिता
उसे
डॉक्टर
बनाना
चाहते
थे।
लेकिन
काव्या
पढ़ाई
में
इतनी
इंटेलिजेंट
नहीं
थी।
कोटा
आने
के
बाद
छात्रा
ने
कोटा
में
पढ़ाई
नहीं
की
और
अपने
पुराने
दोस्त
के
पास
इंदौर
चली
गई।
दोस्त
के
साथ
दोनों
ने
मिलकर
विदेश
से
एमबीबीएस
करने
का
प्लान
बनाया।
इसके
लिए
छात्रा
काव्या
धाकड़
के
दोस्त
ने
काव्या
के
घरवालों
को
हाथ
पैर
और
मुंह
बांधे
हुए
फोटो
सेंड
किए
और
दोस्त
ने
30
लाख
की
फिरौती
की
मांग
की।
इसके
बाद
छात्रा
और
उसका
दोस्त
कोटा
जयपुर
चंडीगढ़
और
इंदौर
में
फरारी
काटते
रहे।
पुलिस
काव्या
धाकड़
और
उसके
दोस्त
के
एक
साथी
को
गिरफ्तार
कर
चुकी
थी
और
लगातार
ट्रैस
करते
हुए
इंदौर
पुलिस
की
मदद
से
छात्रा
काव्या
धाकड़
और
उसके
दोस्त
को
गिरफ्तार
करके
कोटा
लाया
गया
है।
एसपी
अमृता
दूहन
ने
सभी
युवाओं
से
अपील
की
है
कि
वह
अपने
माता-पिता
का
कहना
माने,
कोई
परेशानी
हो
तो
उनके
साथ
साझा
करें
और
मेहनत
से
जी
नहीं
चुराए।
इस
घटना
से
कोटा
का
नाम
तो
जुड़ा
है,
लेकिन
इस
घटना
से
कोटा
का
कहीं
कोई
लेना-देना
नहीं
है।