
शिवपुरी
की
बदहाल
स्वास्थ्य
व्यवस्था
–
फोटो
:
अमर
उजाला
विस्तार
शिवपुरी
में
स्वास्थ्य
व्यवस्थाओं
का
बुरा
हाल
है।
एक
ऐसा
ही
मामला
सामने
आया
है,
जिसमें
एक
प्रसूता
को
जिले
की
पीएचसी
खोड़
से
जिला
अस्पताल
रेफर
किया
गया।
108
जननी
एंबुलेंस
से
रेफर
के
दौरान
महिला
की
डिलेवरी
एंबुलेंस
में
ही
हो
गई,
लेकिन
इस
दौरान
सिरसौद
केंद्र
पर
जननी
एम्बुलेंस
महिला
को
लेकर
पहुंची
तो
वहां
पर
न
कोई
डॉक्टर
मिला
न
अन्य
कोई
नर्सिंग
स्टाफ।
एंबुलेंस
से
भेजा
बड़े
अस्पताल
तो
रास्ते
में
हो
गई
डिलेवरी
बताया
जाता
है
कि
खोड़
चौकी
क्षेत्र
के
नादिया
नया
खेरा
गांव
की
प्रसूता
सीमा
लोधी
पत्नी
नहार
सिंह
लोधी
को
प्रसव
पीड़ा
के
बाद
खोड़
प्राथमिक
स्वास्थ्य
केंद्र
में
भर्ती
कराया
गया
था,
लेकिन
यहां
से
सीमा
लोधी
रविवार
की
सुबह
डॉक्टर
ने
जिला
अस्पताल
में
भर्ती
के
लिए
रेफर
कर
दिया।
परिजन
प्रसूता
को
लेकर
108
जननी
एम्बुलेंस
में
सवार
होकर
जिला
अस्पताल
के
लिए
निकले
थे,
तभी
वरौनी-नाऊली
गांव
के
बीच
प्रसूता
सीमा
लोधी
के
तेज
प्रसव
पीड़ा
उठने
लगी।
बच्चा
भी
ओवरी
में
फंस
गया
था।
एम्बुलेंस
के
ड्राइवर
ने
पहले
सिरसौद
के
स्वास्थ्य
केंद्र
पर
एम्बुलेंस
को
ले
जाने
का
फैसला
लिया
था,
लेकिन
सिरसौद
के
स्वास्थ्य
के
केंद्र
पहुंचने
से
पहले
सीमा
ने
नवजात
को
जन्म
दे
दिया।
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शिवपुरी
के
ग्रामीण
क्षेत्र
में
स्वास्थ्य
केंद्रों
का
बुरा
हाल
बताया
जाता
है
कि
इस
समय
जिले
के
ग्रामीण
इलाकों
में
जो
स्वास्थ्य
केंद्र
है,
वहां
पर
बुरा
हाल
है।
सिरसौद
के
स्वास्थ्य
केंद्र
में
वर्तमान
में
एक
भी
डॉक्टर
पदस्थ
नहीं
है।
यहां
तीन
नर्सिंग
स्टाफ
पदस्थ
थे,
लेकिन
वह
भी
ट्रेनिंग
के
नाम
पर
अस्पताल
नहीं
आ
रहीं
है।
ग्रामीणों
की
मानें
तो
यहां
करैरा
की
एक
नर्स
को
अटैच
कर
रखा
है।
उसी
के
ऊपर
पूरे
अस्पताल
के
स्वास्थ्य
सेवाओं
का
बोझ
डाल
दिया
गया।