

अग्नि
प्राइम
का
सफल
परीक्षण
बुधवार
को
ओडिशा
के
डॉ.
एपीजे
अब्दुल
कलाम
द्वीप
से
किया
गया.
रक्षा
के
क्षेत्र
में
एक
और
कामयाबी
हासिल
करते
हुए
भारत
ने
न्यूक्लियर
बैलिस्टिक
मिसाइल
अग्नि
प्राइम
का
सफल
परीक्षण
कर
लिया
है.
यह
परीक्षण
बुधवार
शाम
को
ओडिशा
के
डॉ.
एपीजे
अब्दुल
कलाम
द्वीप
से
किया
गया.
स्ट्रेटेजिक
फोर्स
कमांड
(SFC)
और
डिफेंस
रिसर्च
एंड
डेवलपमेंट
ऑर्गेनाइजेशन
(DRDO)
के
इस
जॉइंट
टेस्ट
में
भारत
ने
न्यू
जेनरेशन
मिसाइल
का
प्रदर्शन
किया.
रक्षा
मंत्रालय
का
कहना
है,
यह
टेस्टिंग
सभी
मानकों
पर
खरी
उतरी
है.
सफल
परीक्षण
के
बाद
रक्षा
मंत्री
राजनाथ
सिंह
ने
SFC,
DRDO
और
सेना
को
इसके
लिए
बधाई
दी
है.
अग्नि
प्राइम
की
खास
बात
है
कि
यह
अग्नि
सीरीज
की
मिसाइलों
में
से
बेहद
घातक
होने
के
साथ
मॉडर्न
और
और
मीडियम
रेंज
की
बैलिस्टिक
मिसाइल
है.
कितनी
रेंज
तक
कर
सकती
है
हमला?
अग्नि
प्राइम
की
रेंज
1
हजार
से
2
हजार
किलोमीटर
है.
इसे
अग्नि-पी
(Agni-P)
के
नाम
से
भी
जाना
जाता
है.
पिछले
साल
में
जून
में
अग्नि
प्राइम
को
लॉन्च
किया
गया
था.
पिछले
साल
जून
में
देश
में
‘अग्नि
प्राइम’
का
नाइट
टेस्टिंग
की
गई
थी
जो
सफल
रही
थी.
इसके
अलावा
अप्रैल
में
ओडिशा
की
खाड़ी
में
एक
जहाज
से
इंटरसेप्टर
मिसाइल
का
पहला
उड़ान
परीक्षण
सफलतापूर्वक
किया
था.
यह
बैलिस्टिक
मिसाइल
डिफेंस
प्रोग्राम
का
हिस्सा
था.इस
प्रोग्राम
का
लक्ष्य
था
कि
समुद्र
से
लॉन्च
होने
वाली
मिसाइल
कैसे
अपने
लक्ष्य
को
निशाना
बना
सकती
है.
अग्नि
सीरीज
की
छठी
मिसाइल
यह
मिसाइल
अपना
सटीक
निशाना
लगाने
के
लिए
भी
जानी
जाती
है
और
परमाणु
हथियार
ले
जाने
में
सक्षम
है.
यह
अग्नि
सीरीज
की
सबसे
नई
और
छठी
मिसाइल
है.
11
हजार
किलो
वजन
वाली
अग्नि
प्राइम
को
इंटीग्रेटेड
गाइडेड
मिसाइल
डेवलपमेंट
प्रोग्राम
के
तहत
डेवलप
किया
गया
है.
रक्षा
मंत्रालय
का
कहना
है,
टेस्टिंग
के
दौरान
सेंसर
लगाए
गए
थे
ताकि
इससे
जुड़ा
डाटा
इकट्ठा
किया
जा
सके.टेस्टिंग
के
दौरान
अग्नि
प्राइम
अपने
सभी
मानकों
पर
खरी
उतरी
है.
रक्षा
मंत्री
राजनाथ
सिंह
ने
कहा
कि
अग्नि
प्राइम
मिसाइल
के
सफल
परीक्षण
से
सुरक्षा
बलों
को
मजबूती
मिलेगी.
सीडीएस
जनरल
अनिल
चौहान
और
DRDO
चेयरमैन
समीर
वी
कामत
ने
भी
अग्नि
प्राइम
मिसाइल
के
सफल
परीक्षण
पर
बधाई
दी
है.
New
Generation
Ballistic
Missile
Agni-Prime
successfully
flight-tested
by
Strategic
Forces
Command
&
DRDO
off
the
Odisha
coasthttps://t.co/2IXFn3piay@DefenceMinIndia
@SpokespersonMoD
pic.twitter.com/lWinz6YzYS—
DRDO
(@DRDO_India)
April
4,
2024
सफल
रहा
था
मिशन
दिव्यास्त्र
की
अग्नि-5
का
परीक्षण
पिछले
महीने
ही
भारत
ने
मिशन
दिव्यास्त्र
के
तहत
स्वदेशी
अग्नि-5
मिसाइल
का
परीक्षण
किया
था.
इस
मिसाइल
में
मल्टीपल
इंडेपेंडटली
टारगेटेबल
रीएंट्री
व्हीकल
(MIRV)
तकनीक
का
इस्तेमाल
हुआ
था.
इसके
साथ
ही
भारत
उन
देशों
की
लिस्ट
में
शामिल
हो
गया
था
जो
अपनी
मिसाइल
में
इस
तकनीक
का
इस्तेमाल
कर
रहे
हैं.
वर्तमान
में
अमेरिका,
चीन
जैसे
देश
हैं
पहले
से
इस
तकनीक
का
इस्तेमाल
कर
रहे
हैं.
आसान
भाषा
में
समझें
तो
MIRV
तकनीक
के
कारण
मिसाइल
के
सबसे
आगे
वाले
हिस्से
में
कई
हथियार
लगाए
जा
सकते
हैं.
ये
एक
साथ
कई
टार्गेट
पर
निशाना
सकते
हैं.
अग्नि-5
मिसाइल
5
हजार
किलोमीटर
तक
की
दूरी
यानी
लगभग
पूरे
एशिया
में
निशाना
बना
सकती
है.
चीन
और
यूरोप
भी
इसके
दायरे
में
आ
गए
हैं.
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