नहीं अटकेगा हेल्‍थ क्‍लेम, न अस्‍पताल से डिस्‍चार्ज होने में करना होगा इंतजार

नहीं अटकेगा हेल्‍थ क्‍लेम, न अस्‍पताल से डिस्‍चार्ज होने में करना होगा इंतजार


हाइलाइट्स


NHCX
से
हेल्‍थ
दावों
के
निपटान
में
तेजी
आएगी.


इससे
क्‍लेम
प्रोसेस
में
पारदर्शिता
आएगी.


अभी
इस
प्‍लेटफार्म
का
ट्रायल
चल
रहा
है.


नई
दिल्ली.

बीमित
व्‍यक्ति
को
हेल्‍थ
इंश्‍योरेंस
क्‍लेम
तुरंत
दिलाने
और
क्‍लेम
प्रोसेस
में
पादर्शिता
लाने
के
लिए
बनाए
गए
डिजिटल
प्‍लेटफार्म,
नेशनल
हेल्थ
क्लेम्स
एक्सचेंज
(NHCX)
से
कम
से
कम
33
कंपनियां
जुड़
गई
हैं.
एनएचसीएक्‍स
को
सरकार
ने
बीमा
दावों
से
जुड़ी
जानकारी
के
आदान-प्रदान
के
लिए
बनाया
है.
अभी
तक
यह
काम
कई
अलग-अलग
प्लेटफॉर्म
के
जरिए
होता
है.
इससे
दावों
के
निपटान
में
तेजी
तो
आएगी
ही,
साथ
ही
भारतीय
बीमा
विनियामक
और
विकास
प्राधिकरण
(IRDAI)
को
हेल्‍थ
इंश्‍योरेंस
क्‍लेम
के
निपटान
की
स्थिति
की
रीयल
टाइम
जानकारी
भी
मिलती
रहेगी.

इस
प्‍लेटफार्म
का
निर्माण
नेशनल
हेल्‍थ
एजेंसी
और
आईआरडीआईए
ने
मिलकर
किया
है.
अभी
कुछ
कंपनियों
ने
ट्रायल
के
तौर
पर
NHCX
के
माध्यम
से
दावों
का
निपटान
शुरू
कर
दिया
है.
एचडीएफसी
एर्गो
(HDFC
Ergo)
ने
NHCX
के
माध्यम
से
अपना
पहला
दावा
निपटाया
है.
सभी
सुविधाओं
के
साथ
प्लेटफॉर्म
को
आधिकारिक
तौर
पर
जल्‍द
लॉन्च
किए
जाने
की
संभावना
है.



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:
सेस
के
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पा
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काम
किया
स्वास्थ्य
बजट


मोबाइल
पर
देख
सकेंगे
क्‍लेम
स्‍टेटस

टाइम्‍स
ऑफ
इंडिया
की
एक
रिपोर्ट
में
एक
सरकारी
सूत्र
के
हवाले
से
बताया
गया
है
कि
एनएचसीएक्‍स
के
शुरू
होने
के
बाद
बीमित
व्‍यक्ति
आने
इंश्‍योरेंस
क्‍लेम
का
स्‍टेटस
अपने
मोबाइल
फोन
पर
देख
सकेगा.
NHCX
के
इस्तेमाल
से

सिर्फ
बीमा
दावों
की
प्रक्रिया
तेज
होगी
बल्कि
इसमें
पारदर्शिता
भी
आएगी.
बिना
वजह
क्‍लेम
अटकाने
और
रिजेक्‍ट
करने
की
घटनाओं
पर
भी
अंकुश
लगेगा.


डिस्‍चार्ज
में
नहीं
होगी
देर

अभी
इलाज
के
लिए
अस्पताल
जाने
वाले
मरीज
को
अपनी
बीमा
पॉलिसी
का
विवरण
या
थर्ड
पार्टी
एडमिनिस्ट्रेटर
(TPA)
या
बीमा
कंपनी
द्वारा
जारी
कार्ड
इलाज
कराने
के
लिए
दिखाना
होता
है.
इसके
बाद
अस्पताल
संबंधित
बीमा
कंपनियों
के
क्लेम
प्रोसेसिंग
पोर्टल
पर
इलाज
के
लिए
पूर्व
अनुमोदन
या
दावा
अनुमोदन
प्राप्‍त
करने
को
आवश्‍यक
दस्‍तावेज
अपलोड
करता
है.

इस
पर
संबंधित
टीम
द्वारा
फैसला
लिया
जाता
है.
कई
बार
इस
प्रक्रिया
में
बहुत
देर
लग
जाती
है.
इसके
परिणामस्‍वरूप
या
तो
अस्‍पताल
से
मरीज
को
डिस्‍चार्ज
होने
में
देर
होती
है
या
फिर
मरीज
की
जेब
से
ज्‍यादा
पैसे
खर्च
हो
जाते
हैं.
एनएचसीएक्‍स
से
एक
सेंट्रलाइज्‍ड
सिस्‍टम
बनने
से
ये
सब
दिक्‍कतें
दूर
हो
जाएंगी.

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