
हाइलाइट्स
जून
में
देश
का
व्यापार
घाटा
करीब
21
अरब
डॉलर
रहा
है.
निर्यात
जून
में
35.2
अरब
अमेरिकी
डॉलर
पर
पहुंच
गया.जून
में
आयात
बढ़कर
56.18
अरब
डॉलर
पर
पहुंच
गया.
नई
दिल्ली.
व्यापार
के
मोर्चे
पर
भारत
लगातार
तेजी
हासिल
कर
रहा
है,
लेकिन
आज
भी
आयात
का
बोझ
कम
नहीं
हुआ.
जून
के
आंकड़े
देखें
तो
देश
के
निर्यात
में
बढ़ोतरी
दिख
रही,
जबकि
आयात
भी
बढ़
रहा
है.
इस
लिहाज
से
देखा
जाए
तो
देश
का
व्यापार
घाटा
भी
कम
नहीं
हो
रहा
है.
जून
में
भी
देश
का
व्यापार
घाटा
करीब
21
अरब
डॉलर
रहा
है.
व्यापार
घाटे
का
मतलब
होता
है
कि
देश
में
निर्यात
की
तुलना
में
आयात
अधिक
हो
रहा
है.
यानी
देश
अपना
सामान
बेच
कम
और
दूसरे
का
खरीद
ज्यादा
रहा
है.
इसी
के
अंतर
को
व्यापार
घाटा
कहा
जाता
है.
वाणिज्य
सचिव
सुनील
बर्थवाल
ने
सोमवार
को
बताया
कि
देश
में
वस्तुओं
का
निर्यात
जून
में
2.56
प्रतिशत
बढ़कर
35.2
अरब
अमेरिकी
डॉलर
पर
पहुंच
गया.
एक
साल
पहले
इसी
महीने
में
निर्यात
34.32
अरब
डॉलर
रहा
था.
जून
में
कितना
रहा
आयात
आंकड़ों
के
अनुसार,
जून
में
आयात
लगभग
5
फीसदी
बढ़कर
56.18
अरब
डॉलर
पर
पहुंच
गया,
जो
एक
साल
पहले
समान
महीने
53.51
अरब
डॉलर
था.
इस
तरह
देखा
जाए
तो
निर्यात
के
मुकाबले
आयात
में
दोगुनी
वृद्धि
दिख
रही.
यही
देश
के
व्यापार
घाटे
को
बढ़ाने
का
सबसे
बड़ा
कारण
है.
जून
में
देश
का
व्यापार
घाटा
(आयात
और
निर्यात
का
अंतर)
20.98
अरब
डॉलर
रहा
है.
800
अरब
डॉलर
जाएगा
निर्यात
वाणिज्य
सचिव
सुनील
बर्थवाल
कहा
कहना
है
कि
मौजूदा
रुख
को
देखते
हुए
देश
का
वस्तुओं
और
सेवाओं
का
कुल
निर्यात
चालू
वित्तवर्ष
में
800
अरब
डॉलर
के
आंकड़े
को
पार
कर
सकता
है.
उन्होंने
कहा
कि
2024-25
की
पहली
तिमाही
के
दौरान
वस्तुओं
और
सेवाओं
का
निर्यात
लगभग
200
अरब
अमेरिकी
डॉलर
रहा
है.
इस
लिहाज
से
800
अरब
डॉलर
का
आंकड़ा
पार
होना
मुश्किल
नहीं
है.
मई
में
ज्यादा
था
निर्यात
मई
में
भारत
का
वस्तुओं
का
निर्यात
9.1
प्रतिशत
बढ़कर
38.13
अरब
डॉलर
रहा
था,
जबकि
व्यापार
घाटा
बढ़कर
सात
महीने
के
उच्चतम
स्तर
23.78
अरब
डॉलर
पर
पहुंच
गया
था.
चालू
वित्त
वर्ष
में
अप्रैल-जून
के
दौरान
निर्यात
5.84
प्रतिशत
बढ़कर
109.96
अरब
डॉलर
और
आयात
7.6
प्रतिशत
बढ़कर
172.23
अरब
डॉलर
रहा
है.
इस
तरह
पहली
तिमाही
में
व्यापार
घाटा
करीब
62
अरब
डॉलर
रहा
है.
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FIRST
PUBLISHED
:
July
15,
2024,
17:19
IST