
नई
दिल्ली:
जम्मू-कश्मीर
के
डोडा
में
आतंकी
लुका-छिपी
खेल
रहे
हैं.
डोडा
के
घने
जंगलों
में
आतंकी
घात
लगाकर
बैठे
हैं.
हालांकि,
आतंकियों
का
काम
तमान
करने
के
लिए
भारतीय
सेना
कमर
कस
चुकी
है.
जंगल
में
पहाड़ी,
नदियों
और
नालों
पर
सुरक्षाबलों
की
कड़ी
नजर
है.
डोडा
में
अब
भी
कई
आतंकी
छिपे
हैं.
इन्हें
मारने
के
लिए
इंडियन
आर्मी
के
जवान
जंगलों
का
खाक
छान
रहे
हैं.
इसी
वजह
से
डोडा
में
फिर
सुरक्षाबलों
और
आतंकियों
के
बीच
मुठभेड़
हुई
है.
24
घंटे
के
भीतर
डोडा
जिले
में
आतंकियों
और
भारतीय
सेना
के
जवानों
के
बीच
दो
बार
मुठभेड़
हो
चुकी
है.
जम्मू
में
अचानक
आतंकी
गतिविधियां
बढ़
गई
हैं.
इसके
पीछे
पाकिस्तान
का
ही
हाथ
है.
इंटेल
से
मिली
जानकारी
के
मुताबिक,
पाकिस्तान
नए
सिरे
से
जम्मू-कश्मीर
में
आतंकवाद
को
बढ़ावा
दे
रहा
है.
डोडा
में
आतंकी
हमला
इसी
का
परिणाम
है.
ये
आतंकी
अब
कश्मीर
की
जगह
जम्मू
को
अपना
सॉफ्ट
टारगेट
बना
रहे
हैं.
यही
वजह
है
कि
बीते
दो-तीन
दिनों
से
डोडा
में
ताबड़तोड़
फायरिंग
जारी
है.
मंगलवार
को
डोडा
जिले
के
भाटा
देसा
इलाके
के
ऊपरी
इलाके
में
सुरक्षाबलों
और
आतंकियों
के
बीच
मुठभेड़
हुई
थी.
इसमें
एक
कैप्टन
समेत
चार
जवान
और
एक
स्थानीय
पुलिसकर्मी
शहीद
हो
गए
थे.
ये
आतंकी
घने
जंगलों
में
घात
लगाकर
बैठे
थे.
जैसे
ही
सेना
ने
उनको
मार
गिराने
के
लिए
सर्च
ऑपरेशन
शुरू
किया,
उन्होंने
गोलीबारी
शुरू
कर
दी.
फिलहाल,
सेना
के
जवान
के
पांव
थमे
नहीं
हैं.
वे
लगातार
घने
जंगल
वाले
इलाके
में
सर्च
ऑपरेशन
चला
रहे
हैं.
सूत्रों
की
मानें
तो
जंगल
में
अभी
कई
पाकिस्तानी
आतंकी
हैं.
खुफिया
एजेंसियों
की
मानें
तो
पाकिस्तान
समर्थित
विदेशी
आतंकवादियों
का
एक
कट्टर,
भारी
हथियारों
से
लैस
और
प्रशिक्षित
समूह
(जिनमें
अधिकतर
पाकिस्तानी
हैं),
वर्तमान
में
जम्मू
डिवीजन
के
घने
जंगलों
वाले
इलाकों
में
सक्रिय
आतंकवादी
समूह
के
तौर
पर
हमलों
को
अंजाम
दे
रहा
है.
एजेंसी
के
मुताबिक
ये
आतंकी
हिट-एंड-रन
अभियान
की
तरह
अपने
मंसूबों
को
अंजाम
देते
हैं
और
फिर
निकट
के
जंगलों
में
गायब
हो
जाते
हैं.
संदेह
जताया
जा
रहा
है
कि
डोडा
में
आतंक
फैलाने
वाले
ये
आतंकी
समूह
के
सदस्य
पूर्व
पाकिस्तानी
सेना
के
नियमित
सैनिक
हो
सकते
हैं
न
कि
साधारण
भाड़े
के
सैनिक.
जिस
तरह
से
ये
आतंकी
जंगल
में
बैठकर
चाल
पर
चाल
चल
रहे
हैं,
ये
भाड़े
के
आतंकी
नहीं,
बल्कि
पाकिस्तानी
आर्मी
के
ही
पूर्व
सैनिक
हैं.
इसकी
वजह
यह
है
कि
ये
आतंकी
जंगलों
में
छिपे
रहते
हैं
और
खुले
क्षेत्रों
में
मौजूद
सैनिकों
को
निशाना
बनाते
हैं.
अब
सवाल
है
कि
आखिर
पाकिस्तान
आतंक
की
आड़
में
क्या
करना
चाहता
है.
इसका
सीधा
जवाब
है
कि
जम्मू-कश्मीर
में
चुनाव.
दरअसल,
आने
वाले
अगस्त
महीने
के
पहले
सप्ताह
में
चुनाव
आयोग
जम्मू-कश्मीर
में
चुनाव
को
लेकर
समीक्षा
बैठक
करने
जा
रहा
है.
ऐसे
में
पाकिस्तान
और
उसके
आतंकवादी
संगठनों
को
लगता
है
कि
लोकसभा
चुनाव
की
तरह
अगर
इन
चुनाव
में
भी
भारी
वोटिंग
हुई
तो
जम्मू-कश्मीर
पर
भारत
की
पकड़
और
मजबूत
हो
जाएगी.
जबकि
पाकिस्तानी
सेना
का
वह
सपना
टूट
जाएगा,
जिसके
आधार
पर
अपने
देश
के
नागरिकों
को
बरगला
कर
जम्मू
कश्मीर
को
पाकिस्तान
में
शामिल
करने
की
बात
करती
है.
यही
वजह
है
कि
पाकिस्तानी
सेना
अपने
एक्स
जवानों
को
आतंकी
के
रूप
में
जम्मू
भेज
रही
है.
Tags:
Indian
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Pakistan
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FIRST
PUBLISHED
:
July
17,
2024,
10:12
IST