15 वजह बताई क्‍यों न म‍िले केजरीवाल को बेल, स‍िंघवी की दलीलों पर CBI का जवाब

15 वजह बताई क्‍यों न म‍िले केजरीवाल को बेल, स‍िंघवी की दलीलों पर CBI का जवाब

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दिल्ली
शराब
नीति
घोटाले
के
आरोप
में
जेल
में
बंद
अरविंद
केजरीवाल
की
याचिका
पर
बुधवार
को
दिल्ली
हाईकोर्ट
में
सुनवाई
हुई.
सीबीआई
द्वारा
गिरफ्तारी
और
रिमांड
आदेश
को
चुनौती
देने
वाली
मुख्यमंत्री
अरविंद
केजरीवाल
की
याचिका
पर
कोर्ट
में
बुधवार
को
सुनवाई
हुई.

मुख्यमंत्री
अरविंद
केजरीवाल
की
ओर
से
वरिष्ठ
अधिवक्ता
अभिषेक
मनु
सिंघवी
ने
सुनवाई
के
दौरान
कोर्ट
में
केजरीवाल
की
जमानत
को
लेकर
कई
तर्क
दिए.
उधर,
सीबीआई
ने
भी
केजरीवाल
को
जमानत
ना
मिले
इसके
पक्ष
में
तमाम
तर्क
दिए.
सीबीआई
ने
दिल्ली
हाई
कोर्ट
में
हलफनामा
दायर
अरविंद
केजरीवाल
की
जमानत
का
विरोध
किया.
यहां
हम
दोनों
पक्ष
द्वारा
पेश
की
गईं
दलीलों
को
सिलसिलेवार
ढंग
से
रख
रहे
हैं,
जिनसे
यह
बात
कही
गई
है
कि
अरविंद
केजरीवाल
को
जमनात
मिले
तो
क्यों
मिले
और
अगर
जमानत
नहीं
मिले
तो
क्यों
ना
मिले-

1-
सीबीआई
ने
अरविंद
की
याचिका
को
खारिज
करने
की
मांग
करते
हुए
कहा
कि
याचिकाकर्ता
ने
मामले
में
आगे
की
प्रगति
को
रोकने
के
लिए
कानून
की
जटिलताओं
का
दुरुपयोग
करके
न्यायालय
को
गुमराह
करने
का
प्रयास
किया
है.
2-
याचिकाकर्ता
ने
निचली
अदालत
से
संपर्क
किए
बिना,
जमानत
देने
के
लिए
सीआरपीसी
की
धारा
439
का
इस्तेमाल
करते
हुए
न्यायालय
का
रुख
किया.
नियमित
जमानत
देने
के
लिए
विशेष
न्यायाधीश
यानी
सत्र
न्यायालय
का
रुख
करना
चाहिए
था.
3-
सीबीआई
ने
कहा
कि
गिरफ्तारी
सहित
जांच,
जांच
एजेंसी
का
एकमात्र
क्षेत्र
है.
4-
क्या
आरोपी
ने
प्रश्नों
का
संतोषजनक
उत्तर
दिया
है
या
टालमटोल
कर
रहा
है,
यह
पूरी
तरह
से
जांच
एजेंसी
के
क्षेत्र
में
है.
5-
याचिकाकर्ता
द्वारा
मामले
को
सनसनीखेज
बनाने
का
प्रयास
दुर्भाग्यपूर्ण
है.
6-
जब
मामले
की
अन्य
सभी
परिस्थितियों
की
जांच
की
गई,
तभी
सीबीआई
ने
याचिकाकर्ता
की
हिरासत
की
मांग
की.
7-
इसके
अलावा,
23
अप्रैल
को
ही
याचिकाकर्ता
की
भूमिका
की
जांच
करने
के
लिए
धारा
17-ए
पीसी
अधिनियम
के
तहत
अनुमति
दी
गई
थी.
8-
आम
आदमी
पार्टी
के
राष्ट्रीय
संयोजक
के
खिलाफ
जांच,
जांच
को
तार्किक
निष्कर्ष
तक
पहुंचाने
के
लिए
आवश्यक
थी.
चूंकि
वह
न्यायिक
हिरासत
में
था,
इसलिए
अदालत
की
अनुमति
के
बिना
उसकी
उपस्थिति
सुनिश्चित
नहीं
की
जा
सकती
थी.
9-
याचिकाकर्ता
दिल्ली
उत्पाद
शुल्क
नीति
2021-22
के
निर्माण
और
कार्यान्वयन
में
आपराधिक
साजिश
में
अपनी
भूमिका
पर
विचार
करते
हुए
समानता
का
हकदार
नहीं
है,
विशेष
रूप
से
तब
जब
सरकार
और
पार्टी
के
कोई
भी
या
सभी
निर्णय
केवल
उसके
अनुसार
लिए
गए
हों.
10-
अरविंद
केजरीवाल
ने
अन्य
आरोपी
व्यक्तियों
के
साथ
मिलकर,
जानबूझकर
आबकारी
नीति
2021-22
में
बदलाव
और
हेराफेरी
की
और
इस
तरह
थोक
विक्रेताओं
के
लाभ
मार्जिन
को
बिना
किसी
कारण
के
5%
से
बढ़ाकर
12%
कर
दिया,
जिससे
थोक
विक्रेताओं
को
अनुचित
अप्रत्याशित
लाभ
हुआ.
11-
गोवा
में
आम
आदमी
पार्टी
के
चुनाव
संबंधी
खर्चों
को
पूरा
करने
के
लिए
साउथ
ग्रुप
से
100
करोड़
रुपये
की
अवैध
रिश्वत
मिली
थी.
12-
अरविंद
केजरीवाल
का
मजबूत
प्रभाव
और
दबदबा
उन्हें
ऐसे
सह-अभियुक्तों
से
बराबरी
का
अधिकार
नहीं
देता
है.
13-
संपूर्णता
के
लिए,
मामले
में
विभिन्न
प्रभावशाली
सह-अभियुक्त
अभी
भी
हिरासत
में
हैं,
जिनमें
आरोपी
मनीष
सिसोदिया
और
के
कविता
भी
शामिल
हैं.
14-
याचिकाकर्ता
पर
गंभीर
आर्थिक
अपराध
करने
का
आरोप
है,
जिसे
एक
वर्ग
से
अलग
माना
जाना
चाहिए.
15-
जबकि
व्यक्तिगत
स्वतंत्रता
सर्वोपरि
है,
यह
पूर्ण
नहीं
है
बल्कि
राज्य
और
जनता
के
हित
सहित
उचित
प्रतिबंधों
के
अधीन
है.

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