
मुख्यमंत्री
ग्राीमण
आवास
योजना
में
एनपीए
करीब
54
प्रतिशत
पहुंचा
–
फोटो
:
अमर
उजाला
विस्तार
मध्य
प्रदेश
के
आर्थिक
रूप
से
कमजोर
लोगों
के
लिए
पक्का
घर
बनाने
की
मुख्यमंत्री
ग्रामीण
आवास
योजना
सरकार
के
लिए
गले
की
फांस
बनती
जा
रही
है।
योजना
का
लाभ
लेने
वाले
लाभार्थी
बैंक
की
किस्तें
ही
जमा
नहीं
कर
रहे
हैं।
इससे
वर्ष
2024
में
योजना
का
नॉन
परफार्मिंग
असेट
(एनपीए)
बढ़कर
करीब
54
प्रतिशत
पहुंच
गया
है।
इसको
लेकर
अब
बैंकों
के
प्रतिनिधियों
ने
मुख्यमंत्री
डॉ.
मोहन
यादव
से
बैंकों
का
बकाया
वसूलने
का
कदम
उठाने
की
मांग
की
है।
मुख्यमंत्री
ने
मामले
में
बैकों
से
ही
प्रस्ताव
मांगा
है।
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मुख्यमंत्री
ग्रामीण
आवास
योजना
में
वर्ष
2024
में
एनपीए
1535
करोड़
रुपये
तक
पहुंच
गया
है।
यह
योजना
के
तहत
बैंकों
की
तरफ
से
आवास
बनाने
के
लिए
जारी
राशि
का
करीब
54
प्रतिशत
पहुंच
गया
है।
इस
मुद्दे
को
हाल
ही
में
राज्य
स्तरीय
बैंकर्स
समिति
(एसएलबीसी)
ने
मुख्यमंत्री
डॉ.
मोहन
यादव
के
सामने
रखा।
समिति
की
तरफ
से
बताया
गया
कि
3
लाख
9
हजार
831
लाभार्थी
मुख्यमंत्री
ग्रामीण
आवास
योजना
के
तहत
लिए
गए
ऋण
की
किश्तों
को
जमा
नहीं
कर
रहे
हैं।
इनकी
लगातार
तीन
से
ज्यादा
किश्तें
पेंडिंग
हो
चुकी
हैं।
इसके
बाद
करीब
1535
करोड़
रुपये
एनपीए
में
चला
गया
है।
इस
पर
मुख्यमंत्री
डॉ.
मोहन
यादव
ने
संबंधित
बैंकों
को
ही
बकाया
राशि
के
समाधान
के
लिए
प्रस्ताव
देने
को
कहा
है।
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