शंकराचार्य पर क्यों बिफरीं कंगना रनौत, हिन्दू धर्म की दे दी दुहाई

शंकराचार्य पर क्यों बिफरीं कंगना रनौत, हिन्दू धर्म की दे दी दुहाई

मुख्यमंत्री
एकनाथ
शिंदे
को
लेकर
ज्योतिर्मठ
के
शंकराचार्य
स्वामी
अविमुक्तेश्वरानंद
सरस्वती
के
बयान
ने
महाराष्ट्र
की
राजनीति
गरमा
दी
है.
शंकराचार्य
ने
कहा
था
कि
उद्धव
ठाकरे
‘विश्वासघात
के
शिकार’
हैं.
वहीं
बीजेपी
सांसद
और
अभिनेत्री
कंगना
रनौत
अब
शिंदे
के
समर्थन
में
सामने
आई
हैं.
उन्होंने
शंकराचार्य
पर
कटाक्ष
करते
हुए
कि
स्वामी
अविमुक्तेश्वरानंद
ने
शिंदे
को
‘देशद्रोही’
और
‘विश्वासघाती’
कहकर
‘सभी
की
भावनाओं
को
ठेस
पहुंचाई
है’.

हिमाचल
प्रदेश
की
मंडी
लोकसभा
सीट
से
सांसद
चुनी
गईं
कंगना
ने
सोशल
मीडिया
प्लेटफॉर्म
एक्स
पर
पोस्ट
किया,
जिसमें
उन्होंने
लिखा,
‘राजनीति
में
गठबंधन,
संधि
और
एक
पार्टी
का
विभाजन
होना
बहुत
सामान्य
और
संवैधानिक
बात
है.
कांग्रेस
पार्टी
का
विभाजन
1907
में
और
फिर
1971
में
हुआ,
अगर
राजनीति
में
राजनीतज्ञ
राजनीति
नहीं
करेगा
तो
क्या
गोलगप्पे
बेचेगा?’

कंगना
ने
इसके
साथ
ही
आरोप
लगाया
कि
शंकराचार्य
ने
अपनी
शब्दावली
और
अपने
प्रभाव
और
धार्मिक
शिक्षा
का
दुरुपयोग
किया
है.
उन्होंने
लिखा,
‘धर्म
यह
भी
कहता
है
कि
अगर
राजा
ही
प्रजा
का
शोषण
करने
लगे
तो
राजद्रोह
ही
आखिरी
धर्म
है.
शंकराचार्य
जी
ने
महाराष्ट्र
के
हमारे
माननीय
मुख्यमंत्री
एकनाथ
शिंदे
जी
को
अपमानजनक
शब्दावली
से
गद्दार,
विश्वासघाती
जैसे
आरोप
लगाते
हुए
हम
सब
कि
भावनाओं
को
ठेस
पहुचाई
है.’


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कंगना
ने
इसके
साथ
ही
कहा
कि
‘शंकराचार्य
जी
इस
तरह
की
छोटी
और
ओछी
बातें
करके
हिन्दू
धर्म
की
गरिमा
को
ठेस
पहुंचा
रहे
हैं.’

उत्तराखंड
के
जोशीमठ
स्थित
ज्योतिर्मठ
के
शंकराचार्य
स्वामी
अविमुक्तेश्वरानंद
ने
इस
हफ्ते
की
शुरुआत
में
शिवसेना
(यूबीटी)
नेता
और
महाराष्ट्र
के
पूर्व
मुख्यमंत्री
उद्धव
ठाकरे
से
मुंबई
में
उनके
आवास
पर
मुलाकात
की
और
कहा
कि
वह
‘विश्वासघात
के
शिकार’
हैं.
उन्होंने
वहां
पत्रकारों
से
बातचीत
में
कहा,
‘उद्धव
ठाकरे
के
साथ
विश्वासघात
हुआ
है
और
कई
लोग
इससे
दुखी
हैं.
मैं
आज
उनके
अनुरोध
पर
उनसे
मिला
और
उनसे
कहा
कि
जब
तक
वह
फिर
से
मुख्यमंत्री
नहीं
बन
जाते,
लोगों
का
दर्द
कम
नहीं
होगा.’


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उन्होंने
आगे
कहा,
‘जो
विश्वासघात
करता
है,
वह
हिंदू
नहीं
हो
सकता.
जो
विश्वासघात
को
सहन
करता
है,
वह
हिंदू
है…
महाराष्ट्र
की
पूरी
जनता
विश्वासघात
से
दुखी
है
और
यह
हाल
के
(लोकसभा)
चुनावों
में
भी
दिखाई
दिया.’

बता
दें
कि
एकनाथ
शिंदे
के
विद्रोह
और
शिवसेना
में
फूट
के
बाद
जून
2022
में
उद्धव
ठाकरे
की
महाविकास
अघाड़ी
सरकार
गिर
गई
थी.
इसके
बाद
वह
बीजेपी
के
साथ
गठबंधन
करके
महाराष्ट्र
के
मुख्यमंत्री
बने.

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