
नई
दिल्ली.
सीजेआई
डीवाई.
चंद्रचूड़
ने
गुरुवार
को
सुप्रीम
कोर्ट
के
दो
नए
न्यायाधीशों
को
पद
की
शपथ
दिलाई.
जस्टिस
एन.
कोटिश्वर
सिंह
और
आर.
महादेवन
ने
आज
शीर्ष
कोर्ट
न्यायाधीश
के
रूप
में
शपथ
ली.
दोनों
जजों
के
पद
और
गोपनीयता
की
शपथ
लेते
ही
सुप्रीम
कोर्ट
में
न्यायाधीशों
की
संख्या
बढ़कर
34
हो
गई.
जैसा
कि
हम
जानते
हैं
कि
सांसद
और
विधायक
जब
शपथ
लेते
हैं
तो
वह
देश
के
संविधान
प्रति
निष्ठा
की
शपथ
लेते
हैं,
लेकिन
जज
किसकी
शपथ
लेते
हैं,
क्या
आपको
पता
है?
नहीं
तो
जान
लीजिए-
सुप्रीम
कोर्ट
के
जस्टिस
के
शपथ
पत्र
पर
ये
बातें
लिखीं
हुईं
होती
हैं,
जिन्हें
उनको
चीफ
जस्टिस
चंद्रचूड़
के
पीछे-पीछे
बोलना
होता
है-
-
भारत
के
संविधान
के
प्रति
सच्ची
आस्था
और
निष्ठा
रखूंगा -
भारत
की
संप्रभुता
और
अखंडता
को
बनाए
रखूंगा -
अपनी
योग्यता,
ज्ञान
और
विवेक
के
अनुसार
विधिवत
और
ईमानदारी
से
तथा
बिना
किसी
भय
या
पक्षपात,
स्नेह
या
द्वेष
के
अपने
पद
के
कर्तव्यों
का
पालन
करुंगा -
संविधान
और
कानून
का
संरक्षण,
सुरक्षा
और
बचाव
करुंगा -
भारत
के
लोगों
की
सेवा
और
कल्याण
के
लिए
खुद
को
समर्पित
करुंगापिछले
हफ्ते
सीजेआई
चंद्रचूड़
की
अध्यक्षता
वाले
सुप्रीम
कोर्ट
कॉलेजियम
ने
जम्मू-कश्मीर
और
लद्दाख
हाई
कोर्ट
के
चीफ
जस्टिस
एन.
कोटिश्वर
सिंह
और
मद्रास
हाई
कोर्ट
के
कार्यवाहक
चीफ
जस्टिस
आर.
महादेवन
को
शीर्ष
अदालत
में
पदोन्नत
करने
की
सिफारिश
की
थी.
कॉलेजियम
की
सिफारिशों
पर
केंद्र
ने
मंगलवार
को
न्यायमूर्ति
एन.
कोटिश्वर
सिंह
और
आर.
महादेवन
की
नियुक्ति
को
मंजूरी
दे
दी.
शीर्ष
अदालत
के
कॉलेजियम
ने
कहा
था
कि
उसने
सर्वोच्च
न्यायालय
में
नियुक्ति
के
लिए
सिफारिश
करते
समय
वरिष्ठता,
योग्यता,
निष्ठा,
क्षेत्र,
लिंग
और
समुदाय
की
विविधता
और
समाज
के
हाशिए
पर
पड़े
और
पिछड़े
वर्गों
को
शामिल
करने
जैसी
जरूरी
बातों
को
ध्यान
में
रखा
है.
जस्टिस
कोटिस्वर
सिंह
मणिपुर
से
हैं।
अक्टूबर
2011
में
वो
गुवाहाटी
हाई
कोर्ट
के
जस्टिस
के
रूप
में
नियुक्त
किए
गए
थे।
पिछले
साल
फरवरी
में
उन्हें
जम्मू-कश्मीर
और
लद्दाख
हाई
कोर्ट
का
मुख्य
न्यायाधीश
नियुक्त
किया
गया
था.
कॉलेजियम
ने
कहा,
‘सुप्रीम
कोर्ट
के
न्यायाधीश
के
रूप
में
उनकी
नियुक्ति
से
पूर्वोत्तर
को
प्रतिनिधित्व
मिलेगा
और
विशेष
रूप
से
वे
मणिपुर
से
सर्वोच्च
न्यायालय
के
न्यायाधीश
के
रूप
में
नियुक्त
होने
वाले
पहले
न्यायाधीश
होंगे।
न्यायमूर्ति
आर.
महादेवन
मद्रास
हाई
कोर्ट
के
सेवारत
न्यायाधीशों
के
क्रम
में
तीसरे
स्थान
पर
थे
और
वहां
कार्यवाहक
मुख्य
न्यायाधीश
के
रूप
में
काम
कर
रहे
थे.’
कॉलेजियम
ने
कहा
कि
पिछड़े
समुदाय
को
प्रतिनिधित्व
देने
के
लिए
न्यायमूर्ति
महादेवन
को
प्राथमिकता
दी
गई
है.
कॉलेजियम
ने
कहा,
‘न्यायमूर्ति
महादेवन
तमिलनाडु
राज्य
के
पिछड़े
समुदाय
से
हैं।
उनकी
नियुक्ति
से
पीठ
में
विविधता
आएगी.’
Tags:
DY
Chandrachud,
Supreme
Court
FIRST
PUBLISHED
:
July
18,
2024,
13:36
IST