यूपी का सबसे खास एक्सप्रेसवे, 25000 पौधों से सजेगा, 1 लाख घरों को देगा बिजली

यूपी का सबसे खास एक्सप्रेसवे, 25000 पौधों से सजेगा, 1 लाख घरों को देगा बिजली


Bundelkhand
Expressway:

देश
में
उत्तर
प्रदेश
एक
ऐसा
राज्य
है
जहां
सबसे
ज्यादा
6
एक्सप्रेसवे
हैं
जबकि
7
का
निर्माण
कार्य
जारी
है.
राज्य
में
योगी
सरकार
ऑपरेशन
एक्सप्रेसवे
पर
सुविधाओं
को
और
बढ़ा
रही
है.
इसी
कड़ी
में
राज्य
सरकार
ने
बुंदेलखण्ड
एक्सप्रेसवे
को
संवारने
की
तैयारी
कर
ली
है.
दरअसल
296
किलोमीटर
लंबे
इस
एक्सप्रेसवे
के
दोनों
ओर
25,000
से
ज्यादा
पौधे
लगाए
जाएंगे,
साथ
ही
एक्सप्रेसवे
से
लगी
1,700
हेक्टेयर
जमीन
पर
प्रदेश
का
सबसे
लंबा
सोलर
पार्क
भी
डेवलप
किया
जाएगा.
इस
कदम
से
पर्यावरण
संरक्षण
और
बिजली
उत्पादन
दोनों
लक्ष्य
हासिल
होंगे.इसका
निर्माण
उत्तर
प्रदेश
एक्सप्रेस-वेज
औद्योगिक
विकास
प्राधिकरण
की
देखरेख
में
बीओओ
(बिल्ड,
ओन
एंड
आपरेट)
माडल
पर
किया
जा
रहा
है.

इससे
पहले
जून
में
सरकार
ने
बुंदेलखंड
एक्सप्रेसवे
को
आधुनिक
यातायात
प्रबंधन
प्रणाली
(एटीएमएस)
से
लैस
करने
की
प्रक्रिया
शुरू
की
थी.
इसके
जरिये
ट्रैफिक
कंट्रोल

मैनेजमेंट
प्रोसेस
और
बेहतर
होगा.
आइये
आपको
बताते
हैं
बुंदेलखण्ड
एक्सप्रेसवे
और
इस
पर
मौजूद
सुविधाओं
के
बारे
में…



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का
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बड़ा
एक्सप्रेसवे?
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में
अटका
काम,
4-6
महीने
नहीं,
अब
करना
होगा
लंबा
इंतजार


एक्सप्रेसवे
का
रूट

बुंदेलखंड
एक्‍सप्रेसवे,
उत्तर
प्रदेश
के
7
जिलों
को
आपस
में
जोड़ता
है.
इनमें
इटावा,
औरेया,
जालौन,
हमीरपुर,
महोबा,
बांदा
और
चित्रकूट
शामिल
हैं.
इस
एक्सप्रेसवे
की
लंबाई
296
किलोमीटर
है.
यह
एक्सप्रेसवे
4
लेन
में
बनाया
गया
है.
इस
एक्‍सप्रेसवे
के
निर्माण
पर
14,850
करोड़
रुपये
खर्च
हुए
हैं.

यह
एक्‍सप्रेसवे
इटावा
जिले
के
कुदरैल
गांव
से
शुरू
होता
है
और
चित्रकूट
जिले
में
स्थित
एनएच
35
के
पास
गोंडा
गांव
को
जोड़ता
है.
इटावा
में
यह
एक्‍सप्रेसवे
सीधे
आगरा-लखनऊ
एक्‍सप्रेसवे
को
भी
लिंक
करेगा.
खास
बात
है
कि
बुंदेलखंड
एक्‍सप्रेसवे
के
जरिये
दिल्‍ली
से
चित्रकूट
पहुंचने
में
अब
सिर्फ
6
घंटे
लगेंगे,
जबकि
इससे
पहले
यह
सफर
10
घंटे
में
पूरा
होता
था.


क्या
है
25000
पौधे
और
सोलर
पार्क
की
योजना

उत्तर
प्रदेश
सरकार
ने
296
किलोमीटर
लंबे
बुंदेलखंड
एक्सप्रेस-वे
के
मुख्य
कैरिजवे
और
सर्विस
रोड
के
बीच
स्थित
1,700
हेक्टेयर
जमीन
पर
सोलर
पार्क
विकसित
करने
की
योजना
बनाई
है.
इस
पार्क
को
डेवलप
करने
में
करीब
2,500
करोड़
का
खर्च
आएगा.
सोलर
पार्क
के
बनने
से
450
किलोवाट
ऊर्जा
का
उत्पादन
संभव
होगा,
जिससे
एक
लाख
घरों
में
बिजली
की
सप्लाई
की
जा
सकेगी.

इसके
साथ
ही
बुंदेलखण्ड
एक्सप्रेसवे
के
किनारों
पर
पीपल,
बरगद,
गूलर
और
नीम
के
25,000
पौधे
लगाए
जाएंगे.
मुख्यमंत्री
योगी
आदित्यनाथ
ने
2028
तक
इस
काम
को
पूरा
करने
का
लक्ष्य
दिया
है.

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