
नई
दिल्ली.
भारतीय
रेलवे
(Indian
Railways)
दुनिया
का
चौथा
सबसे
बड़ा
रेलवे
नेटवर्क
है.
हमारे
देश
में
ट्रेन
अब
भी
यात्रा
का
सबसे
लोकप्रिय
और
सस्ता
साधन
है.
सफर
छोटा
हो
या
लंबा
लोग
ट्रेन
से
सफर
करना
ही
पसंद
करते
हैं.
क्या
आप
जानते
हैं
कि
जो
ट्रेन
आपका
सफर
सस्ता
बनाती
है,
उसे
बनाने
में
कितना
पैसा
खर्च
किया
जाता
है?
आपको
जानकर
ताज्जुब
होगा
सस्ते
परिवहन
के
साधन
होने
के
बाद
भी
ट्रेन
की
निर्माण
लागत
काफी
ज्यादा
होती
है.
देशभर
में
भारतीय
रेलवे
की
अलग-अलग
फैक्ट्रियों
में
रेल
कोच
और
इंजन
का
निर्माण
किया
जाता
है.
एक
कोच
को
बनाने
में
आता
है
इतना
खर्च
एक
ट्रेन
में
कई
तरह
के
कोच/बोगी
लगे
होते
हैं.
ये
मुख्य
तौर
पर
तीन
तरह
के
होते
हैं-
जनरल
कोच,
स्लीपर
कोच
और
एसी
कोच.
रेल
के
कोच
को
तैयार
करने
में
स्टील
और
एल्युमीनियम
दोनों
का
इस्तेमाल
होता
है.
इसमें
कोच
का
बाहरी
हिस्सा
स्टेनलेस
स्टील
से
जबकि
अंदर
का
हिस्सा
एल्युमीनियम
से
बनाया
जाता
है.
फाइनेंशियल
एक्सप्रेस
की
एक
रिपोर्ट
के
मुताबिक, एक
एसी
कोच
की
लागत
2.8
से
3
करोड़
रुपये
के
बीच
होती
है.
स्लीपर
कोच
बनाने
में
करीब
1.25
करोड़
रुपये
की
लागत
आती
है.
वहीं,
जनरल
कोच
बनाने
में
करीब
एक
करोड़
रुपये
लगते
हैं.
एक
एसी
(AC)
कोच
के
निर्माण
पर
खर्च-
2.8
से
3
करोड़
रुपये
एक
स्लीपर
कोच
के
निर्माण
पर
खर्च-
1.25
करोड़
रुपये
एक
जनरल
कोच
के
निर्माण
पर
खर्च-
1
करोड़
रुपये
एक
इंजन
को
बनाने
में
आता
है
इतना
खर्च
1
इंजन
की
कीमत
18-20
करोड़
रुपये
होती
है.
24
बोगी
वाली
ट्रेन
का
औसतन
खर्च
लगभग
60
से
70
करोड़
रुपये
होता
है.
ध्यान
देने
वाली
बात
है
कि
लोकल,
राजधानी
और
वंदे
भारत
जैसी
ट्रेनों
की
निर्माण
लागत
अलग-अलग
होती
है.
‘वंदे
भारत’
जैसी
प्रीमियम
ट्रेन
की
लागत
लगभग
110
से
120
करोड़
रुपये
तक
है.
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FIRST
PUBLISHED
:
July
18,
2024,
17:08
IST