
इलाहाबाद
उच्च
न्यायालय
ने
मथुरा
में
शाही
ईदगाह
मस्जिद
को
हटाने
की
मांग
करने
वाले
मुकदमे
की
स्थिरता
को
चुनौती
देने
वाली
याचिका
पर
सुनवाई
18
अप्रैल
तक
के
लिए
टाल
दी
है.
हिंदू
पक्ष
का
प्रतिनिधित्व
कर
रहे
वकील
अजय
कुमार
सिंह
ने
सुनवाई
के
दौरान
कहा
कि
यह
विवाद
मस्जिद
वक्फ
ट्रिब्यूनल
के
अधिकार
क्षेत्र
से
बाहर
है
और
इसके
बजाय
सिविल
कोर्ट
द्वारा
इसका
फैसला
किया
जाना
चाहिए.
सिंह
ने
1999
के
सुप्रीम
कोर्ट
के
फैसले
का
भी
हवाला
दिया,
जिसमें
इस
बात
पर
जोर
दिया
गया
था
कि
धार्मिक
विवादों
को
सिविल
अदालतों
द्वारा
संबोधित
किया
जाना
चाहिए.
इस
तर्क
का
समर्थन
करते
हुए
कि
मौजूदा
मामला
सिविल
कोर्ट
के
दायरे
में
है.
हिंदू
पक्ष
की
ओर
से
यह
तर्क
दिया
गया
कि
मामले
के
धार्मिक
महत्व
को
बरकरार
रखा
जाना
चाहिए,
और
मुकदमे
की
स्थिरता
के
संबंध
में
आपत्ति
मुकदमे
को
लम्बा
खींचने
का
एक
प्रयास
प्रतीत
होता
है.
कब
होगी
अगली
सुनवाई?
इसके
साथ
ही
मुस्लिम
पक्ष
की
कानूनी
वकील
तसलीमा
अजीज
अहमदी
ने
अपनी
दलीलें
पूरी
करने
के
लिए
अतिरिक्त
समय
का
अनुरोध
किया.
अदालत
सत्र
के
खत्म
होने
के
बाद,
न्यायमूर्ति
मयंक
कुमार
जैन
ने
अगली
सुनवाई
18
अप्रैल
के
लिए
तय
की
है.
क्या
किया
जा
रहा
दावा?
वाद
में
दावा
कि
गया
है
कि
शाही
ईदगाह
मस्जिद
कटरा
केशव
देव
मंदिर
की
13.37
एकड़
भूमि
पर
बनाई
गई
है.
हिंदू
पक्ष
की
ओर
से
अधिवक्ता
अजय
कुमार
सिंह
ने
बृहस्पतिवार
को
सुनवाई
के
दौरान
कहा
कि
मौजूदा
विवाद,
वक्फ
अधिकरण
के
दायरे
से
परे
है
और
इस
पर
निर्णय
करना
केवल
दीवानी
अदालत
के
न्यायिक
क्षेत्र
में
है.