
स्मार्ट
क्लास
में
पढ़ाई
करते
बच्चे
विस्तार
दमोह
जिले
के
शासकीय
मिडिल
स्कूलों
में
प्राइवेट
स्कूल
की
तर्ज
पर
छात्रों
के
लिए
स्मार्ट
क्लासेस
शुरू
की
गई
है।
इससे
छात्र
उत्साह
के
साथ
पढ़ाई
कर
रहे
हैं।
मिडिल
स्कूल
में
पढ़ने
वाले
बच्चों
को
स्मार्ट
क्लास
के
माध्यम
से
क्वालिटी
एजुकेशन
देने
के
लिए
इस
सत्र
से
जिले
के
55
स्कूलों
एवं
सात
बालिका
छात्रावासों
में
स्मार्ट
क्लास
शुरू
हो
गई
हैं।
कुल
63
जगह
स्मार्ट
क्लासें
संचालित
की
जा
रही
हैं।
स्मार्ट
क्लासरूम
एक
डिजिटल
क्लास
रूम
है।
इसके
माध्यम
से
छात्रों
को
सीखने
में
रुचि
पैदा
होती
है।
इससे
बच्चे
अनेक
विषयों
में
नई-नई
तकनीक
की
जानकारी
भी
ले
रहे
हैं।
साथ
ही
किसी
चीज
को
वीडियो,
फोटो
और
स्कैच
के
जरिए
भी
समझ
रहे
हैं।
इसके
लिए
स्कूलों
के
शिक्षकों
को
भी
प्रशिक्षित
किया
जा
चुका
है।
इसके
अलावा
विषय
विशेषज्ञों
के
माध्यम
से
ऑनलाइन
भी
पढ़ाया
जा
रहा
है,
ताकि
बच्चों
को
पढ़ाई
करने
में
और
ललक
पैदा
हो
सके।
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अभी
तक
निजी
स्कूलों
में
स्मार्ट
क्लास
रूम
से
शिक्षा
दी
जाती
थी,
लेकिन
अब
सरकारी
स्कूलों
में
इसे
शुरू
किया
गया
है।
इससे
बच्चों
में
पढ़ाई
के
प्रति
ललक
पैदा
हो
रही
है।
जिला
शिक्षा
केंद्र
के
जिला
प्रोग्रामर
प्रदीप
अहिरवार
ने
बताया
कि
स्मार्ट
क्लास
में
छात्रों
की
अध्ययन
सामग्री
कम्प्यूटर
में
सुरक्षित
रहेगी।
कोर्स
भी
कम्प्यूटर
में
लोड
रहेगा।
विद्यार्थियों
की
ऑनलाइन
परीक्षा
ली
जाएगी।
दमोह
ब्लॉक
के
मिडिल
स्कूल
गुंजी,
बम्होरी,
मारुताल,
सोमखेड़ा,
स्थना,
उमरी,
बालाकोट,
बिसनाखेड़ी,
नोरतला
खुर्द
गुरू
गोविंद,
बालक
शाला
सिविल
वार्ड
स्कूल
सहित
अन्य
स्कूलों
के
बच्चे
स्मार्ट
क्लास
के
माध्यम
से
विशेष
ज्ञान
प्राप्त
करने
लगे
हैं।
स्मार्ट
क्लास
से
बच्चों
की
बौद्धिक
क्षमता
बढ़ेगी
डीपीसी
मुकेश
द्विवेदी
ने
बताया
स्मार्ट
क्लास
के
माध्यम
से
बच्चे
कई
ज्ञानवर्धन
जानकारियां
भी
प्राप्त
कर
रहे
हैं।
इससे
उनकी
बौद्धिक
क्षमता
का
विकास
हो
रहा
है।
जिले
के
55
स्कूलों
एवं
सात
कस्तूरबा
गांधी
बालिका
छात्रावास
में
स्मार्ट
क्लास
प्रारंभ
हो
चुकी
हैं।
जहां
पर
बच्चे
विशेष
रूचि
के
साथ
अध्ययन
कर
रहे
हैं।
इसके
माध्यम
से
बच्चे
में
पढ़ाई
के
प्रति
ललक
पैदा
हो
रही
है।