महाराष्ट्र: आखिर क्यों शिंदे की शिवसेना में काटा गया दो सांसदों का टिकट?

महाराष्ट्र: आखिर क्यों शिंदे की शिवसेना में काटा गया दो सांसदों का टिकट?
महाराष्ट्र: आखिर क्यों शिंदे की शिवसेना में काटा गया दो सांसदों का टिकट?


महाराष्ट्र
के
सीएम
एकनाथ
शिंदे.
(फाइल
फोटो)

देश
में
लोकसभा
चुनाव
2024
को
लेकर
राजनीतिक
दलों
की
हलचल
बढ़
गई
है.
सभी
पार्टियों
ने
अपनी
अपनी
तैयारियां
तेज
कर
दी
हैं.
महाराष्ट्र
में
एकनाथ
शिंदे
शिवसेना
ने
दो
मौजूदा
सांसदों
के
टिकट
काटे
है.
क्या
इस
कदम
से
पार्टी
में
आपके
नेता
नाराज
है?
इसको
लेकर
कैबिनेट
मंत्री
शंभूराज
देसाई
ने
बयान
देते
हुए
कहा
कि
हमारी
पार्टी
में
किसी
प्रकार
की
कोई
भी
नाराजगी
नहीं
है,जो
भी
कदम
उठाए
गए
है,वो
संबंधित
नेताओं
से
बातचीत
करने
के
बाद
उठाए
गए
है.

बीजेपी
का
अपना
सर्वे
है,
इसलिए
वो
क्या
शिंदे
सेना
पर
दबाव
बना
रही
है,जैसे
हिंगोली
और
यवतमाल
की
लोकसभा
सीटों
के
उम्मीदवारों
को
लेकर
बदलाव
किए
गए?
देसाई
ने
इसपर
बयान
देते
हुए
बताया
कि
जो
भी
बदलाव
किए
गए
है,उनके
संबंधित
उम्मीदवारों
के
घर
के
लोगों
को
टिकट
दिया
गया
है.


कैबिनेट
मंत्री
शंभूराज
देसाई
ने
दी
जानकारी

शंभूराज
देसाई
ने
कहा
कि
अगर
हेमंत
पाटील
की
बात
करें
तो
उनकी
पत्नी
को
टिकट
दिया
है.
उन्होंने
बताया
कि
उन्हें
उनके
मायके
यवतमाल
से
टिकट
दिया
गया
है.
नाशिक
और
रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग
की
लोकसभा
सीट
पर
शिंदे
सेना
और
बीजेपी
दोनों
भी
दावा
करते
दिख
रहे
है?
इस
सवाल
पर
शिंदे
सेना
के
नेता
और
मंत्री
शंभूराज
देसाई
ने
बयान
देते
हुए
कहा
कि
देखिए
हमरा
दावा
हमने
अभी
तक
छोड़ा
नहीं
है.
हमारे
नासिक
के
मंत्री
ने
भी
ये
बात
कही
है.
साथ
ही
हमने
इसको
लेकर
अपने
मुख्यमंत्री
को
भी
बोला
है
कि
नाशिक
हो
या
रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग
की
लोकसभा
सीट
पर
पिछली
बार
हमने
चुनाव
लडा
था,
इसलिए
इस
बार
भी
हमे
ये
दोनो
सीट
लड़नी
है.


चर्चा
कर
लेंगे
उचित
निर्णय

देसाई
ने
कहा
कि
हमने
मुख्यमंत्री
के
सामने
रखी
है.
इस
बारे
में
फैसला
लेने
के
लिए
हमने
अपने
सभी
अधिकार
अपने
नेता
एकनाथ
शिंदे
को
दिया
है,वो
सभी
वरिष्ठ
नेताओं
से
चर्चा
कर
इस
बारे
में
उचित
निर्णय
लेंगे.
उद्धव
ठाकरे
के
बयान
पर
कि
शिंदे
सेना
के
जिन
नेताओं
को
टिकट
नहीं
मिल
रहा
है,
उन
सभी
के
लिए
शिवसेना
उद्धव
ठाकरे
के
दरवाजे
बंद
है.
इस
पर
देसाई
का
बयान
देते
हुए
कहा
कि
हमारा
कोई
भी
नेता
या
कोई
भी
कार्यकर्ता
उद्धव
ठाकरे
के
दरवाजे
पर
जा
ही
नहीं
रहा
है.
ये
खुद
उद्धव
ठाकरे
सिर्फ
कहते
दिख
रहे
हैं.